Wednesday

23-04-2025 Vol 19

चंडीगढ़ में जो हुआ

सरसरी तौर पर जो हालात दिखते हैं, उनको लेकर संदेह खड़ा हुआ है। मेयर के चुनाव में इंडिया गठबंधन की जीत तय मानी गई थी। लेकिन कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के साथ आने के बाद से जैसी घटनाएं हुईं, उन्होंने सारे प्रकरण को संदिग्ध बना दिया है।

चंडीगढ़ के मेयर के चुनाव का विवाद अब न्यायपालिका के दायरे में है। अब पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट इस पर फैसला देगा कि क्या पीठासीन अधिकारी ने आठ वोटों को गलत ढंग से अवैध करार देकर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार को विजयी घोषित किया। बहरहाल, इस तरह का विवाद उठा, यही बड़ी चिंता की बात है। सरसरी तौर पर जो हालात दिखते हैं, उनको लेकर संदेह खड़ा हुआ है। नगर परिषद में इंडिया गठबंधन (आम आदमी पार्टी+ कांग्रेस) के 20 सदस्य हैं और भाजपा+ अकाली दल के 16. ऐसे में इंडिया गठबंधन की जीत तय मानी गई थी। लेकिन कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के साथ आने के बाद से जैसी घटनाएं हुईं, उन्होंने संदेह को जन्म दिया। पहले तो भाजपा के पदाधिकारी रह चुके एक व्यक्ति को पीठासीन अधिकारी बनाया गया। फिर 18 जनवरी को उस पीठासीन अधिकारी ने खुद के बीमार होने की बात कह कर अचानक चुनाव टाल दिया। आप और कांग्रेस का आरोप है कि सोमवार को उनके आठ पार्षदों के वोट पर खुद पीठासीन अधिकारी ने अतिरिक्त निशान बनाकर उन्हें अवैध करने का आधार बनाया।

दोनों पार्टियों का दावा है कि यह सारी गतिविधि कैमरे में कैद है। ये दावे कितने ठोस हैं, इस पर कोर्ट के निर्णय का इंतजार रहेगा। लेकिन चुनाव प्रक्रिया को लेकर भारत में जिस तरह संदेह का वातावरण गहरा रहा है, वह चिंताजनक है। कुछ ही पहले यह सामने आया है कि चुनावों के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन बनाने वाली कंपनी बीईएल के निदेशक मंडल में चार भाजपा पदाधिकारियों को नियुक्त कर दिया गया है। इससे यह वाजिब सवाल उठा है कि जिस कंपनी की कार्य-प्रणाली में सर्वोच्च पारदर्शिता और निष्पक्षता जरूरी है, वहां किसी पार्टी विशेष के पदाधिकारी निदेशक कैसे रह सकते हैं? निर्वाचन आयोग में नियुक्तियों और इलेक्ट्रॉल बॉन्ड जैसे मुद्दों के कारण पहले ही चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता पर अनेक गंभीर सवाल उठ चुके हैं। ऐसा लगता है कि वर्तमान केंद्र सत्ता पक्ष की रुचि इन सवालों का उत्तर देने में नहीं, बल्कि इन्हें और संदिग्ध बनाने में है। लेकिन लोकतंत्र के लिए यह खतरनाक नजरिया है।

NI Editorial

The Nayaindia editorial desk offers a platform for thought-provoking opinions, featuring news and articles rooted in the unique perspectives of its authors.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *