यह खेल बंद हो
न्यायपालिका ने दस फीसदी ईडब्लूएस आरक्षण को उचित ठहरा कर खुद इंदिरा साहनी मामले में आरक्षण की तय सीमा का खुद अनादर किया था। स्पष्टतः कोर्ट के उस रुख से राजनीतिक दल आरक्षण बढ़ाने का कार्ड आगे भी खेलने के लिए प्रोत्साहित हुए। पटना हाई कोर्ट के बिहार में आरक्षण की सीमा में बढ़ोतरी को रद्द कर दिया है। इस फैसले को राजनीतिक दलों को एक सामयिक चेतावनी के रूप लेना चाहिए। बेशक आरक्षण के मामले में कोर्ट के फैसलों में एकरूपता नहीं रही है। मसलन, न्यायपालिका ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्लूएस) को दस फीसदी आरक्षण देने के...