Tuesday

15-04-2025 Vol 19

वीवीपैट की गिनती जरूरी

यह अनिवार्य है कि निर्वाचन प्रक्रिया के किसी भी स्तर पर उठने वाले संदेहों का पूरा निवारण किया जाए। लोकतंत्र में यह विश्वास सबसे महत्त्वपूर्ण होता है कि चुनाव के जरिए वास्तविक जनमत की अभिव्यक्ति हुई है। तभी जनादेश सर्व-स्वीकृत बना रहता है।

सुप्रीम कोर्ट ने आश्वासन दिया है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में दर्ज होने वाले वोट और उससे संबंधित वीवीपैट पर्चियों की पूरी गिनती की अर्जियों पर वह समय रहते अपना निर्णय देगा। लेकिन फिलहाल संकेत यह मिला है कि अदालत ने इस मसले को सर्वोच्च प्राथमिकता नहीं दी है। वरना, सुनवाई दो हफ्तों के लिए नहीं टाली जाती। समस्या यह है कि 19 अप्रैल से मतदान शुरू हो जाएगा। यह तारीख जितनी करीब आएगी, निर्वाचन आयोग की यह दलील उतनी ठोस होती जाएगी कि इस मामले में सिस्टम बदलने के लिए पर्याप्त समय नहीं बचा है।

इस मामले में निर्वाचन आयोग के रुख पर पहले से कई सवाल रहे हैं। जबकि ना सिर्फ विपक्ष, बल्कि सिविल सोसायटी के भी बहुत बड़े दायरे में चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता पर गहराते शक के साथ वीवीपैट पर्चियों की पूरी गिनती की मांग जोर पकड़ती गई है। मुमकिन है कि इन संदेहों में कोई दम ना हो। इसके बावजूद यह अनिवार्य है कि निर्वाचन प्रक्रिया के किसी भी स्तर पर उठने वाले संदेहों का पूरा निवारण किया जाए।

लोकतंत्र में यह विश्वास सबसे महत्त्वपूर्ण होता है कि चुनाव के जरिए वास्तविक जनमत की अभिव्यक्ति हुई है। तभी मिला जनादेश सर्व-स्वीकृत बना रहता है। अगर इसके विपरीत धारणाएं बनीं, तो फिर पराजित पक्ष अपनी हार को सहजता से स्वीकार नहीं कर पाता, जिससे पूरे राजसत्ता की वैधता को चुनौती मिलने की दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियां पैदा हो सकती हैं। इसलिए इसे आवश्यक माना जाता है कि मतदाता सूची तैयार करने से लेकर चुनाव परिणाम की घोषणा तक का हर कदम विश्वसनीय ढंग से उठाया जाए।

दुर्भाग्य से इनमें से कुछ प्रक्रियाओं पर आज संदेह पैदा हो गया है। इसीलिए सुप्रीम कोर्ट ने जब वीवीपैट संबंधी अर्जियों पर फिर से सुनवाई का फैसला किया, तो उससे समाज के एक बड़े हिस्से में उम्मीद पैदा हुई। वीवीपैट पर्चियों की गिनती के खिलाफ व्यावहारिक दिक्कत संबंधी कई दलीलें दी जाती हैं। लेकिन चुनाव प्रक्रिया को संदेहों से परे बनाए रखने के लिए तमाम दिक्कतों को बेहिचक स्वीकार की जानी चाहिए। आशा है, अपना निर्णय देते वक्त सुप्रीम कोर्ट इस आकांक्षा को ध्यान में रखेगा।

NI Editorial

The Nayaindia editorial desk offers a platform for thought-provoking opinions, featuring news and articles rooted in the unique perspectives of its authors.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *