unemployment

  • भारत ‘विकसित’ नहीं चौतरफा लड़खड़ा रहा है!

    नरेंद्र मोदी सरकार में इस विद्रूपता से भारत की इच्छाशक्ति और समझ का सिरे से अभाव है। बेरोजगारी और महंगाई जैसे प्रश्नों पर वह नव-उदारवादी फॉर्मूलों पर पुनर्विचार करने तक को तैयार नहीं है। चूंकि हाल के आम चुनाव में इन दोनों समस्याओं के कारण उसे गंभीर झटके लगे, इसलिए वह इस दिशा में कुछ करते तो दिखना चाहती है, लेकिन सचमुच कुछ करना नहीं चाहती! …महंगाई के सवाल पर तो उसने आत्म-समर्पण कर दिया है। बेरोजगारी का जो समाधान उसने पेश किया है, उसे दिखावटी से ज्यादा कुछ मानने का तर्क नहीं है। तो विचारणीय प्रश्न यह है कि...

  • अमीरी-गरीबी की बढ़ती खाई, महंगाई, बेरोजगारी बड़ी चुनौती : कांग्रेस

    नयी दिल्ली | कांग्रेस ने कहा है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को अपना सातवां बजट पेश करेंगी और इसको लेकर वह उद्योगपतियों, बैंकर्स, किसान संगठनों से बात कर चुकी है, लेकिन देश में सबसे बड़ी चुनौती बेरोजगारी, महंगाई और अमीर गरीब के बीच बढ़ती खाई है जिसे कम करने के लिए उनके इरादे स्पष्ट नजर नहीं आ रहे हैं। अमीरी-गरीबी की खाई कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने शुक्रवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बड़ा संकट यह है कि देश की एक फीसदी आबादी के पास लगभग आधा संपत्ति है जिसके कारण गरीबी और...

  • गलत दवा से इलाज

    बेरोजगारी जिस हद तक बढ़ गई है, उसके मद्देनजर समझा जा सकता है कि सरकारों पर इस समस्या को हल करते हुए दिखने का भारी दबाव है। मगर दिखावटी कदमों से इस गंभीर समस्या का समाधान संभव नहीं है। कर्नाटक सरकार ने एक विधेयक को मंजूरी दी है, जिसके पारित होने पर राज्य के बाशिंदों के लिए प्रबंधकीय नौकरियों में 50 प्रतिशत और गैर-प्रबंधकीय नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण हो जाएगा। बेरोजगारी जिस हद तक बढ़ गई है, उसके मद्देनजर समझा जा सकता है कि सरकारों पर इस समस्या को हल करते हुए दिखने का भारी दबाव है। मगर ऐसे...

  • हताशा का आलम

    जहां युवा बेरोजगारी असामान्य रूप से ऊंची हो और खाद्य मुद्रास्फीति लगातार आठ प्रतिशत से ऊपर हो, वहां कैसी जिंदगी की कल्पना की जा सकती है? अप्रैल के जारी ताजा आंकड़ों में भी खाद्य मुद्रास्फीति 8.7 प्रतिशत दर्ज हुई है। कुवैत में विदेशी मजदूरों के एक रहवास में हुए भयंकर अग्निकांड में मरे 49 लोगों में तकरीबन 40 भारतीय हैं। उधर रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में भाड़े के सैनिक के तौर पर गए दो और भारतीयों की मौत हो गई है। ये भारतीय उन 30 लोगों से अलग हैं, जिनके परिजनों ने भारत सरकार से संपर्क...

  • अब जाकर खुली आंख!

    यह अहसास तब हुआ, जब 2024 कॉरपोरेट्स की प्रिय पार्टी को तगड़ा झटका लगा और वह बहुमत से खासा दूर रह गई। तो अब उन्होंने सलाह दी है कि नई सरकार को रोजगार पैदा करने और महंगाई नियंत्रित करने पर ध्यान देना चाहिए। सर्वोच्च कॉरपोरेट अधिकारियों की आंख जाकर खुली है। उन्हें अंदाजा हुआ है कि भारत में बेरोजगारी एक दुर्दशा का रूप ले चुकी है। दूसरे अर्थों में यह कहा जा सकता है कि अपने बढ़ते मुनाफे से मस्त कॉरपोरेट सेक्टर को अब महसूस हुआ है कि जीडीपी की जिस ऊंची वृद्धि दर को लेकर उनकी खुशफहमी आसमान में...

  • बेरोजगारों का यही अंजाम!

    यह अहसास तब हुआ, जब 2024 कॉरपोरेट्स की प्रिय पार्टी को तगड़ा झटका लगा और वह बहुमत से खासा दूर रह गई। तो अब उन्होंने सलाह दी है कि नई सरकार को रोजगार पैदा करने और महंगाई नियंत्रित करने पर ध्यान देना चाहिए। सर्वोच्च कॉरपोरेट अधिकारियों की आंख जाकर खुली है। उन्हें अंदाजा हुआ है कि भारत में बेरोजगारी एक दुर्दशा का रूप ले चुकी है। दूसरे अर्थों में यह कहा जा सकता है कि अपने बढ़ते मुनाफे से मस्त कॉरपोरेट सेक्टर को अब महसूस हुआ है कि जीडीपी की जिस ऊंची वृद्धि दर को लेकर उनकी खुशफहमी आसमान में...

  • मोदी मोदी नहीं क्योंकि नौकरी, नौकरी

    यह अहसास तब हुआ, जब 2024 कॉरपोरेट्स की प्रिय पार्टी को तगड़ा झटका लगा और वह बहुमत से खासा दूर रह गई। तो अब उन्होंने सलाह दी है कि नई सरकार को रोजगार पैदा करने और महंगाई नियंत्रित करने पर ध्यान देना चाहिए। सर्वोच्च कॉरपोरेट अधिकारियों की आंख जाकर खुली है। उन्हें अंदाजा हुआ है कि भारत में बेरोजगारी एक दुर्दशा का रूप ले चुकी है। दूसरे अर्थों में यह कहा जा सकता है कि अपने बढ़ते मुनाफे से मस्त कॉरपोरेट सेक्टर को अब महसूस हुआ है कि जीडीपी की जिस ऊंची वृद्धि दर को लेकर उनकी खुशफहमी आसमान में...

  • समस्या से आंख मूंदना

    यह अहसास तब हुआ, जब 2024 कॉरपोरेट्स की प्रिय पार्टी को तगड़ा झटका लगा और वह बहुमत से खासा दूर रह गई। तो अब उन्होंने सलाह दी है कि नई सरकार को रोजगार पैदा करने और महंगाई नियंत्रित करने पर ध्यान देना चाहिए। सर्वोच्च कॉरपोरेट अधिकारियों की आंख जाकर खुली है। उन्हें अंदाजा हुआ है कि भारत में बेरोजगारी एक दुर्दशा का रूप ले चुकी है। दूसरे अर्थों में यह कहा जा सकता है कि अपने बढ़ते मुनाफे से मस्त कॉरपोरेट सेक्टर को अब महसूस हुआ है कि जीडीपी की जिस ऊंची वृद्धि दर को लेकर उनकी खुशफहमी आसमान में...

  • महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार भी मुद्दा!

    यह अहसास तब हुआ, जब 2024 कॉरपोरेट्स की प्रिय पार्टी को तगड़ा झटका लगा और वह बहुमत से खासा दूर रह गई। तो अब उन्होंने सलाह दी है कि नई सरकार को रोजगार पैदा करने और महंगाई नियंत्रित करने पर ध्यान देना चाहिए। सर्वोच्च कॉरपोरेट अधिकारियों की आंख जाकर खुली है। उन्हें अंदाजा हुआ है कि भारत में बेरोजगारी एक दुर्दशा का रूप ले चुकी है। दूसरे अर्थों में यह कहा जा सकता है कि अपने बढ़ते मुनाफे से मस्त कॉरपोरेट सेक्टर को अब महसूस हुआ है कि जीडीपी की जिस ऊंची वृद्धि दर को लेकर उनकी खुशफहमी आसमान में...

  • एक गौरतलब चेतावनी

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  • चुनाव बेरोजगारी और महंगाई पर होगा

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  • विपक्ष क्या भ्रष्टाचार का मुद्दा बना पाएगा?

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  • बेरोजगारी का यह आलम

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  • यह एक नई चुनौती

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  • बेरोजगारी का गंभीर मसला

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  • रोजगार की भयावह तस्वीर

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  • बेरोजगारी है विकराल, गंभीर बने!

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  • चार महीने में सबसे ज्यादा बेरोजगारी

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  • गरीबी, बेरोजगारी बरदाश्त करने की अंतहीन सीमा!

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  • 140-170 करोड़ लोगों में कमाने वाले और खाने वाले!

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