ट्रंप ने प्रस्तावित व्यापार युद्ध का पहला गोला दागा है। इससे दुनिया को संदेश दिया है कि उनका प्रशासन किसी समझौते का ख्याल नहीं करेगा। भारत और यूरोप इसके असर से फिलहाल बच गए हैं, लेकिन लंबे समय तक वे शायद ही बच पाएं।
डॉनल्ड ट्रंप ने अमेरिका का राष्ट्रपति पद संभालने के 56 दिन पहले ही अपने तीन प्रमुख व्यापार सहयोगी देशों के खिलाफ आयात शुल्क में भारी बढ़ोतरी का एलान कर दिया है। इसके तहत 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद संभालते ही वे कनाडा और मेक्सिको से अमेरिका में आने वाली वस्तुओं पर 25 प्रतिशत आयात शुल्क लगा दिया जाएगा। चीन से आयातित वस्तुओं पर 10 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगेगा। चीन से होने वाले आयात पर पहले ही अलग-अलग, लेकिन ऊंची दरों से आयात शुल्क लगाया जा चुका है। कनाडा और मेक्सिको के साथ अमेरिका का मुक्त व्यापार समझौता है। जाहिर है, इस घोषणा के जरिए ट्रंप ने दुनिया को यह संदेश भी दिया है कि उनका प्रशासन किसी समझौते का ख्याल नहीं करेगा।
इस तरह उन्होंने प्रस्तावित व्यापार युद्ध का पहला गोला दागा है। भारत और यूरोपीय देश इसके असर से फिलहाल बच गए हैं, लेकिन लंबे समय तक वे बच पाएंगे, इसकी संभावना कम ही है। राष्ट्रपति चुनाव अभियान दौरान ट्रंप ने इन देशों के खिलाफ भी आयात शुल्क लगाने का इरादा जताया था। उसके मुताबिक भारत से होने वाले आयात पर 10 प्रतिशत का शुल्क लगेगा। ट्रंप की इस घोषणा ने अमेरिकी कारोबार जगत में उथल-पुथल मचा दी है। मंगलवार को यह एलान होते ही शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखी गई। उधर कारोबार से जुड़ी संस्थाओं ने दो-टूक कहा कि इस कदम के परिणामस्वरूप अमेरिका में महंगाई तेजी से बढ़ेगी, उद्योगों की लागत बढ़ जाएगी जिससे अमेरिकी निर्यात भी महंगे हो जाएंगे।
उधर चीन, मेक्सिको और कनाडा ने जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है। यानी वे भी अमेरिकी वस्तुओं पर शुल्क लगाएंगे। नतीजा होगा कि उन बड़े बाजारों में अमेरिकी निर्यात और महंगे हो जाएंगे, जिससे वहां अमेरिकी कंपनियों का हिस्सा घटना तय है। आम समझ है कि व्यापार चक्र को इस तरह पलटना किसी के फायदे में नहीं है। ट्रंप ने कहा है कि उपरोक्त तीनों देश मादक पदार्थ और अपराधियों को अमेरिका भेज रहे हैं, इसलिए उन्हें दंडित करने के मकसद से उन्होंने ये कदम उठाया है। मगर ये बात शायद ही किसी के गले उतरेगी।