Wednesday

23-04-2025 Vol 19

साख का क्या होगा?

यह धारणा मजबूत हो गई है कि आरोपी सत्ताधारी पार्टी में चले जाएं, तो फिर उनके खिलाफ कार्रवाई ठहर जाती हैं। फिलहाल, सरकार को ऐसी धारणाओं की परवाह नहीं है। लेकिन यह धारणा जांच एजेंसियों की साख को क्षीण करती जा रही है।

इस हफ्ते मंगलवार को न्यूजक्लिक वेबसाइट और उससे जुड़े कर्मचारी सरकार के निशाने पर आए। अगले दिन आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह के घर पर प्रवर्तन निदेशालय ने ना सिर्फ छापा मारा, बल्कि कथित शराब घोटाले में उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया। और गुरुवार सुबह-सुबह यह खबर आई कि आय कर विभाग तमिलनाडु में स्थित डीएमके सांसद एस जगतरक्षण के 40 से ज्यादा ठिकानों पर दबिश दे दी है। वैसे तो ऐसी कार्रवाइयों का अब लंबा सिलसिला बन चुका है, लेकिन हाल में इनमें काफी तेजी आई दिख रही है। इस तेजी के पीछे कारण या मंशा चाहे जो हो, लेकिन यह तो रोज अधिक साफ होता जा रहा है कि ऐसी कार्रवाइयां देश के एक बड़े जनमत में उतनी ही तेजी से अपनी साख गंवाती जा रही हैं। मुमकिन है कि सरकारी एजेंसियां जो इल्जाम लगा रही हैं, उनमें दम हो। लेकिन यह निर्विवाद है कि इन एजेंसियों को ऐसे इल्जाम सिर्फ विपक्षी नेताओं या सरकार से असहमत मीडिया और गैर-सरकारी संगठनों के मामले में ही नजर आते हैँ।

यह धारणा मजबूत होती चली गई है कि जिन पर आरोप लगे हों, अगर वे सत्ताधारी पार्टी में चले जाएं, तो फिर कार्रवाइयां भी उसी मुकाम पर ठहर जाती हैं। फिलहाल, सरकार को ऐसी धारणाओं की परवाह नहीं है। लेकिन यह धारणा जांच एजेंसियों की साख को क्षीण करती जा रही है। विपक्ष की तरफ से उनके सरकार का राजनीतिक हथियार होने की बात अब खुल कर कही जाती है और इस पर यकीन करने वाले लोगों की संख्या बढ़ती चली गई है। संजय सिंह की गिरफ्तारी से ऐसी धारणा और मजबूत होगी। संजय सिंह पर आरोप है कि उन्होंने व्यापारी दिनेश अरोड़ा को मनीष सिसोदिया से मिलवाया था। अरोड़ा और सिसोदिया इस मामले में अभियुक्त हैं, लेकिन अरोड़ा अब सरकारी गवाह बन चुका है। अब तक जो तथ्य सार्वजनिक हुए हैं, उनसे शराब घोटाले में संजय सिंह की प्रत्यक्ष भूमिका के कोई संकेत नहीं हैँ। क्या ऐसे आरोपी की गिरफ्तारी एक सामान्य प्रक्रिया समझी जाएगी? सामान्य दिनों में ऐसा नहीं होता था। लेकिन अभी हम सामान्य समय में नहीं जी रहे हैं।

NI Editorial

The Nayaindia editorial desk offers a platform for thought-provoking opinions, featuring news and articles rooted in the unique perspectives of its authors.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *