महाराष्ट्र में क्यों नहीं लगा राष्ट्रपति शासन?
महाराष्ट्र में विधानसभा का कार्यकाल मंगलवार, 26 नवंबर की आधी रात को समाप्त हो गया और नई सरकार भी शपथ नहीं ले पाई। इसके बावजूद राष्ट्रपति शासन नहीं लगाया गया। कहा जा रहा है कि राज्य के चुनाव अधिकारियों ने राज्यपाल को नए चुने गए विधायकों के नाम के साथ राजपत्र की प्रतियां सौंप दी हैं। इसलिए 15वीं विधानसभा अस्तित्व में आ चुकी है। कहा जा रहा है कि जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 73 के मुताबिक चुने गए सदस्यों के नामों की अधिसूचना राज्यपाल के सामने प्रस्तुत करने के बाद विधानसभा का विधिवत गठन हो जाता है। हो सकता...