वेस्ट मैनेजमेंट में करियर बनाकर प्रक्रति के साथ खुद को भी बनाएं खुशहाल

करियर डेस्क
प्रक्रति को बचाने के लिये रीसाक्लिंग के प्रति जागरूकता भी बढ़ रही है। देश में तेजी से खुल रही वेस्ट ट्रीटमेंट एजेंसियों ने इस क्षेत्र में रोजगार के शानदार अवसर पैदा किए हैं। इस क्षेत्र से जुड़कर आप अच्छा करियर बनाने के साथ ही पर्यावरण को साफ रखने में मदद कर सकते हैं।
क्या है वेस्ट मैनेजमेंट
विकासशील देश होने के कारण भारत में वेस्टेज की मात्रा तेजी से बढ़ जा रही है। वेस्ट को उसी अनुपात में दोबारा प्रयोग में लाए जाने की प्रक्रिया वेस्ट मैनेजमेंट है। इसमें रोजाना के कचरे से हर चीज को अलग-अलग व्यवस्थित किया जाता है, इसके बाद उसे रिसाइकिल किया जाता है। जिससे गंदगी तो हटती ही है, साथ ही वेस्ट मेटेरियल का दोबारा प्रयोग हो जाता है। हमारे देश में लगभग 80 प्रतिशत कचरा कार्बनिक उत्पादों, गंदगी और धूलकण का मिश्रण होता है। फिलहाल हमारे देश में वेस्ट को रिसाइकिल करने के लिए पर्याप्त तकनीक नहीं है, न ही इसे लेकर जागरुकता है।
वेस्ट मैनेजमेंट में स्टार्टअप
वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर फिलहाल लोगों में जागरुकता नहीं है, पर दिल्ली के 3 युवाओं ने मिलकर इसे अपने स्टार्टअप में शामिल किया। अनुराग, ऋषभ और वेंकटेश ने “रिकार्ट” नाम से अपना स्टार्टअप शुरु किया, जिसमें इन्होंने 12 हजार घरों से कचरा इकट्टठा किया और इस कचरे को रिसाइकिल करने के लिए सही स्थान तक पहुंचाया। इस बिजनेस से सलाना 10 करोड़ का टर्नओवर हुआ। बिजनेस की सफलता को देखते हुए आज उनकी टीम बड़े स्तर पर काम कर रही हैं। इस स्टार्टअप से शहर की गंदगी तो कम हुई साथ ही दूसरे युवाओं को भी इस क्षेत्र के जुड़ी संभावनाओं के बारे में पता चला।
प्रकृति से लगाव जरूरी
वेस्ट मैनेजमेंट न सिर्फ अपशिष्ट पदार्थों के दोबारा प्रयोग में लाने के बारे में जानकारी देता है, बल्कि प्रोफेशनल्स को उस फील्ड में स्थापित करने के लिए कई अन्य तरह की स्किल्स भी सिखाता है। इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रकृति के प्रति लगाव होना बहुत जरूरी है। शुरू-शुरू में विद्यार्थियों को ये सारी चीजें अटपटी लगेंगी, लेकिन जैसेजैसे उनका मन इसमें रमता जाएगा, वे इस प्रोफेशन का भरपूर मजा उठा सकेंगे।
वेस्ट मैनेजमेंट का पूरा कार्यक्षेत्र
एन्वायर्नमेंटल साइंटिस्ट तथा उसके ईदगिद घूमता है। पर्यावरण सुरक्षा संबंधी कार्य साइंस व इंजीनियरिंग के विभिन्ना सिद्धांतों के प्रयोग से आगे बढ़ते हैं। वातावरण में व्याप्त प्रदूषण को दूर करने के लिए वैज्ञानिक कई प्रकार की रिसर्च, थ्योरी तथा विधियों को अपनाते हैं अर्थात वेस्ट मैनेजमेंट प्रक्रिया में एन्वायर्नमेंटल साइंटिस्ट का कार्य रिसर्च ओरिएंटेड ही होता है। इसमें एडमिनिस्ट्रेटिव, एडवाइजरी तथा प्रोटेक्टिव तीनों स्तर पर काम करना होता है।
कौन-से कोर्स?
वेस्ट मैनेजमेंट से संबंधित अलग से ज्यादा कोर्स देश में उपलब्ध नहीं हैं। वेस्ट मैनेजमेंट को ज्यादातर पर्यावरण विज्ञान के कोर्स में एक विषय के रूप में शामिल किया गया है। इसमें तीन साल के बैचलर कोर्स बीएससी/बीई इन एन्वायर्नमेंटल साइंस तथा दो साल के मास्टर्स कोर्स एमएससी/एमटेक इन एन्वायर्नमेंटल साइंस उपलब्ध हैं। वेस्ट मैनेजमेंट में एक साल का डिप्लोमा कोर्स भी किया जा सकता है।
सैलरी
वेस्ट मैनेजमेंट के क्षेत्र में शुरुआती चरण में प्रोफेशनल्स को 20,000 से 25,000 रुपए प्रतिमाह सैलरी आसानी से मिल जाती है। जैसे-जैसे अनुभव बढ़ता जाता है, वैसे-वैसे सैलरी भी बढ़ती जाती है। दो-तीन वर्ष के अनुभव के बाद तो यह 35,000 से 40,000 रुपए प्रति माह के करीब पहुंच गया।
प्रमुख संस्थान
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एन्वॉयर्नमेंटल मैनेजमेंट, मुंबई
संपर्क - 091611 96454
http://siesiiem.edu.in/
इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वेस्ट मैनेजमेंट, भोपाल
संपर्क - 0755-2422360
http://www.iiwm.in/
डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, फैजाबाद
संपर्क - 05278 246 223
http://www.rmlau.ac.in/index.aspx
गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
संपर्क - 91-11-25302170
http://ipu.ac.in/contact_us.php
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