US dollar

  • भारत क्यों पुतिन-शी का मोहरा बने?

    लाख टके का सवाल है कि भारत का रूपया चीन की युआन, रूस के रूबल करेंसी के लेन-देन में सुरक्षित है या डालर की व्यवस्था में? आजादी के बाद विश्व व्यापार में भारत का डालर में लेन-देन क्या भरोसेमंद या सुरक्षित था या नहीं? और यदि सुरक्षित था तो वह क्यों चीन-रूस की युआन-रूबल की नई विश्व लेन-देन व्यवस्था का ग्राहक या साझेदार बने? क्या चीनी वर्चस्वता की व्यवस्था में भारत की व्यापारिक-आर्थिक संप्रभुता को अधिक गांरटी होगी? यह सवाल कजाक की ब्रिक्स बैठक में पुतिन, शी जिन पिंग के एजेंडे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूख में अंहम और...

  • कजान में टूटेंगी “तोते” की टांगें?

    रूस के शहर कजान में 22 से 24 अगस्त तक ब्रिक्स शिखर सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है, यह चर्चा जोरों पर है कि वहां अपनी मुद्राओं में भुगतान की कोई ठोस व्यवस्था शुरू करने का निर्णय हो सकता है। जो सूचनाएं उपलब्ध हैं, उनके मुताबिक फिलहाल मकसद डॉलर में भुगतान के सिस्टम स्विफ्ट (Society for Worldwide Interbank Financial Telecommunication) का विकल्प तैयार करना है। तो क्या ब्रिक्स स्विफ्ट का विकल्प पेश करेगा? पंचतंत्र की उस कथा को याद कीजिए, जिसमें एक राक्षस के आतंक से एक राजा का पूरा राज्य तबाही झेल रहा था। राक्षस हर रोज एक व्यक्ति...