judge cash : न्यायपालिका में कथित रिश्वतखोरी का संदेह और गहरा हुआ, तो उसका कितना हानिकारक असर इस संस्था की विश्वसनीयता पर पड़ेगा, इसकी चिंता तमाम लोगों को करनी चाहिए। सच से भी ज्यादा अक्सर संदेह का साया साख के लिए हानिकारक साबित होता है।
यह काबिल-ए-तारीफ है कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम में कथित मतभेद के बावजूद प्रधान न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना ने दिल्ली हाई कोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास का वीडियो सार्वजनिक कर दिया, जिसमें वहां मिली नकदी लोगों को नजर आई।
इस कदम से सुप्रीम कोर्ट की एक टिप्पणी और दिल्ली फायर विभाग के स्पष्टीकरण से फैली व्यग्रता पर कुछ विराम लगा है। इन टिप्पणियों को मामले पर परदा डालने की कोशिश के रूप में देखा गया था। (judge cash)
यह भी अच्छी बात है कि इस मामले की जांच के लिए तीन हाई कोर्टों के मुख्य न्यायाधीशों की समिति बिना देर किए बनाई गई है। इसके बाद अब इस अंदेशे को दूर करने की जरूरत है कि समिति की जांच में प्रक्रियागत उलझनों के कारण देर हो सकती है।
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लोगों के भरोसे पर नए सिरे से प्रहार (judge cash)
इसलिए बेहतर होगा कि सर्वोच्च न्यायालय जांच की एक समयसीमा तय करे और उस पर सख्ती से अमल सुनिश्चित कराए। बेशक जस्टिस वर्मा को अपना पक्ष रखने का पूरा मौका दिया जाना चाहिए और सभी संबंधित व्यक्तियों से पूरी पूछताछ कर साक्ष्य जुटाया जाना चाहिए।
मगर इसे अनावश्यक देर का कारण नहीं बनने दिया जाना चाहिए। इसका अहसास तो माननीय न्यायाधीशों को भी होगा कि इस घटना से न्यायपालिका में लोगों के भरोसे पर नए सिरे से प्रहार हुआ है। न्यायपालिका में भ्रष्टाचार है, ऐसी सोच रखने वाले लोगों की संख्या पहले ही काफी हो चुकी है।
उसके अलावा वर्तमान सत्ताधारी पार्टी के हितों से जुड़े मसलों पर न्यायपालिका के रुख ने भी समाज के एक बड़े हिस्से में उद्विग्नता पैदा कर रखी है। (judge cash)
रिटायरमेंट के तुरंत बाद जजों के लाभ का पद स्वीकार करने की बढ़ी प्रवृत्ति से पद पर रहते हुए उनके दिए न्यायिक फैसलों के पीछे के प्रेरक कारणों पर अटकलों का बाजार गर्म कर रखा है।
इस पृष्ठभूमि में न्यायपालिका में कथित रिश्वतखोरी का संदेह अगर और गहरा हुआ, तो उसका कितना हानिकारक असर इस संस्था की विश्वसनीयता पर पड़ेगा, इसकी चिंता तमाम लोगों को करनी चाहिए।
इस सिलसिले में यह दोहराने की जरूरत है कि अक्सर सच से भी ज्यादा संदेह का साया साख के लिए हानिकारक होता है। (judge cash)