Wednesday

23-04-2025 Vol 19

ब्रिटेन में ये हाल क्यों?

हालिया घटनाओं ने संवेदनशील ब्रिटिश नागरिकों को यह सोचने पर मजबूर किया है कि आखिर- खास कर युवा वर्ग में इतना असंतोष और नाराजगी क्यों घर किए हुए है? स्पष्टतः इसके पीछे एक वजह बढ़ी आर्थिक मुसीबतों से जीवन स्तर में आई गिरावट है।

ब्रिटेन जैसे विकसित समाज में नफरती जज्बातों से भरपूर दंगे होंगे, कभी यह सोचना मुश्किल हो सकता था। दंगे शुरू होने के बाद हफ्ते भर बाद तक वे जारी रहेंगे, यह सोचना तब और भी कठिन हो सकता था। लेकिन यही आज ब्रिटेन की हकीकत है। देश में पिछले एक दशक में जैसी सियासत हुई, अब उसकी बहुत महंगी कीमत ब्रिटेन को चुकानी पड़ रही है। ब्रेग्जिट आंदोलन के समय से वहां निशाने पर आव्रजक रहे हैं। आव्रजकों को लेकर तरह-तरह की बातें फैलाई गईं और नफरत का माहौल बनाया गया। सोशल मीडिया पर ऐसे दुष्प्रचार चलते रहे। उधर मुख्यधारा के राजनीतिक दल उससे बने माहौल का फायदा उठाने में जुटे रहे। अब ये माहौल बेकाबू हो गया है। पिछले हफ्ते साउथपोर्ट में तीन लड़कियों की चाकू मार कर हत्या कर दी गई। धुर दक्षिणपंथी गुटों ने सोशल मीडिया पर हत्यारे को लेकर तथ्यहीन मुहिम छेड़ी। इसमें हत्यारे को मुस्लिम और आव्रजक बताया गया। हालांकि इन बातों का खंडन हो गया है, लेकिन सोशल मीडिया पर अब भी संगठित तौर पर दुष्प्रचार जारी है। इससे भड़के लोगों ने जगह-जगह हमले किए हैँ।

खासकर मुस्लिम समुदाय के लोगों और आव्रजकों के ठिकानों को निशाना बनाया गया है। हालात इतने बेकाबू हुए कि सेना बुलाने की मांग कई हलकों से की गई है। रविवार को प्रधानमंत्री कियर स्टार्मर ने देश को संबोधित किया। कहा कि इस धुर दक्षिणपंथी गतिविधियों में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। मगर उससे दंगे थमे नहीं। बल्कि ये लिवरपुल से बेलफास्ट, और साउथ टिनेसाइड तक फैल गए। उधर इनके विरोध में मिली-जुली संस्कृति के समर्थक गुट भी सड़कों पर उतर आए। कई जगहों पर दोनों गुटों में हिंसक झड़पें हो चुकी हैं। इन घटनाओं ने संवेदनशील ब्रिटिश नागरिकों को यह सोचने पर मजबूर किया है कि आखिर- खास कर युवा वर्ग में इतना असंतोष और नाराजगी क्यों घर किए हुए है? स्पष्टतः इसके पीछे एक खास वजह बढ़ी आर्थिक मुसीबतों से जीवन स्तर में आई गिरावट है। ऐसी स्थितियों में सामाजिक तनाव का बढ़ना अस्वाभाविक नहीं है। लेकिन इस मोर्चे पर ब्रिटिश नेतृत्व खुद को लाचार पा रहा है।

NI Editorial

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