हर जगह बस कुंभ का रेलमपेला है!
घूमने के सारे ठिकाने, पर्यटन स्थल चाहे कितने ही मनमोहक क्यों न हों, वहां कुंभ की रेलमपेल मची रहती है। जबकि छुट्टियों का एक मकसद भीड़-भाड़ से दूर जाना भी होता है। भारत भर में पूरे साल हर तरह के पर्यटन स्थल - बीच हों या पहाड़, तीर्थ हो या नेशनल पार्क - हमेशा बुक रहते हैं। हर जगह कुम्भ के मेले जैसा नज़ारा रहता है। गहरा नीला आसमान और हवा में झूमते ताड़ के वृक्ष। बालकनी से मैं ज़मीन पर बिछी सफ़ेद रेत का अंतहीन सिलसिला देख सकती हूँ। धूप ठीक उतनी गर्म है, जितनी होनी चाहिए। दूर कहीं...