Varun Gandhi

  • वरुण गांधी की रणनीति क्या थी?

    अब यह लगभग तय हो गया है कि वरुण गांधी पीलीभीत सीट से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। वे पीलीभीत, सुल्तानपुर और फिर पीलीभीत से तीन बार सांसद रहे। इस बार भाजपा ने उनको इस सीट से टिकट नहीं दी। पहले से इसका अंदाजा लगाया जा रहा था उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार को लेकर जो स्टैंड लिया है उसमे उन्हें भाजपा से टिकट नहीं मिलेगी। तभी यह भी कहा जा रहा था कि वे निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं और कांग्रेस व समाजवादी पार्टी उनको समर्थन देंगी। पहले तो यह भी कहा जा रहा था कि उनकी वजह से...

  • मेनका और वरुण इस बार निर्दलीय लड़ेंगे

    उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच सीट बंटवारे को लेकर बातचीत हुई है। पहली बात औपचारिकता थी और सिर्फ आधे घंटे दोनों पार्टियों के नेता बैठे। लेकिन कहा जा रहा है कि   12 जनवरी को बड़ी बैठक होगी और विस्तार से चर्चा होगी। सीट बंटवारे को लेकर शुरू हुई चर्चा के बीच खबर आई है कि इस बार उत्तर प्रदेश में विपक्षी गठबंधन गांधी परिवार के लिए चार सीटें छोड़ेगा। यानी इन चार सीटों पर कोई बातचीत नहीं होगी। पहले ऐसी दो सीटें होती थीं। समाजवादी पार्टी पहले रायबरेली और अमेठी सीट सोनिया और राहुल गांधी के...

  • वरुण गांधी की कविता का क्या मतलब है?

    भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी ने अपने चुनाव क्षेत्र में आयोजित एक कार्यक्रम में एक तुकबंदी पढ़ी। उन्होंने कहा- तुम्हारी मोहब्बत में हो गए फना, मांगी थी नौकरी मिला आटा, दाल, चना। भाजपा के एक सांसद का इस तरह तंज करना मामूली बात नहीं है। उन्होंने सीधे तौर पर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने हर साल दो करोड़ रोजगार देने का वादा किया था। लेकिन बेरोजगारी की दर देश में बढ़ती जा रही है। दूसरी ओर प्रधानमंत्री मोदी ही देश के 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में पांच...

  • राहुल-वरुण की मुलाकात के मायने

    क्या सचमुच केदारनाथ धाम में राहुल गांधी और उनके चचेरे भाई वरुण गांधी की मुलाकात संयोग थी? कई लोग बता रहे हैं कि यह संयोग था। अगर यह संयोग था तो कहा जा सकता है कि पूरी कायनात ने बहुत मेहनत करके यह संयोग निर्मित किया। राहुल गांधी तीन दिन से केदारनाथ में थे और उनकी तस्वीरें व खबरें लगातार सामने आ रही थी। आमतौर पर लोग केदारनाथ के दर्शन करके उसी दिन लौट आते हैं। लेकिन राहुल रूके रहे। उनकी यात्रा के तीसरे दिन वरुण गांधी अपनी पत्नी और बेटी के साथ भगवान केदारनाथ के दर्शन करने पहुंचे। खबरों...

  • मोहब्बत की दुकान वरूण के लिए कब ?

    नफ़रत के बाज़ार में मोहब्बत की दुकानें खोलने निकले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की यह दुकान क्या अपने चचेरे भाई वरूण गांधी के लिए खुली रहेगी ? कांग्रेस और विपक्ष के बहुत से नेताओं के बीच आजकल यह चर्चा भी खूब हो रही है। नेता और आमजन भी यह सवाल कर रहे हैं कि 40 साल पहले किसी मेले में बिछड़े भाईयों की तरह ही ये दोनों भाई भी अलग हो लिए थे। और तभी से अब तक दोनों भाईयों के बीच नफ़रत की राजनीतिक और सामाजिक दीवार खिंची रही है। पर भाजपा की लगातार नौ साल से...

  • वरुण पर बोलने की क्या जल्दी थी?

    नफ़रत के बाज़ार में मोहब्बत की दुकानें खोलने निकले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की यह दुकान क्या अपने चचेरे भाई वरूण गांधी के लिए खुली रहेगी ? कांग्रेस और विपक्ष के बहुत से नेताओं के बीच आजकल यह चर्चा भी खूब हो रही है। नेता और आमजन भी यह सवाल कर रहे हैं कि 40 साल पहले किसी मेले में बिछड़े भाईयों की तरह ही ये दोनों भाई भी अलग हो लिए थे। और तभी से अब तक दोनों भाईयों के बीच नफ़रत की राजनीतिक और सामाजिक दीवार खिंची रही है। पर भाजपा की लगातार नौ साल से...

  • मेरी विचारधारा वरूण से अलग: राहुल गांधी

    नफ़रत के बाज़ार में मोहब्बत की दुकानें खोलने निकले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की यह दुकान क्या अपने चचेरे भाई वरूण गांधी के लिए खुली रहेगी ? कांग्रेस और विपक्ष के बहुत से नेताओं के बीच आजकल यह चर्चा भी खूब हो रही है। नेता और आमजन भी यह सवाल कर रहे हैं कि 40 साल पहले किसी मेले में बिछड़े भाईयों की तरह ही ये दोनों भाई भी अलग हो लिए थे। और तभी से अब तक दोनों भाईयों के बीच नफ़रत की राजनीतिक और सामाजिक दीवार खिंची रही है। पर भाजपा की लगातार नौ साल से...

  • वरुण गांधी के पास क्या विकल्प हैं?

    नफ़रत के बाज़ार में मोहब्बत की दुकानें खोलने निकले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की यह दुकान क्या अपने चचेरे भाई वरूण गांधी के लिए खुली रहेगी ? कांग्रेस और विपक्ष के बहुत से नेताओं के बीच आजकल यह चर्चा भी खूब हो रही है। नेता और आमजन भी यह सवाल कर रहे हैं कि 40 साल पहले किसी मेले में बिछड़े भाईयों की तरह ही ये दोनों भाई भी अलग हो लिए थे। और तभी से अब तक दोनों भाईयों के बीच नफ़रत की राजनीतिक और सामाजिक दीवार खिंची रही है। पर भाजपा की लगातार नौ साल से...

  • वरुण गांधी ने चीनी मिलों को चेताया

    नफ़रत के बाज़ार में मोहब्बत की दुकानें खोलने निकले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की यह दुकान क्या अपने चचेरे भाई वरूण गांधी के लिए खुली रहेगी ? कांग्रेस और विपक्ष के बहुत से नेताओं के बीच आजकल यह चर्चा भी खूब हो रही है। नेता और आमजन भी यह सवाल कर रहे हैं कि 40 साल पहले किसी मेले में बिछड़े भाईयों की तरह ही ये दोनों भाई भी अलग हो लिए थे। और तभी से अब तक दोनों भाईयों के बीच नफ़रत की राजनीतिक और सामाजिक दीवार खिंची रही है। पर भाजपा की लगातार नौ साल से...

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