पटना। बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) एक ओर जहां ‘मिशन विपक्षी एकता’ के तहत दिल्ली में नेताओं से मिलकर एकता बनाने की कवायद कर रहे हैं, वहीं लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान का कहना है कि विपक्षी एकता अपने आप में बड़ा भ्रम है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि एक तो विपक्षी एकता होगा ही नहीं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से विपक्षी एकता हो पाना असम्भव है। पटना में पत्रकारों से चर्चा करते हुए जमुई के सांसद चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने कहा कि इससे पहले भी वर्ष 2014 में और 2019 में इसके प्रयास किए गए थे और अब फिर 2024 के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष में नीतीश कुमार से कई बड़े नेता हैं और कई बड़े दल हैं। ऐसे में कोई क्यों 40 विधायकों वाली पार्टी के नेता को अपना नेता मानेगा।
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उन्होंने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि आखिर वे किस मॉडल को लेकर जाएंगे। पटना (Patna) में उनके बगल में सैकड़ों झोपड़ियां जल गई हैं, उसे देखने की इन्हें फुरसत नहीं और पीएम बनने की महत्वकांक्षा में दिल्ली पहुंच गए। लोजपा (रामविलास) के नेता ने कहा कि नीतीश के लिए महात्कांक्षा के अलावा बिहार और बिहारी से कुछ लेना देना नहीं है। पत्रकारों के एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने साफ कहा कि चुनाव के समय ही ये तय किया जाएगा, कि उनकी पार्टी किस गठबंधन के साथ जाएगी। उन्होंने कहा अभी पार्टी की प्राथमिकता संगठन मजबूत करना, जनाधार बढ़ाना और लोगों के बीच जाना है। केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस (Pashupati Paras) के एक बयान को लेकर उन्होंने कहा कि पापा (Ram Vilas Paswan) के निधन के बाद परिवार में वे ही सबसे बड़े थे, लेकिन उन्होंने पार्टी तोड़ दी, परिवार तोड़ दिया। उन्होंने कभी मुझे अपना माना ही नहीं। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि अब वे इनसे बहुत आगे निकल गए हैं, इस कारण इन बातों का कोई मतलब नहीं। (आईएएनएस)