Donald Trump: डॉनल्ड ट्रंप ने कनाडा और मेक्सिको से अमेरिका में होने आयात पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाने का एलान उथल-पुथल मचाई। इससे ना सिर्फ अमेरिका, बल्कि दुनिया भर के वित्तीय बाजारों को झटके लगे।
इसी बीच उन्होंने मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबॉम और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो से बातचीत की और टैरिफ को एक महीने के लिए टाल दिया। बताया गया कि दोनों देशों से अमेरिका का डील हो गया है।
इसके तहत दोनों देश अमेरिका से लगी सीमा पर दस हजार सैनिक तैनात करेंगे, ताकि वहां से अवैध आव्रजकों तथा मादक पदार्थ फेंटानील की तस्करी रोकी जा सके।
खड़े हुए विवाद का लाभ उठाते हुए शीनबॉम ने ट्रंप से यह वादा ले लिया कि उनका प्रशासन अमेरिका से हथियारों की मेक्सिको में तस्करी रोकेगा।(Donald Trump)
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अमेरिकी शेयर बाजारों में उछाल(Donald Trump)
मेक्सिको का दावा है कि अमेरिकी हथियारों की आसानी से उपलब्धता के कारण वहां अपराध की दर बढ़ी है। डील की खबरें आते ही अमेरिकी शेयर बाजारों में उछाल आ गया।(Donald Trump)
उधर ट्रंप प्रशासन के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पनामा यात्रा के दौरान वहां के राष्ट्रपति से वादा हासिल किया कि वे चीन के साथ बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव में शामिल होने का करार रिन्यू नहीं करेंगे।
इस तरह पनामा से जबरन पनामा नहर छीने जाने की आशंका फिलहाल दूर हो गई है। इन तीनों प्रकरणों का सार क्या है? यही कि ट्रंप दुनिया में क्षीण हो रहे अमेरिकी प्रभाव को पुनर्स्थापित करना चाहते हैँ।
यह संदेश देने के बाद वे कदम पीछे खींच रहे हैं। ऐसा ही ग्रीनलैंड के मामले में होने की भी चर्चा है। वहां के समृद्ध खनिज भंडारों के दोहन का ठेका अमेरिकी कंपनियों को दिलवा कर ग्रीनलैंड पर कब्जे का इरादा संभवतः ट्रंप छोड़ देंगे।
उधर यूसएड नामक एजेंसी को बंद करने की घोषणा से हलचल मचाने के बाद ट्रंप के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इसे पुनर्गठित कर दोबारा अस्तित्व में लाया जाएगा।(Donald Trump)
तो अब इस अनुमान में दम मालूम पड़ने लगा है कि ट्रंप के काल में सचमुच ज्यादा कुछ नहीं बदलेगा। उनका सारा रौद्र रूप नए सिरे से डील करके यथासंभव बेहतर लाभ हासिल करने भर का है।