voter id aadhaar card link : केंद्र सरकार एक बार फिर वोटर आईडी मतलब मतदाता पहचान पत्र को आधार नंबर से लिंक करने की योजना पर अमल शुरू करने की तैयारी में है। कोई 10 साल पहले सुप्रीम कोर्ट की लगाई रोक के बाद इस अभियान को स्थगित कर दिया गया था।
मंगलवार को चुनाव आयोग, केंद्रीय गृह मंत्रालय, केंद्रीय कानून मंत्रालय और यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया, यूआईडीएआई यानी आधार प्राधिकारण के अधिकारियों की बैठक हुई, जिसमें वोटर आईडी और आधार को लिंक करने पर सहमति बनी। बैठक में तय किया गया है कि इस पर विशेषज्ञों की राय ली जाएगी।
चुनाव आयोग का कहना है कि मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने का काम मौजूदा कानून और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार किया जाएगा। इससे पहले 2015 में भी ऐसी ही कोशिश हो थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसे रोक दिया गया था।
चुनाव आयोग ने कहा है, ‘संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार मतदान का अधिकार केवल भारत के नागरिक को दिया जा सकता है, लेकिन आधार केवल व्यक्ति की पहचान है। इसलिए यह फैसला किया गया कि मतदाता फोटो पहचान पत्र को आधार से लिंक करने के लिए सभी कानूनों का पालन किया जाएगा’। ( voter id aadhaar card link)
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आधार और वोटर ID लिंक करने की प्रक्रिया पहले से जारी
गौरतलब है कि मौजूदा कानून मतदाता सूचियों को आधार डेटाबेस के साथ स्वैच्छिक रूप से जोड़ने की अनुमति देता है। सरकार ने संसद में बताया है कि आधार और वोटर आईडी लिंक करने की प्रक्रिया पहले से चल रही है।
हालांकि इन दोनों को लिंक करने के लिए कोई लक्ष्य या समय सीमा तय नहीं की गई थी। सरकार ने यह भी कहा कि जो लोग अपने आधार कार्ड को मतदाता सूची से नहीं जोड़ते हैं, उनके नाम मतदाता सूची से नहीं काटे जाएंगे।
चुनाव आयोग के जानकार सूत्रों ने कहा है कि आगे आने वाले चुनावों में पारदर्शिता बढ़े और कार्य कुशलता आए इसके लिए वोटर आईडी को आधार से लिंक किया जा रहा है। ( voter id aadhaar card link)
यह भी कहा जा रहा है कि विपक्षी पार्टियों की ओर से मतदाता सूची में गड़बड़ी या डुप्लीकेट वोटर आईडी के आरोपों की वजह से भी आयोग ने यह पहल की है।
30 अप्रैल 2025 तक सुझाव मांगे ( voter id aadhaar card link)
चुनाव आयोग 31 मार्च से पहले प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी, जिलों के जिला चुनाव अधिकारी और चुनाव पंजीकरण अधिकारियों यानी ईआरओ के स्तर पर मीटिंग करेगा।
चुनाव आयोग ने कानूनी ढांचे के भीतर सभी राष्ट्रीय और राज्यों में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से 30 अप्रैल 2025 तक आधिकारिक तौर पर सुझाव मांगे हैं। ( voter id aadhaar card link)
बहरहाल, वोटर आईडी को आधार से लिंक करने का प्रयास चुनाव आयोग पहले भी कर चुका है। 2015 में चुनाव आयोग ने मार्च 2015 से अगस्त 2015 तक राष्ट्रीय मतदाता सूची शुद्धिकरण कार्यक्रम यानी एनईआरपीएपी चलाया था।
उस समय चुनाव आयोग ने 30 करोड़ से ज्यादा वोटर आईडी को आधार से लिंक कर दिया था। परंतु इस दौरान आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के करीब 55 लाख लोगों के नाम वोटर डेटाबेस से हट गए थे।
इसी को लेकर आधार की संवैधानिकता का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था और सर्वोच्च अदालत ने चुनाव आयोग को वोटर आईडी और आधार को लिंक करने से रोक दिया था। ( voter id aadhaar card link)