चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) शनिवार को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के हस्ताक्षर अभियान में शामिल हुए, जिसमें बादल गांव के गुरुद्वारे में एक याचिका पर हस्ताक्षर करके पूरे पंजाब (Punjab) के गांवों में ‘बंदी सिंह (Bandi Singh)’ की रिहाई की मांग की गई। पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल (Prakash Singh Badal) भी बादल गांव में इस संबंध में एक याचिका पर हस्ताक्षर कर अभियान में शामिल हुए।
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अकाली दल अध्यक्ष ने फार्म पर हस्ताक्षर करने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन सिख बंदियों की रिहाई की मांग वाली याचिका पर हस्ताक्षर करने वाले लाखों पंजाबियों के साथ जुड़ना सम्मान की बात है जो उम्रकैद की सजा पूरी होने के बाद भी जेलों में बंद हैं। उन्होंने शिरोमणि अकाली दल के कार्यकर्ताओं से हस्ताक्षर अभियान को राज्य के प्रत्येक गांव में ले जाकर जन आंदोलन बनाने में एसजीपीसी की मदद करने की अपील की। सुखबीर बादल ने कहा कि सभी पंजाबियों को अपनी पार्टी की संबद्धता के बावजूद इस फॉर्म पर हस्ताक्षर करना चाहिए, यह कहते हुए कि यह केवल इस आंदोलन को सफल बना सकता है, उन्होंने अकाली कार्यकर्ताओं सहित पंजाबियों से इस अभियान को ‘बैसाखी’ तक पूरा करने का आग्रह किया।
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उन्होंने कहा कि रिकार्ड छह बार दविंदरपाल सिंह भुल्लर (Davinderpal Singh Bhullar) की फाइल रिहाई के लिए अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार को भेजी गई, लेकिन केजरीवाल ने उन्हें रिहा करने से इनकार कर दिया। इसी तरह, पंजाब में भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार ने गुरमीत सिंह (Gurmeet Singh) की रिहाई को मंजूरी देने से इनकार कर दिया है। अकाली दल प्रमुख ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने इन बंदी सिंहों को गुरु नानक देव (Guru Nanak Dev) के 550वें प्रकाश पर्व पर रिहा करने का वादा किया था लेकिन उनका वादा पूरा नहीं हुआ। सुखबीर बादल ने यह भी कहा कि कानून का राज सबके लिए समान होना चाहिए, उन्होंने कहा कि उम्रकैद की सजा पाने वाला हर कैदी 14 साल बाद रिहा होता है, लेकिन ये बंदी सिंह 30 साल से ज्यादा की कैद के बाद भी जेलों में पड़े हैं। (आईएएनएस)