Wednesday

09-04-2025 Vol 19

कैलीफोर्निया यूनिवसिटी के प्रो. मुरलीधरन का बजट खर्च की गुणवत्ता पर बल

नयी दिल्ली | अमेरिका की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, सैन डिएगो के अर्थशास्त्र के प्रोफेसर कार्तिक मुरलीधरन ने भारत में सार्वजनिक व्यय की गुणवत्ता सुधारने पर बल दिया है।

सामाजिक क्षेत्र में सार्वजनिक खर्च बढ़ाने की जरूरत

प्रो.मुरलीधरन ने कि सामाजिक क्षेत्र पर सार्वजनिक खर्च बढ़ाने की मांग करते समय सरकारी संसाधनों पर भी ध्यान देना होगा क्यों कि भारत में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आधार पर कुल कर राजस्व का अनुपात विकसित देशों के आधे के बराबर ही है।

प्रोफर मुरलीधरन ने भेटवार्ताओं की ‘फेड डायलाग’ श्रृंखला की एक कड़ी में राहुल अहलूवालिया के साथ बातचीत में कहा कि भारत में सामाजिक क्षेत्र में सार्वजनिक व्यय बढ़ाने के लिए सार्वजनिक संसाधनों में वृद्धि भी होनी चाहिए। उन्होंने कहा, सामाजिक क्षेत्र में सामान्यतः यह चर्चा होती है कि हमें बजट में वृद्धि करनी चाहिए। हालांकि, भारत में -जीडीपी की तुलना में कर का अनुपात केवल 17-18 प्रतिशत है, जबकि उच्च आय वाले देशों के संगठन- ओईसीडी के सदस्य देशों में यह लगभग 35 प्रतिशत है।

ए स्टेट-लेड रोडमैप फॉर इफेक्टिव गवर्नेंस के लेखक प्रो. मुरलीधरन ने कहा कि बेहतर शासन में निवेश करना मौजूदा कार्यक्रमों पर खर्च बढ़ाने से दस गुना अधिक प्रभावी हो सकता है।

उत्पादकता और कुशल कार्यबल पर ध्यान केंद्रित करना जरूरी

उन्होंने रोजगार की बजाय उत्पादकता पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। वैश्विक निर्माताओं को आकर्षित करने के प्रश्न पर प्रो. मुरलीधरन ने कहा कि प्रोत्साहनों को दीर्घकालिक कुशल कार्यबल के साथ तैयार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, हमें नौकरियों की जरूरत है। ऐतिहासिक रूप से, हमारी नीतियों ने कुछ कुशल लोगों को प्राथमिकता दी है। श्रम को प्रोत्साहित करने पर ध्यान केंद्रित करना एक बड़ा मानसिकता परिवर्तन होगा।

उन्होंने कहा, समय के साथ, हमने चावल की उपज बढायी है, लेकिन लोगों की कैलोरी आवश्यकताएँ पूरी हो जाने के बाद अधिक चावल का उपभोग प्राथमिकता में नहीं रह जाता है। इसलिए, अर्थव्यवस्था को चाहिए कि किसान अन्य फसलों के उत्पादन की ओर बढ़ें।

प्रो.मुरलीधरन ने औद्योगिक विकास के लिए चीन और अन्य एशियाई अर्थव्यवस्थाओं द्वारा अपनाए गए दृष्टिकोण पर चर्चा में कहा, चीन ने अपने यहां कुछ विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) घोषित किए, जहां कुछ कानूनों को शिथिल किया गया, जिससे इन क्षेत्रों को देश के बाकी हिस्सों से अलग तरीके से संचालित होने की अनुमति मिली।

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Business Desk

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