Thursday

24-04-2025 Vol 19

Politics

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तृणमूल के मुकाबले कहां है भाजपा?

west bengal politics : पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो गई है। चुनाव में एक साल बचे हैं। तभी ममता बनर्जी की पार्टी चुनाव की...

टकराव की राजनीति जारी रखेगी आप

आम आदमी पार्टी की राजनीति नहीं बदलने वाली है। वह पहले की तरह भारतीय जनता और केंद्र सरकार के खिलाफ टकराव की राजनीति जारी रखेगी।

क्षेत्रीय पार्टियों में दूसरी लाइन समाप्त

indian political parties : सभी प्रादेशिक क्षत्रपों के साथ कभी एक करिश्मा जुड़ा था या एक जातीय समीकरण था, जिसके दम पर वे सफल हुए।

कांग्रेस की दलित, मुस्लिम वोट की राजनीति

congress vote politics: राजद ने अपने को इससे दूर रखा क्योंकि बिहार में इसी साल चुनाव होने वाले हैं और राजद को वहां कांग्रेस की जरुरत है।

चुनावी लुभावने वादे किसके दम पर….?

आज का सबसे अहम् सवाल यही है कि केन्द्र व राज्यों की ये मुफ्त योजनाऐं वोट की खरीद-फरोख्त नही तो फिर क्या है

नेताओं का आचरण कैसे सुधरेगा?

भाजपा में तो इस बात की होड़ मची है कि कौन सा नेता विपक्ष के नेताओं को कितनी बुरी तरह से जलील कर सकता है

वर्ष 2024 का राजनीतिक सूत्र क्या है?

दुनिया भर में अंग्रेजी शब्दकोष के लिए वर्ष के शब्द चुने जाते हैं। जैसे ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी ने ‘ब्रेन रॉट’ को वर्ष का शब्द चुना है।

दिल्ली जैसी कश्मीर में राजनीति

केंद्र सरकार ने अभी तक जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल नहीं किया है।

जोड़ियों में राजनीति करने की जरुरत नहीं

पता नहीं राहुल गांधी और हेमंत सोरेन को कोई यह समझाता है या नहीं कि उनको जोड़ियों में राजनीति करने की जरुरत नहीं है

जीत गए तब भी सब जायज नहीं है!

जीत जारी कमियों को ढक देती है। जो जीत जाता है वह सिकंदर कहलाता है और कोई उस पर सवाल नहीं उठाता है। जीत गए तो गलतियां भी मास्टरस्ट्रोक...

न शर्म न हया: संविधान की रोज हत्या.?

इस तरह कुल मिलाकर आज की राजनीति से ‘जनसेवा’ का पूरी तरह लोप हो चुका है और वह पूरी तरह ‘स्व-सेवा’ बनकर रह गई है

नैतिकता अब है कहां जो नेता इस्तीफा दे!

याद नहीं आ रहा है कि नैतिकता के आधार पर आखिरी बार किसी नेता या लोक सेवक का इस्तीफा कब हुआ था।

‘घृणा’ अब अपना धर्म

कैसा तो विकसित भारत होगा? कैसे एक भारत, श्रेष्ठ भारत जैसी जुमलेबाजी कोई शक्ल लेगी?

मंत्र, जात और जोड़ तोड़!

नरेंद्र मोदी और अमित शाह हकीकत में जीते हैं। और दोनों ने जान लिया है कि उनका लोगों में क्रेज खत्म है। वे बासी हो गए हैं।

कहानी में अब है क्या!

‘गपशप’ लिखते-लिखते चालीस साल बाद अब वह मुकाम है जब न सुर्खियों और चेहरों से कहानी निकलती है और न सत्ता और राजनीति से कहानी में तड़का है।

वाचाल नेता, लाचार शिक्षा

कुछ पहले एक ऐतिहासिक अकादमिक संस्थान में भाषण देते हुए एक नेता ने तैश से कहा: "आप ने इतनी पुस्तकें प्रकाशित की हैं। मगर उस में काम की कितनी...

राजनीति हमें बीहड़ में ले आई!

बंगाल बदनाम है और बांग्ला मानस घायल। उधर बांग्लादेश में हिंदुओं को जान के लाले पड़े हैं। और नरेंद्र मोदी, अमित शाह, हिमंत बिस्वा सरमा उसमें हवा दे रहे...

जात राष्ट्र अब भारत सत्य!

दरअसल नरेंद्र मोदी और अमित शाह तिलमिलाएं हुए है। कह सकते है पूरा संघ परिवार परेशान है। इसलिए क्योंकि राहुल गांधी ने जाति जनगणना की जिद्द बना ली है।

सेवा भाव या सत्ता की लालसा?

भारत में नेताओं के अंदर नागरिकों की सेवा करने की भावना इतनी प्रबल है कि एक मुख्यमंत्री जेल में रह कर नागरिकों की सेवा कर रहे हैं।

अयोध्या को शोपीस क्यों बना रहे राहुल?

कांग्रेस नेता राहुल गांधी फैजाबाद में समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद की जीत को शोपीस बना कर घूम रहे हैं।

सिर्फ चुनाव और राजनीति की चिंता

पूरे 10 साल देश यह देखता आया है कि संसद, सरकार, शासन-प्रशासन, जनता का कामकाज सब मिथ्या या दोयम दर्जे के काम हैं। असली सच राजनीति है।

54 के हुए राहुल गांधी, जानें उनके जीवन की कुछ खास बातें

कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज 54 वर्ष के हो गए। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने जिस तरह से फिर से खोई साख को बचाने...

पांडियन का सक्रिय राजनीति से इस्तीफा

ओडिशा में बीजू जनता दल की हार के जिम्मेदार बताए जा रहे पूर्व आईएएस अधिकारी वीके पांडियन ने सक्रिय राजनीति से संन्यास की घोषणा की है।

देवता हैं मोदी तो मंदिर में रहें, राजनीति में नहीं: ममता

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि यदि वो देवता है तो उन्हें राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए।

यदि आम (आदमी) कच्चा है तो चटनी चाटों, अगर पका है तो उसे पूरी तरह चूसो..?

क्या उनके दिल-दिमाग में राष्ट्रभक्ति का चिराग प्रज्वलित किया? क्या उन्हें हमारी आजादी के इतिहास व स्वतंत्रता संग्राम व उनके सैनानियों के बारे में बताया?

Amit Shah: शेयर बाजार में गिरावट और चुनावी परिणाम

केंद्रीय गृह मंत्री Amit Shah को यह लगता हैं की 4 जून के बाद बाजार में तेजी आ सकती हैं।…

मुस्लिम आरक्षण पर मोदी का बड़ा बयान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान से पहले मुस्लिम आरक्षण का बड़ा मुद्दा उठाया है।

भाजपा में पाकिस्तानी मानसिकता?

आज यहाँ जैसी शत्रुता दिख रही है, यह पाकिस्तान में होता रहा है (और कम्युनिस्ट देशों में)। कोई पिछले नेता को बदनाम करे, जेल दे, या मरवा डाले।

कांग्रेस ओबीसी राजनीति छोड़े, पुरानी समावेशी बने!

इन्दिरा गांधी की बात यहीं याद आती है कि कमजोर वर्ग के बीच जाकर काम करो। उनका सामाजिक नेतृत्व करो। कांग्रेस को यही करने की जरूरत है।

सारे राजाओं की एक जैसी कहानी

बड़े नेताओं के बेटे या बेटियां हैं उनको सत्ता के बगैर ज्यादा समय तक नहीं रहा जाता है और वे जल्दी से जल्दी पाला बदलते हैं और सत्तारूढ़ दल...

विशेषाधिकार में घूस लेने की छूट नहीं

सिर्फ रिश्वत लेकर वोट डालने के मामले पर विचार करने की बजाय सांसदों के आचरण, भाषण आदि पहलुओं पर भी विचार करना चाहिए

अब तो ‘धर्म की राजनीति’ ही ‘राजनीति का धर्म…!

मारे संविधान में स्पष्ट उल्लेख है कि ‘राजनीति को धर्म से बिल्कुल अलग रखा जाए, दोनों के संविलियन के प्रयास हमारे देश के हित में नहीं होंगे

पिछड़ी जातियों के वोटों की राजनीति…!

योगी जी ने आरएसएस के सूत्रों से मोदी जी तक यह संदेशा भिजवा दिया कि अगर उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाता है, तो वे उनकी हिन्दू समर्थन की हवा...

मुद्रा-इतिहास के अश्वेत पन्ने का अंतिम संस्कार

 नरेंद्र भाई के पौरुष से सात साल पहले जन्मे दो हज़ार रुपए के नोट का आज अंतिम संस्कार है। इसलिए मैं इन सात वर्षों की चकरघिन्नी में आपको ले...

एफआईआर की राजनीति बंद होनी चाहिए

तमिलनाडु के खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म पर दिए बयान को लेकर बिहार में एक मुकदमा दर्ज हो गया है।

नफरती पार्टियों का सहारा?

रोप में एक के बाद एक देश में धुर दक्षिणपंथी ताकतों का राजनीति में प्रभाव क्यों बढ़ता जा रहा है, यह सारी दुनिया के लिए गंभीर विचार मंथन का...

सत्ता मद और अहिंसा का संकल्प

सत्ता सिर पर चढ़ कर ही बोलती है। और पूर्ण-सत्ता तो बेलगाम होती है। इज़राइल में सरकार अपने ही लोगों के सिर पर चढ़ना चाह रही है।

क्रांतिकारियों की तस्वीरों के सहारे राजनीति

देश में ज़्यादातर नेताओं की राजनीति क्या आज़ादी के लड़ाके या फिर क्रांतिकारियों के नाम पर या फिर उनकी तस्वीर के सहारे चलाई जा रही है।

नेता और अपराध: तीन हजार लंबित- नेता निपट जाएंगे… उनके केस नहीं….?

रिपोर्ट के अनुसार इस देश में 99% नेता अपराधों में लिप्त रहे हैं और अपराध भी कैसे हत्या, बलवा, बलात्कार, अपहरण आदि जैसे मामलों में।

11 जून को बड़ी राजनीतिक हलचल

दिल्ली से लेकर राजस्थान तक 11 जून को बड़ी राजनीतिक हलचल है। एक साथ कई राजनीतिक घटनाएं होने वाली हैं।

ढाई ढाई साल का फॉर्मूला कारगर नहीं

मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि सिद्धरमैया और डीके शिवकुमार के बीच सत्ता के बंटवारे का फॉर्मूला बना है।

केंद्रीय एजेंसियों पर विपक्ष के आरोप

केंद्रीय एजेंसियों, सीबीआई, ईडी, आयकर विभाग आदि के दुरुपयोग का आरोप विपक्ष पहले से लगा रहा था लेकिन अब विपक्ष के आरोप एक कदम आगे बढ़ गए हैं।

प्रशांत किशोर की जन सुराज पदयात्रा स्थगित

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अपनी जन सुराज पदयात्रा करीब 25 दिनों के लिए स्थगित कर दी है अब पदयात्रा 11 जून से अपने पुराने स्वरूप में फिर से...

अगले चरण की आरक्षण राजनीति!

आरक्षण का पंडोरा बॉक्स खुलने वाला है। राहुल गांधी ने समाजवादी नेताओं की लाइन पकड़ी है और ‘जितनी आबादी, उतना हक’ का नारा दिया है। इस तरह का नारा...

बंगाल, बिहार, झारखंड सरकार पर तलवार!

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले 10 दिन में बिहार और पश्चिम बंगाल की अपनी सभाओं में जो कुछ कहा है वह मामूली नहीं है।

बिहार और हिंदी पट्टी की राजनीति

आजाद भारत के इतिहास में दो बार- 1977 और 1989 में विपक्ष ने एकजुट होकर सत्तारूढ़ दल को हराया है। दोनों बार के बदलाव में बिहार की बड़ी भूमिका...

राजनीति की बलि चढ़ती जनहित और सुप्रीम कोर्ट की नसीहत

यूं तो देश में  दलीय राजनीति के अनेक विवाद  चल रहे हैं  और सभी पक्ष  अपने अपने तर्क सार्वजनिक  क्षेत्र में रख रहे है|

राजनीति में खत्म हुई शालीनता!

राहुल गांधी के ताज़ा विवाद पर पक्ष और विपक्ष तलवारें भांजे आमने-सामने खड़ा है। इस विवाद के क़ानूनी व राजनैतिक पक्षों पर मीडिया में काफ़ी बहस चल रही है।