चीन से आत्मनिर्भर भारत!
दिवाली नजदीक है और सोशल मीडिया में मजाक है। पूछा जा रहा है कि चीनी की झालरों का विरोध करना है या नहीं? इस मजाक के पीछे की कहानी यह है कि कुछ समय पहले जब नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय क्षितिज पर आने के बाद राष्ट्रवाद का उफान चरम पर था, तब चीनी सामानों के विरोध का अभियान चला था। उसमें दिवाली के समय छोटी छोटी बत्तियों की लड़ियां यानी झालर, होली के समय पिचकारियां और मकर संक्रांति के समय पतंग और मांझे का विरोध सबसे ज्यादा होता था। ये सारी चीजें अब भी चीन से आती हैं। धीरे धीरे...