us presidential election 2024

  • ट्रंप का अचंभा, अमेरिका पर सवाल!

    क्या अमेरिका के लिए दुःख है? बिलकुल नहीं। ट्रंप और अमेरिका दोनों को वह मिला है जिसके वे लायक थे। जैसे हमें वह मिला है जिसके हम लायक हैं।  डोनाल्ड ट्रंप की इतनी शानदार वापिसी क्यों और कैसे हुई? यह सवाल अचंभे, बल्कि सदमे का सोर्स बना रहेगा। लोगों को रह-रहकर सताता रहेगा। इससे एक कदम और आगे बढ़कर, लंबे समय तक सभी को अमेरिकियों की मानसिकता, उनकी बुद्धिमत्ता और नैतिकता पर प्रश्नचिन्ह लगाने का मौका मिलेगा। भला अमेरिकी कब से इतने सिद्धान्तहीन, नैतिकताविहीन है! अमेरिका ने ट्रंप को असाधारण जीत दी है। वे पिछले दो दशकों में पहले रिपब्लिकन...

  • Amid Kamala’s Hype, Trump’s Triumphant return

    It was not a nail-biting finish. Rather a photo finish for Donald J Trump who is poised to become the 47thPresident of United States of America, and handsomely. Though the result may be shocking to many, it’s actually not all that surprising. Trump was the underdog this election season. Burdened with indictments, convictions, and relentless criticism from all sides—ridiculed by the intellectual elite and feared for his actions on January 6th—Trump entered the race as the villain. In contrast, Kamala Harris, as soon as she took over from Joe Biden became the hype, the noise, the shor, the clamour. She...

  • बुरा या सबसे बुरा?

    मंगलवार को किस्मत बदलेगी। कुछ की प्रत्यक्ष तौर पर और कुछ की अप्रत्यक्ष तौर पर। आप और मैं, वे और हम - हम सब ‘उनसे’ प्रभावित होंगे। ‘उनसे’ मतलब वे जो अमेरिका के अगले राष्ट्रपति बनेंगे। कमला हैरेस या डोनाल्ड ट्रंप - इनमें से कोई भी राष्ट्रपति बने, पूरी दुनिया पर इसका असर होगा। मुकाबला कड़ा है, कांटे का है, इतना नजदीकी है कि नतीजे का अनुमान लगाना असंभव है। कमला हैरेस और डोनाल्ड ट्रंप दोनों अपनी-अपनी शैली और रणनीति से मतदाताओं को अपने पक्ष में करने का प्रयास करते रहे हैं। अपने कुछ श्रोताओं को उन्होंने निराश किया है...

  • आशंकाओं से घिरा अमेरिका

    आशंका गहरी है कि कल सुबह जो भी नतीजा आएगा, उसे पराजित पक्ष आसानी से स्वीकार नहीं करेगा। खासकर ट्रंप अभियान की तरफ से चुनावी धांधलियों का जैसा नैरेटिव फैलाया गया है, उसके बीच अविश्वास एवं टकराव बढ़ना लाजिमी माना जा रहा है। बेहद ध्रुवीकृत और कड़वाहट भरे माहौल में चले चुनाव अभियान के बीच कमला हैरिस और डॉनल्ड ट्रंप में सिर्फ एक वाक्य पर सहमति रही है। वो यह कि वो नहीं जीते, तो देश का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। दोनों का दावा का सार है- ‘अमेरिका एक मोड़ पर है, और मेरी हार हुई, तो देश अभी जैसा...

  • अमेरिका क्या बरबादी न्योतेगा?

    यों कोई भी देश हार्ट अटैक से नहीं मरा करता। सभ्यता-संस्कृति अचानक मुर्दा नहीं बनती। सभ्यता-संस्कृति की मौत की वजह हमेशा असुरी-बर्बर सेनाएं हैं। इसलिए डोनाल्ड ट्रंप, हिटलर पैदा हो जाएं तो वह राष्ट्र विशेष बरबाद जरूर होगा पर मरेगा नहीं। बावजूद इसके अमेरिका में जरासंध यदि राष्ट्रपति हुआ तो उसका विभाजित और खोखला होना तय है। पुतिन, शी जिनफिंग, किम जोंग उन, तालिबानी आदि उन सभी असुरी शैतानों की पौ बारह होगी जो अवसर की प्रतिक्षा में हैं। याद रखें ट्रंप ने ही तालिबानियों को न्योत कर उनसे करार किया था। क्या परिणाम निकला? तालिबानी पूरे अहंकार से अफगानिस्तान...

  • मेरा भारत, कमला का अमेरिका

    यों कोई भी देश हार्ट अटैक से नहीं मरा करता। सभ्यता-संस्कृति अचानक मुर्दा नहीं बनती। सभ्यता-संस्कृति की मौत की वजह हमेशा असुरी-बर्बर सेनाएं हैं। इसलिए डोनाल्ड ट्रंप, हिटलर पैदा हो जाएं तो वह राष्ट्र विशेष बरबाद जरूर होगा पर मरेगा नहीं। बावजूद इसके अमेरिका में जरासंध यदि राष्ट्रपति हुआ तो उसका विभाजित और खोखला होना तय है। पुतिन, शी जिनफिंग, किम जोंग उन, तालिबानी आदि उन सभी असुरी शैतानों की पौ बारह होगी जो अवसर की प्रतिक्षा में हैं। याद रखें ट्रंप ने ही तालिबानियों को न्योत कर उनसे करार किया था। क्या परिणाम निकला? तालिबानी पूरे अहंकार से अफगानिस्तान...

  • ट्रंप पर भारी पड़ रही कमला हैरिस!

    यों कोई भी देश हार्ट अटैक से नहीं मरा करता। सभ्यता-संस्कृति अचानक मुर्दा नहीं बनती। सभ्यता-संस्कृति की मौत की वजह हमेशा असुरी-बर्बर सेनाएं हैं। इसलिए डोनाल्ड ट्रंप, हिटलर पैदा हो जाएं तो वह राष्ट्र विशेष बरबाद जरूर होगा पर मरेगा नहीं। बावजूद इसके अमेरिका में जरासंध यदि राष्ट्रपति हुआ तो उसका विभाजित और खोखला होना तय है। पुतिन, शी जिनफिंग, किम जोंग उन, तालिबानी आदि उन सभी असुरी शैतानों की पौ बारह होगी जो अवसर की प्रतिक्षा में हैं। याद रखें ट्रंप ने ही तालिबानियों को न्योत कर उनसे करार किया था। क्या परिणाम निकला? तालिबानी पूरे अहंकार से अफगानिस्तान...

  • ट्रंप फिलहाल तो जीतते दिख रहे हैं

    यों कोई भी देश हार्ट अटैक से नहीं मरा करता। सभ्यता-संस्कृति अचानक मुर्दा नहीं बनती। सभ्यता-संस्कृति की मौत की वजह हमेशा असुरी-बर्बर सेनाएं हैं। इसलिए डोनाल्ड ट्रंप, हिटलर पैदा हो जाएं तो वह राष्ट्र विशेष बरबाद जरूर होगा पर मरेगा नहीं। बावजूद इसके अमेरिका में जरासंध यदि राष्ट्रपति हुआ तो उसका विभाजित और खोखला होना तय है। पुतिन, शी जिनफिंग, किम जोंग उन, तालिबानी आदि उन सभी असुरी शैतानों की पौ बारह होगी जो अवसर की प्रतिक्षा में हैं। याद रखें ट्रंप ने ही तालिबानियों को न्योत कर उनसे करार किया था। क्या परिणाम निकला? तालिबानी पूरे अहंकार से अफगानिस्तान...

  • अहंकारी ट्रम्प और अवसरवादी वेंस की जोड़ी

    यों कोई भी देश हार्ट अटैक से नहीं मरा करता। सभ्यता-संस्कृति अचानक मुर्दा नहीं बनती। सभ्यता-संस्कृति की मौत की वजह हमेशा असुरी-बर्बर सेनाएं हैं। इसलिए डोनाल्ड ट्रंप, हिटलर पैदा हो जाएं तो वह राष्ट्र विशेष बरबाद जरूर होगा पर मरेगा नहीं। बावजूद इसके अमेरिका में जरासंध यदि राष्ट्रपति हुआ तो उसका विभाजित और खोखला होना तय है। पुतिन, शी जिनफिंग, किम जोंग उन, तालिबानी आदि उन सभी असुरी शैतानों की पौ बारह होगी जो अवसर की प्रतिक्षा में हैं। याद रखें ट्रंप ने ही तालिबानियों को न्योत कर उनसे करार किया था। क्या परिणाम निकला? तालिबानी पूरे अहंकार से अफगानिस्तान...

  • हमले से ट्रम्प की हकीकत नहीं बदली है

    यों कोई भी देश हार्ट अटैक से नहीं मरा करता। सभ्यता-संस्कृति अचानक मुर्दा नहीं बनती। सभ्यता-संस्कृति की मौत की वजह हमेशा असुरी-बर्बर सेनाएं हैं। इसलिए डोनाल्ड ट्रंप, हिटलर पैदा हो जाएं तो वह राष्ट्र विशेष बरबाद जरूर होगा पर मरेगा नहीं। बावजूद इसके अमेरिका में जरासंध यदि राष्ट्रपति हुआ तो उसका विभाजित और खोखला होना तय है। पुतिन, शी जिनफिंग, किम जोंग उन, तालिबानी आदि उन सभी असुरी शैतानों की पौ बारह होगी जो अवसर की प्रतिक्षा में हैं। याद रखें ट्रंप ने ही तालिबानियों को न्योत कर उनसे करार किया था। क्या परिणाम निकला? तालिबानी पूरे अहंकार से अफगानिस्तान...

  • पर बाइड़न की हिम्मत कायम!

    यों कोई भी देश हार्ट अटैक से नहीं मरा करता। सभ्यता-संस्कृति अचानक मुर्दा नहीं बनती। सभ्यता-संस्कृति की मौत की वजह हमेशा असुरी-बर्बर सेनाएं हैं। इसलिए डोनाल्ड ट्रंप, हिटलर पैदा हो जाएं तो वह राष्ट्र विशेष बरबाद जरूर होगा पर मरेगा नहीं। बावजूद इसके अमेरिका में जरासंध यदि राष्ट्रपति हुआ तो उसका विभाजित और खोखला होना तय है। पुतिन, शी जिनफिंग, किम जोंग उन, तालिबानी आदि उन सभी असुरी शैतानों की पौ बारह होगी जो अवसर की प्रतिक्षा में हैं। याद रखें ट्रंप ने ही तालिबानियों को न्योत कर उनसे करार किया था। क्या परिणाम निकला? तालिबानी पूरे अहंकार से अफगानिस्तान...

  • इतिहास देख रहा है!

    यों कोई भी देश हार्ट अटैक से नहीं मरा करता। सभ्यता-संस्कृति अचानक मुर्दा नहीं बनती। सभ्यता-संस्कृति की मौत की वजह हमेशा असुरी-बर्बर सेनाएं हैं। इसलिए डोनाल्ड ट्रंप, हिटलर पैदा हो जाएं तो वह राष्ट्र विशेष बरबाद जरूर होगा पर मरेगा नहीं। बावजूद इसके अमेरिका में जरासंध यदि राष्ट्रपति हुआ तो उसका विभाजित और खोखला होना तय है। पुतिन, शी जिनफिंग, किम जोंग उन, तालिबानी आदि उन सभी असुरी शैतानों की पौ बारह होगी जो अवसर की प्रतिक्षा में हैं। याद रखें ट्रंप ने ही तालिबानियों को न्योत कर उनसे करार किया था। क्या परिणाम निकला? तालिबानी पूरे अहंकार से अफगानिस्तान...

  • ट्रंप को क्या हैली करेगी समर्थन?

    यों कोई भी देश हार्ट अटैक से नहीं मरा करता। सभ्यता-संस्कृति अचानक मुर्दा नहीं बनती। सभ्यता-संस्कृति की मौत की वजह हमेशा असुरी-बर्बर सेनाएं हैं। इसलिए डोनाल्ड ट्रंप, हिटलर पैदा हो जाएं तो वह राष्ट्र विशेष बरबाद जरूर होगा पर मरेगा नहीं। बावजूद इसके अमेरिका में जरासंध यदि राष्ट्रपति हुआ तो उसका विभाजित और खोखला होना तय है। पुतिन, शी जिनफिंग, किम जोंग उन, तालिबानी आदि उन सभी असुरी शैतानों की पौ बारह होगी जो अवसर की प्रतिक्षा में हैं। याद रखें ट्रंप ने ही तालिबानियों को न्योत कर उनसे करार किया था। क्या परिणाम निकला? तालिबानी पूरे अहंकार से अफगानिस्तान...

  • ट्रंप एक परिघटना हैं

    यों कोई भी देश हार्ट अटैक से नहीं मरा करता। सभ्यता-संस्कृति अचानक मुर्दा नहीं बनती। सभ्यता-संस्कृति की मौत की वजह हमेशा असुरी-बर्बर सेनाएं हैं। इसलिए डोनाल्ड ट्रंप, हिटलर पैदा हो जाएं तो वह राष्ट्र विशेष बरबाद जरूर होगा पर मरेगा नहीं। बावजूद इसके अमेरिका में जरासंध यदि राष्ट्रपति हुआ तो उसका विभाजित और खोखला होना तय है। पुतिन, शी जिनफिंग, किम जोंग उन, तालिबानी आदि उन सभी असुरी शैतानों की पौ बारह होगी जो अवसर की प्रतिक्षा में हैं। याद रखें ट्रंप ने ही तालिबानियों को न्योत कर उनसे करार किया था। क्या परिणाम निकला? तालिबानी पूरे अहंकार से अफगानिस्तान...

  • ट्रम्प होंगे उम्मीदवार, हेली नाम वापस लेंगी

    यों कोई भी देश हार्ट अटैक से नहीं मरा करता। सभ्यता-संस्कृति अचानक मुर्दा नहीं बनती। सभ्यता-संस्कृति की मौत की वजह हमेशा असुरी-बर्बर सेनाएं हैं। इसलिए डोनाल्ड ट्रंप, हिटलर पैदा हो जाएं तो वह राष्ट्र विशेष बरबाद जरूर होगा पर मरेगा नहीं। बावजूद इसके अमेरिका में जरासंध यदि राष्ट्रपति हुआ तो उसका विभाजित और खोखला होना तय है। पुतिन, शी जिनफिंग, किम जोंग उन, तालिबानी आदि उन सभी असुरी शैतानों की पौ बारह होगी जो अवसर की प्रतिक्षा में हैं। याद रखें ट्रंप ने ही तालिबानियों को न्योत कर उनसे करार किया था। क्या परिणाम निकला? तालिबानी पूरे अहंकार से अफगानिस्तान...

  • विवेक को जाने, अमेरिकी राष्ट्रपति उम्मीदवार!

    यों कोई भी देश हार्ट अटैक से नहीं मरा करता। सभ्यता-संस्कृति अचानक मुर्दा नहीं बनती। सभ्यता-संस्कृति की मौत की वजह हमेशा असुरी-बर्बर सेनाएं हैं। इसलिए डोनाल्ड ट्रंप, हिटलर पैदा हो जाएं तो वह राष्ट्र विशेष बरबाद जरूर होगा पर मरेगा नहीं। बावजूद इसके अमेरिका में जरासंध यदि राष्ट्रपति हुआ तो उसका विभाजित और खोखला होना तय है। पुतिन, शी जिनफिंग, किम जोंग उन, तालिबानी आदि उन सभी असुरी शैतानों की पौ बारह होगी जो अवसर की प्रतिक्षा में हैं। याद रखें ट्रंप ने ही तालिबानियों को न्योत कर उनसे करार किया था। क्या परिणाम निकला? तालिबानी पूरे अहंकार से अफगानिस्तान...

  • ट्रंप को बड़ी चुनावी चुनौती!

    यों कोई भी देश हार्ट अटैक से नहीं मरा करता। सभ्यता-संस्कृति अचानक मुर्दा नहीं बनती। सभ्यता-संस्कृति की मौत की वजह हमेशा असुरी-बर्बर सेनाएं हैं। इसलिए डोनाल्ड ट्रंप, हिटलर पैदा हो जाएं तो वह राष्ट्र विशेष बरबाद जरूर होगा पर मरेगा नहीं। बावजूद इसके अमेरिका में जरासंध यदि राष्ट्रपति हुआ तो उसका विभाजित और खोखला होना तय है। पुतिन, शी जिनफिंग, किम जोंग उन, तालिबानी आदि उन सभी असुरी शैतानों की पौ बारह होगी जो अवसर की प्रतिक्षा में हैं। याद रखें ट्रंप ने ही तालिबानियों को न्योत कर उनसे करार किया था। क्या परिणाम निकला? तालिबानी पूरे अहंकार से अफगानिस्तान...

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