Wednesday

23-04-2025 Vol 19

किसकी कीमत पर मौज?

कॉरपोरेट सेक्टर की उदारता और मौज-मस्ती पर धनी तबके के अधिक खर्च की बढ़ी प्रवृत्ति से एयर लाइन उद्योग में और चमक आएगी। मगर विडंबना यह है कि ये चमक जिस विशाल दलदल के बीच मौजूद है, उसका भुरभुरापन बढ़ता ही जा रहा है।

विमानन कंपनियां खुश हैं कि भारत में बिजनेस क्लास में यात्रा करने का ट्रेंड तेजी से बढ़ा है। ट्रेवल एजेंसियां भी खुश हैं। इस क्लास का टिकट कटवाने पर उन्हें ज्यादा कमीशन मिल रहा है। इन एजेंसियों के मुताबिक भारतीय अब विमान यात्रा के बेहतर अनुभव को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं। कॉरपोरेट्स अपने अधिकारियों को बेहतर सुविधा देने पर उदारता से खर्च कर रहे हैं।

नतीजतन छुट्टियों के इस सीजन में बिजनेस क्लास की टिकट बिक्री में ऑनलाइन ट्रेवल एजेंसी मेक माई ट्रिप के मुताबिक 50 प्रतिशत और क्लीयरट्रिप के मुताबिक 60 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। खासकर जो लोग विदेश यात्राएं करते हैं, उनमें बिजनेस क्लास का आकर्षण तेजी से बढ़ा है। इस रुझान को देखते हुए देशी और विदेशी विमानन कंपनियां अपने विमानों में इस सुविधा को बढ़ाने में जुटी हैं।

Also Read: शाह ने सफाई दी और कांग्रेस पर हमला किया

और ऐसा सरकारी नीतियों और कॉरपोरेट सेक्टर के अधिक से अधिक वित्तीय कारोबार में शामिल होते जाने के कारण हुआ है। दूसरी तरफ इन नीतियों का ही परिणाम है कि करोड़ों मेहनतकश कर्मचारियों की वास्तविक आय गिरती चली गई है। परिणामस्वरूप उपभोग और मांग बाजार से गायब होते जा रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक 2019 में दी गई कॉरपोरेट टैक्स छूट से पिछले पांच साल में अतिरिक्त लगभग छह लाख करोड़ रुपये कॉरपोरेट्स की जेब में गए हैं। इस रकम का उत्पादक निवेश करने के बजाय कॉरपोरेट्स ने अपने अधिकारियों की मौज-मस्ती बढ़ाई है। स्पष्टतः ये रुझान बढ़ती गैर-बराबरी का ही संकेत है।

NI Editorial

The Nayaindia editorial desk offers a platform for thought-provoking opinions, featuring news and articles rooted in the unique perspectives of its authors.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *