Wednesday

23-04-2025 Vol 19

रास्ता आसान नहीं है

मोदी-वेंस वार्ता के बाद जारी विज्ञप्तियों में कहा गया कि द्विपक्षीय व्यापार समझौते में ध्यान ‘दोनों देशों की जनता के कल्याण’ पर केंद्रित है। मगर इस समझौते की पृष्ठभूमि को ध्यान में रखें, तो यह दावा अतिशयोक्ति मालूम पड़ता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस ने भारत- अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार में हुई “महत्त्वपूर्ण” प्रगति का स्वागत किया है। भारत यात्रा पर आए वेंस की मोदी से हुई बातचीत के बाद दोनों देशों की विज्ञप्तियों में कहा गया कि प्रस्तावित समझौते में ध्यान ‘दोनों देशों की जनता के कल्याण’ पर केंद्रित रखा गया है। मगर इस समझौते के लिए जारी वार्ता की पृष्ठभूमि को ध्यान में रखें, तो यह दावा अतिशयोक्ति मालूम पड़ता है। अन्य देशों के साथ चल रही ऐसी वार्ताओं से मिले संकेतों पर ध्यान दें, तो उसका संदेश भी यही है कि डॉनल्ड ट्रंप प्रशासन तमाम देशों से अधिकतम लाभ झटकने के अपने मकसद पर अड़ा हुआ है।

भारत- अमेरिका व्यापार वार्ता में बाधाएं

सोमवार को ही जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा का बयान दुनिया भर में चर्चित हुआ कि जापान अमेरिका की हर मांग नहीं मानेगा। उन्होंने कहा- ‘हम उनकी हर मांग मानते रहे, तो अपने राष्ट्रीय हित की रक्षा नहीं कर पाएंगे।’ उधर मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबॉम ने एलान किया कि उनके देश का अमेरिका के साथ समझौता नहीं हो सका है। ऐसा ही अनुभव यूरोपियन यूनियन का भी रहा है।

बीते रविवार को ट्रंप ने आठ तरीकों की लिस्ट जारी की, जिसे उन्होंने “गैर- टैरिफ धोखाधड़ी” बताया। गौरतलब है कि व्यापार वार्ताओं में अमेरिका ने विभिन्न देशों में अमेरिकी कंपनियों के सामने आने वाली “गैर- टैरिफ रुकावटों” को भी एजेंडे पर रखा है।

भारत के साथ व्यापार वार्ता में ये मुद्दा शामिल है। इस वार्ता का अगला दौर बुधवार से वॉशिंगटन में शुरू होगा। इससे पहले ट्रंप प्रशासन का जो रुख सामने आया है, उससे नहीं लगता कि वह भारत के साथ कोई विशेष रियायत बरतने के मूड में है। ऐसे में मोदी- वेंस वार्ता में दोनों देशों की जनता के कल्याण का ख्याल रखने की बात महज हेडलाइन मैनेजमेंट का हिस्सा लगता है। हकीकत तो यह है कि भारतीय अधिकारी और व्यापार विशेषज्ञ भी अमेरिका से द्विपक्षीय समझौता हो जाने को लेकर बहुत आशान्वित नहीं हैं। उन्होंने इस राह में मौजूद मुश्किलों का स्पष्ट उल्लेख किया है। इसीलिए ‘महत्त्वपूर्ण प्रगति’ की बात भी कुछ रहस्यमय लगती है।

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Pic Credit: ANI

NI Editorial

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