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31-03-2025 Vol 19

सच्चा सिर्फ मॉर्निंग कंसल्ट है

अमेरिका की एक तकनीकी कंपनी है डिलॉयट। इसने कुछ साल पहले एक बिजनेस इंटेलीजेंस यूनिट बनाई थी। इसका नाम है मॉर्निंग कंसल्ट। यह संस्था दुनिया के कई देशों में सर्वे करके नेताओं की लोकप्रियता का इंडेक्स बनाती है। इसके सर्वे करने का तरीका भी सामान्य सर्वे की तरह है। जैसे भारत में औसतन तीन हजार लोगों से पूछा जाता है कि उनकी नजर में सबसे लोकप्रिय नेता कौन है? इसी तरह अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, मेक्सिको आदि देशों में भी पूछ कर उस आधार पर रिपोर्ट तैयार होती है। जब से इस संस्था ने काम शुरू किया है तब से हर बार के सर्वे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे लोकप्रिय नेता चुने जारहे हैं। इसका कारण यह है कि भारत में जिन तीन हजार लोगों से पूछा जाता है उनमें से 70 फीसदी मोदी का नाम लेते हैं। बाकी किसी देश में किसी नेता को इतनी एप्रूवल नहीं मिलती है।

फरवरी के पहले हफ्ते में मॉर्निंग कंसल्ट का ताजा सर्वे आया, जिसके मुताबिक दुनिया के तमाम नेताओं को पीछे छोड़ कर मोदी एक बार फिर नंबर वन लोकप्रिय नेता बने। हर बार की तरह उन्होंने जो बाइडेन, इमैनुएल मैक्रों, जस्टिन ट्रूडो, ऋषि सुनक आदि सबको पीछे छोड़ दिया। मजेदार बात यह है कि बाइडेन टॉप पांच सबसे लोकप्रिय नेताओं में नहीं हैं और सुनक टॉप 10 की सूची से भी बाहर हैं। इस आधार पर भारत में मोदी को दुनिया का सबसे लोकप्रिय और बड़ा नेता बताया जाता है। मीडिया में घंटों यह खबर चलती है और भाजपा के नेता इसे ट्विट करके बताते हैं कि दुनिया में मोदी कितने लोकप्रिय हैं। सो, उनकी नजर में दुनिया की एकमात्र सच्ची संस्था मॉर्निंग कंसल्ट है।

वैसे इस संस्था के मुताबिक मोदी के बाद दुनिया के सबसे लोकप्रिय मेक्सिको के राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओब्राडोर हैं। तीसरे स्थान पर स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति अलैन बेरसेट हैं। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज चौथे और ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डीसिल्वा पांचवें सबसे लोकप्रिय नेता हैं। सोचें, क्या मोदीजी को इन्हीं की श्रेणी का नेता माना जाए? अगर मोदीजी बाइडेन, मैक्रों, ट्रूडो, सुनक से ऊपर हैं तो ओब्राडोर, लूला, अल्बानीज और बेरसेट भी तो उन सबसे ऊपर हैं।

हरिशंकर व्यास

मौलिक चिंतक-बेबाक लेखक और पत्रकार। नया इंडिया समाचारपत्र के संस्थापक-संपादक। सन् 1976 से लगातार सक्रिय और बहुप्रयोगी संपादक। ‘जनसत्ता’ में संपादन-लेखन के वक्त 1983 में शुरू किया राजनैतिक खुलासे का ‘गपशप’ कॉलम ‘जनसत्ता’, ‘पंजाब केसरी’, ‘द पॉयनियर’ आदि से ‘नया इंडिया’ तक का सफर करते हुए अब चालीस वर्षों से अधिक का है। नई सदी के पहले दशक में ईटीवी चैनल पर ‘सेंट्रल हॉल’ प्रोग्राम की प्रस्तुति। सप्ताह में पांच दिन नियमित प्रसारित। प्रोग्राम कोई नौ वर्ष चला! आजाद भारत के 14 में से 11 प्रधानमंत्रियों की सरकारों की बारीकी-बेबाकी से पडताल व विश्लेषण में वह सिद्धहस्तता जो देश की अन्य भाषाओं के पत्रकारों सुधी अंग्रेजीदा संपादकों-विचारकों में भी लोकप्रिय और पठनीय। जैसे कि लेखक-संपादक अरूण शौरी की अंग्रेजी में हरिशंकर व्यास के लेखन पर जाहिर यह भावाव्यक्ति -

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