Wednesday

23-04-2025 Vol 19

दुनिया के लिए चेतावनी

आईएमएफ के आकलन को बाइडेन प्रशासन की राजकोषीय नीति की कड़ी आलोचना के रूप में देखा गया है। इस संस्था ने चेताया है कि अमेरिका सरकार पर बढ़ रहे कर्ज के कारण देश में मुद्रास्फीति आसमान छू सकती है, जिसका विश्व अर्थव्यवस्था पर दीर्घकालिक प्रभाव होगा।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने चेतावनी दी है कि अमेरिका में बढ़ते सरकारी कर्ज का विश्व अर्थव्यवस्था पर बहुत गहरा प्रतिकूल प्रभाव हो सकता है। आईएमएफ के इस आकलन को राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन की राजकोषीय नीति की कड़ी आलोचना के रूप में देखा गया है। वॉशिंगटन स्थित इस संस्था ने चेताया है कि अमेरिका सरकार पर बढ़ रहे कर्ज के कारण देश में मुद्रास्फीति आसमान छू सकती है, जिसका विश्व अर्थव्यवस्था पर दीर्घकालिक प्रभाव होगा।

संस्था ने ध्यान दिलाया है कि अमेरिका का राजकोषीय घाटा 2022 में 1.4 ट्रिलियन डॉलर था, जो पिछले वर्ष बढ़कर 1.7 ट्रिलियन डॉलर हो गया। सरकार इस घाटे की भरपाई कर्ज लेकर कर रही है, जो इस समय 34 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है। आईएमएफ का अनुमान है कि अगले दस साल में अमेरिका सरकार पर मौजूद ऋण की रकम 45.7 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगी। अभी ही अमेरिका हर वर्ष लगभग एक ट्रिलियन डॉलर की रकम ब्याज के रूप में चुका रहा है।

हालांकि आईएमएफ ने चीन में बढ़े कर्ज को लेकर भी चेतावनी दी है, लेकिन अमेरिका के लिए उसकी चेतावनी से सारी दुनिया में चिंता पैदा हुई है। इसकी वजह विश्व अर्थव्यवस्था पर अमेरिका का खास असर है। अमेरिकी डॉलर अभी अंतरराष्ट्रीय कारोबार की मुख्य मुद्रा है, जिसकी कीमत का प्रभाव विभिन्न देशों की आंतरिक अर्थव्यवस्थाओं पर भी पड़ता है। अब ताजा ट्रेंड से डॉलर की हैसियत को लेकर आशंकाएं बढ़ रही हैं। इस खबर ने इन आशंकाओं को और हवा दे दी है कि डॉनल्ड ट्रंप की टीम ने चीन से जारी व्यापार युद्ध में अमेरिका की बढ़त बनाने के लिए डॉलर के भारी अवमूल्यन की योजना बनाई है।

ट्रंप अपने संभावित अगले कार्यकाल में इस पर अमल कर सकते हैं। फिलहाल जनमत सर्वेक्षणों में ट्रंप वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन से आगे चल रहे हैं। अगर उन्होंने सचमुच सरकारी हस्तक्षेप से डॉलर का अवमूल्यन किया, तो एक अभूतपूर्व कदम होगा। इससे डॉलर की साख और कमजोर होगी। लेकिन उसके पहले ही अमेरिका की खराब राजकोषीय हालत ने आईएमएफ जैसी संस्थाओं के कान भी खड़े कर दिए हैँ। इससे दुनिया का चिंतित होना लाजिमी है।

NI Editorial

The Nayaindia editorial desk offers a platform for thought-provoking opinions, featuring news and articles rooted in the unique perspectives of its authors.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *