president anura kumara

  • जिसके पास विकल्प है

    पारंपरिक सोच में ऐसी समझ प्रचलित कर दी गई है, जिसके तहत ‘अर्थव्यवस्था’ और आम जन के हित परस्पर विरोधी दिखने लगे हैं। एक तरफ अर्थव्यवस्था बेहतर प्रदर्शन करती है, और लगे हाथ आम लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी बदतर होती चली जाती है। श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव में इस वैश्विक ट्रेंड की पुष्टि हुई है कि सोच के पारंपरिक खांचों में बंधी पार्टियां अब लोगों को मंजूर नहीं हैं। इसलिए कि उनके पास लोगों की रोजमर्रा की समस्याओं का कोई जवाब नहीं है। पारंपरिक सोच में ऐसी समझ प्रचलित कर दी गई है, जिसके तहत ‘अर्थव्यवस्था’ और आम जन...