सुनील कनुगोलू का क्या मतलब?
वैसे तो हर पार्टी के पास अपने चुनाव रणनीतिकार और चुनाव प्रबंधन करने वाले लोग हैं। सबके पास सर्वे करने वाली टीम है लेकिन किसी टीम का इतना हल्ला नहीं मचता है, जितना कांग्रेस का मचता है। इसका कारण यह है कि पार्टी के लिए प्रचार की रणनीति बनाने वाले या सर्वे आदि करने वाले ही खुद को सबसे ऊपर मानने लगते हैं। वे अपना प्रचार खुद करते हैं और जनता में यह मैसेज बनवाते हैं कि कांग्रेस उनकी वजह से जीती है। जैसे सुनील कनुगोलू ने कर्नाटक में काम किया। सर्वे आदि किए और उम्मीदवार का चयन कराने में...