Wednesday

23-04-2025 Vol 19

unemployment

लोकसभा में बेरोजगारी का मुद्दा उठा

unemployment issue in loksabha : कांग्रेस के विजय कुमार बसंत ने शून्यकाल के दौरान लोकसभा में बेरोजगारी का मुद्दा उठाया।

सब चलता है में सब जस का तस!

बीते कई दशकों से ऐसा देखने में आया है कि गणतंत्रता दिवस पर शहीदों को नमन कर, देश की दुर्दशा पर श्मशान वैराग्य दिखा कर, देशवासियों को लंबे-चौड़े वायदों...

गुलाबी तस्वीर का सच

पिछले हफ्ते जारी दो सरकारी रिपोर्टों में देश की अर्थव्यवस्था की गुलाबी तस्वीर बुनी गई।

ऐसी शिक्षा किस काम की जिससे रोजगार नहीं!

पिछले 25 वर्षों में सरकार की उदार नीति के कारण देशभर में तकनीकि शिक्षा व उच्च शिक्षा देने के लाखों संस्थान छोटे-छोटे कस्बों तक में कुकरमुत्ते की तरह उग...

रोजगार की बहस और अहम सवाल

आज भारत में जो हालात हैं, उनके बीच रोजगार के अधिकतम अवसर पैदा करने की सबसे व्यावहारिक योजना क्या हो सकती है?

भारत ‘विकसित’ नहीं चौतरफा लड़खड़ा रहा है!

लोकसभा चुनाव के दौरान ही ये बात जाहिर हो गई कि ‘विकसित भारत’ का नारा लोगों को उत्साहित या आकर्षित नहीं कर रहा है।

अमीरी-गरीबी की बढ़ती खाई, महंगाई, बेरोजगारी बड़ी चुनौती : कांग्रेस

कांग्रेस ने कहा है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को अपना सातवां बजट पेश करेंगी और इसको लेकर वह उद्योगपतियों, बैंकर्स, किसान संगठनों से बात कर चुकी है,...

गलत दवा से इलाज

बेरोजगारी का ठोस हल सिर्फ यह है कि वास्तविक अर्थव्यवस्था में निवेश बढ़े, जिससे धीमा पड़े आर्थिक चक्र में गति आएगी।

हताशा का आलम

संकट अब छिपाये नहीं छिप रहा है। अब हाल यह है कि अक्सर चुनावों के बाद दिखने वाला आशावाद भी इस बार गायब ही रहा है।

अब जाकर खुली आंख!

सर्वोच्च कॉरपोरेट अधिकारियों की आंख जाकर खुली है। उन्हें अंदाजा हुआ है कि भारत में बेरोजगारी एक दुर्दशा का रूप ले चुकी है।

बेरोजगारों का यही अंजाम!

बीते सप्ताहांत भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने कंबोडिया और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में नौकरी की तलाश में जा रहे भारतवासियों के लिए एडवाइजरी जारी की।

मोदी मोदी नहीं क्योंकि नौकरी, नौकरी

। बेरोजगारी, काम नहीं, जेब खाली। यही असल मसला है। ...महंगाई इसीलिए दूसरे नंबर पर है। जेब में पैसा ही नहीं है तो क्या महंगा क्या सस्ता।

समस्या से आंख मूंदना

देश चाहे जितनी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाए, लेकिन अगर करोड़ों युवा बेरोजगार बने रहते हैं, तो उससे असल में भारत का कोई भला नहीं होगा।

महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार भी मुद्दा!

सीएसडीएस और लोकनीति के सर्वेक्षण में आम लोगों ने स्वीकार किया है कि वे महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से परेशान हैं।

एक गौरतलब चेतावनी

अब विश्व बैंक ने भारत को आगाह किया है। विषय वही है यानी रोजगार के अवसरों का अभाव- एक ऐसी सूरत जिसमें तेज आर्थिक वृद्धि दर के साथ-साथ उतनी...

चुनाव बेरोजगारी और महंगाई पर होगा

शहर से लेकर गांवों तक हर जगह शिक्षित, उच्च शिक्षित बेरोजगार युवाओं की भीड़ है। इनकी संख्या करोड़ों में है। ऐसे ही महंगाई की समस्या है। Lok sabha Election

विपक्ष क्या भ्रष्टाचार का मुद्दा बना पाएगा?

यह यक्ष प्रश्न है कि क्या नरेंद्र मोदी (PM Modi) को रोकने के लिए कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियां भ्रष्टाचार, महंगाई और सत्ता के दुरुपयोग का मुद्दा बना पाएंगी?...

बेरोजगारी का यह आलम

मीडिया की सुर्खियों ने आबादी के बड़े हिस्से को सुखबोध से ओत-प्रोत कर रखा है। ऐसा सोचने वाले लोगों की कमी नहीं है कि जल्द ही भारत आर्थिक महाशक्ति...

यह एक नई चुनौती

खबर है कि जानी-मानी कंपनी वन-97 कम्युनिकेशन लिमिटेड पेटीएम ने अपने सेल्स और इंजीनियरिंग समेत कई विभागों में छंटनी की है।

बेरोजगारी का गंभीर मसला

यह निर्विवाद है कि संसद की सुरक्षा को भंग करने वाले नौजवानों ने गैर-कानूनी रास्ता चुना। इसके लिए उनके खिलाफ कानून की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

रोजगार की भयावह तस्वीर

बताया गया है कि 2019 के बाद से भारत में नियमित वेतन की नौकरियों के सृजन की रफ्तार कम हुई है। इसका एक बड़ा कारण कोविड-19 महामारी रही।

बेरोजगारी है विकराल, गंभीर बने!

भारत सरकार के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में वेतनभोगी महिला कर्मियों की संख्या दो साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है।

चार महीने में सबसे ज्यादा बेरोजगारी

शहरी बेरोजगारी 8.51 फीसदी से बढ़ कर 9.81 फीसदी।अप्रैल के महीने में 2.5 करोड़ लेबर फोर्स बढ़ी।

गरीबी, बेरोजगारी बरदाश्त करने की अंतहीन सीमा!

इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं तो एक नारा लगता था- आधी रोटी खाएंगे, इंदिरा को जिताएंगे। यानी भूखे रह लेंगे लेकिन इंदिरा गांधी को जिताएंगे। वह दौर अभी तक खत्म...

140-170 करोड़ लोगों में कमाने वाले और खाने वाले!

भारत में पिछले पच्चीस वर्षों में नौजवान आबादी तेजी से बढ़ी है। अगले चालीस सालों में और बढ़ेगी। मतलब काम कर सकने की उम्र की वर्कफोर्स का बढ़ना!

बेरोजगार नौजवानों से बरबादी के खतरे!

ध्यान नहीं आ रहा है कि आबादी से जुड़े आंकड़ों के अलावा भारत किसी और मामले में दुनिया में नंबर एक है। भारत में सबसे ज्यादा युवा आबादी है,...

बेरोजगारी दर आठ फीसदी से ऊपर

पिछले 16 महीने में सबसे ज्यादा है। इससे पहले अगस्त 2021 में बेरोजगारी दर 8.32 फीसदी थी।