Saturday

01-03-2025 Vol 19

खतरनाक बनते हालात

विवेक की बात तो यही होगी कि इस चिंता को टकराव की मुद्रा में दिख रहे दोनों पक्ष भी समझें। उन्हें कम से कम वैसा विवेक जरूर दिखाना चाहिए जो पहले शीत युद्ध के समय अमेरिका और सोवियत संघ ने दिखाया था।

दुनिया में टकराव इतनी तेजी से बढ़ रहा है कि कब कोई भूल बड़ी लड़ाई का कारण बन जाए, कहना लगातार मुश्किल होता जा रहा है। अभी कुछ दिन पहले शी जिनपिंग ने अमेरिका का नाम लेकर उस पर चीन को घेरने और दबाने का आरोप लगाया। उसे इस बात का संकेत माना गया कि अब चीन अमेरिका से सीधे दो-दो हाथ करने को तैयार हो रहा है। इसी बीच इस हफ्ते काला सागर के ऊपर रूस के लड़ाकू जहाज ने एक अमेरिकी ड्रोन को मार गिराया। इस पर विरोध जताने के लिए अमेरिका ने वॉशिंगटन स्थित रूसी राजदूत को बुलाया। उसके बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए रूसी राजदूत अनातोली अंतोनोव ने हमलावर अंदाज में पूछा कि आखिर उस क्षेत्र में अमेरिकी ड्रोन गया क्यों था।

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक रूस के एसयू-27 ने ड्रोन के प्रोपेलर पर टक्कर मारी। इसकी वजह से यूक्रेन के पास काले सागर में ड्रोन क्रैश हो गया। अमेरिकी वायु सेना के मुताबिक टक्कर से पहले भी कई बार एसयू-27 ने एमक्यू-9 के सामने खतरनाक अंदाज में फ्यूल डंप किया।

जबकि रूस का कहना है कि रूसी फाइटर जेटों ने किसी हवाई हथियार का इस्तेमाल नहीं किया। रूस ने अमेरिका से रूसी सीमा के पास ड्रोन ऑपरेट ना करने को कहा है। अमेरिका में तैनात रूस के राजदूत ने उस इलाके में अमेरिकी ड्रोन की उड़ान को अस्वीकार्य बताया और कहा- “हमारी सीमाओं के पास अमेरिका सेना के ये अस्वीकार्य कदम चिंता की बात हैं। अगर, उदाहरण के लिए, एक रूसी हमलावर ड्रोन न्यूयॉर्क या सैनफ्रांसिस्को के पास दिखे तो, अमेरिकी वायुसेना और नौसेना क्या करेंगे?” तो जाहिर है कि अब नए बने हालात के बीच पश्चिम और रूस-चीन की धुरी में से कोई नरम रुख अपनाने को तैयार नहीं। इससे दुनिया भर में चिंता गहरा रही है।

विवेक की बात तो यही होगी कि इन हालात से पैदा हो रही चिंता को टकराव की मुद्रा में दिख रहे दोनों पक्ष भी समझें। उन्हें कम से कम वैसा विवेक जरूर दिखाना चाहिए जो पहले शीत युद्ध के समय अमेरिका और सोवियत संघ ने दिखाया था, जिसकी तब विश्व युद्ध से दुनिया बची रही थी।

NI Editorial

The Nayaindia editorial desk offers a platform for thought-provoking opinions, featuring news and articles rooted in the unique perspectives of its authors.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *