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  • फिलस्तीन के समर्थन का थैला लेकर पहुंचीं प्रियंका

    नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा सोमवार को संसद में एक ऐसा थैला लेकर पहुंचीं, जिस पर फिलस्तीन के समर्थन में नारे लिखे गए थे और फिलस्तीन के प्रतीक चिन्ह बने थे। इन्हें लेकर भाजपा ने सवाल उठाया और कांग्रेस को कठघरे में खड़ा किया। भाजपा ने कहा कि मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए प्रियंका इस तरह का बैग लेकर पहुंचीं। दूसरी ओर प्रियंका ने कहा कि वे क्या पहनेंगी, इसका फैसला वे खुद करेंगी। बहरहाल, प्रियंका जो बैग लेकर पहुंचीं थीं उस पर लिखा था- फिलस्तीन आजाद होगा। उस पर शांति का प्रतीक सफेद कबूतर और तरबूज भी बना...

  • फिलस्तीन मसले पर विदेश मंत्री ने बयान दिया

    नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इजराइल और फिलस्तीन के संघर्ष को लेकर राज्यसभा में कुछ मसलों पर सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने गुरुवार को अपने बयान में इजरायल और फिलस्तीन संघर्ष के समाधान के लिए दो राज्य बनाने के भारत के दीर्घकालिक समर्थन की पुष्टि की। उन्होंने इजरायल के साथ साथ एक ‘संप्रभु, स्वतंत्र और व्यवहार्य फिलस्तीनी राज्य’ की स्थापना की अपील की। एस जयशंकर ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान भारत द्वारा गाजा पर संयुक्त राष्ट्र के सभी प्रस्तावों से कथित रूप से दूर रहने के दावे का जवाब देते हुए कहा कि पिछले साल सात अक्टूबर...

  • अफरातफरी और बहुधुरी की दुनिया

    गाजा पिछले नौ महिनों से युद्ध की विभीषिका झेल रहा है। यूक्रेन पर रूस के हमले के दो साल बाद भी लड़ाई जारी है। मौत, विनाश, दहशत और आतंक के हालात लगातार बने हुए हैं। दुनिया इन युद्धों में से एक पर ध्यान दी रही है और दूसरे से नजरें फेर रही है। एक युद्ध में पाखंड है और दूसरे में नृशंसता। लेकिन यह सब अब आम लगने लगा है। एक दिन आक्रोश नजर आता है, दूसरे दिन भय और तीसरे दिन आशंकाओं के काले बादल मंडराने लगते हैं। हम सब दो युद्धों से उपजे संकट को झेल रहे हैं,...

  • चीन के बाद भारत आएंगे अरब देशों के विदेश मंत्री

    नई दिल्ली। इजराइल और हमास की जंग के बीच अरब देशों के विदेश मंत्री दुनिया भर के देशों का दौरा कर रहे हैं। चीन का दौरा करने के बाद उनकी टीम भारत के दौरे पर आएगी। बताया जा रहा है कि इसी हफ्ते के आखिर तक कई अरब देशों के विदेश मंत्री एक साथ भारत आ सकते हैं। पश्चिम एशिया के हालात पर उनसे चर्चा होने की संभावना है। इस बीच उधर इजराइल और हमास की जंग में युद्धविराम की डील तय होने की खबरें आ रही हैं। हमास के नेता इस्माइल हानिया ने कहा है कि जल्दी ही समझौता...

  • इजराइल क्यों अमेरिका के लिए इतना खास?

    सवाल आज दुनिया में बहुत से लोगों के मन में है और इस पर खासी चर्चा भी हो रही है। तो आइए, इसे समझने की कोशिश करते हैं। अमेरिका के इस लगाव के संभवतः दो आयाम हैं। इनमें एक का संबंध अमेरिका की अंदरूनी राजनीति से है। दूसरा अमेरिका की वर्चस्ववादी महत्त्वाकांक्षाओं से संबंधित है। इन महत्त्वाकांक्षाओं के नजरिए से देखें, तो कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस से समृद्ध पश्चिम एशिया पर नियंत्रण बरकरार रखना विश्वव्यापी अमेरिकी वर्चस्व के लिए निर्णायक महत्त्व का है।    सत्येंद्र रंजन फिलस्तीन के गजा में इजराइली अत्याचार दीर्घकालिक नजरिए से अमेरिका के लिए बहुत महंगा...

  • क्या इजराइल मिट जाएगा?

    सवाल आज दुनिया में बहुत से लोगों के मन में है और इस पर खासी चर्चा भी हो रही है। तो आइए, इसे समझने की कोशिश करते हैं। अमेरिका के इस लगाव के संभवतः दो आयाम हैं। इनमें एक का संबंध अमेरिका की अंदरूनी राजनीति से है। दूसरा अमेरिका की वर्चस्ववादी महत्त्वाकांक्षाओं से संबंधित है। इन महत्त्वाकांक्षाओं के नजरिए से देखें, तो कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस से समृद्ध पश्चिम एशिया पर नियंत्रण बरकरार रखना विश्वव्यापी अमेरिकी वर्चस्व के लिए निर्णायक महत्त्व का है।    सत्येंद्र रंजन फिलस्तीन के गजा में इजराइली अत्याचार दीर्घकालिक नजरिए से अमेरिका के लिए बहुत महंगा...

  • यहूदीः फिर नफरत और लड़ाई!

    सवाल आज दुनिया में बहुत से लोगों के मन में है और इस पर खासी चर्चा भी हो रही है। तो आइए, इसे समझने की कोशिश करते हैं। अमेरिका के इस लगाव के संभवतः दो आयाम हैं। इनमें एक का संबंध अमेरिका की अंदरूनी राजनीति से है। दूसरा अमेरिका की वर्चस्ववादी महत्त्वाकांक्षाओं से संबंधित है। इन महत्त्वाकांक्षाओं के नजरिए से देखें, तो कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस से समृद्ध पश्चिम एशिया पर नियंत्रण बरकरार रखना विश्वव्यापी अमेरिकी वर्चस्व के लिए निर्णायक महत्त्व का है।    सत्येंद्र रंजन फिलस्तीन के गजा में इजराइली अत्याचार दीर्घकालिक नजरिए से अमेरिका के लिए बहुत महंगा...

  • गुस्साएं 45 करोड अरबी, आशंकित हुक्मरान

    सवाल आज दुनिया में बहुत से लोगों के मन में है और इस पर खासी चर्चा भी हो रही है। तो आइए, इसे समझने की कोशिश करते हैं। अमेरिका के इस लगाव के संभवतः दो आयाम हैं। इनमें एक का संबंध अमेरिका की अंदरूनी राजनीति से है। दूसरा अमेरिका की वर्चस्ववादी महत्त्वाकांक्षाओं से संबंधित है। इन महत्त्वाकांक्षाओं के नजरिए से देखें, तो कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस से समृद्ध पश्चिम एशिया पर नियंत्रण बरकरार रखना विश्वव्यापी अमेरिकी वर्चस्व के लिए निर्णायक महत्त्व का है।    सत्येंद्र रंजन फिलस्तीन के गजा में इजराइली अत्याचार दीर्घकालिक नजरिए से अमेरिका के लिए बहुत महंगा...

  • पश्चिमी खेमे में फूट?

    सवाल आज दुनिया में बहुत से लोगों के मन में है और इस पर खासी चर्चा भी हो रही है। तो आइए, इसे समझने की कोशिश करते हैं। अमेरिका के इस लगाव के संभवतः दो आयाम हैं। इनमें एक का संबंध अमेरिका की अंदरूनी राजनीति से है। दूसरा अमेरिका की वर्चस्ववादी महत्त्वाकांक्षाओं से संबंधित है। इन महत्त्वाकांक्षाओं के नजरिए से देखें, तो कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस से समृद्ध पश्चिम एशिया पर नियंत्रण बरकरार रखना विश्वव्यापी अमेरिकी वर्चस्व के लिए निर्णायक महत्त्व का है।    सत्येंद्र रंजन फिलस्तीन के गजा में इजराइली अत्याचार दीर्घकालिक नजरिए से अमेरिका के लिए बहुत महंगा...

  • भारत ने गाजा को मदद भेजी

    सवाल आज दुनिया में बहुत से लोगों के मन में है और इस पर खासी चर्चा भी हो रही है। तो आइए, इसे समझने की कोशिश करते हैं। अमेरिका के इस लगाव के संभवतः दो आयाम हैं। इनमें एक का संबंध अमेरिका की अंदरूनी राजनीति से है। दूसरा अमेरिका की वर्चस्ववादी महत्त्वाकांक्षाओं से संबंधित है। इन महत्त्वाकांक्षाओं के नजरिए से देखें, तो कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस से समृद्ध पश्चिम एशिया पर नियंत्रण बरकरार रखना विश्वव्यापी अमेरिकी वर्चस्व के लिए निर्णायक महत्त्व का है।    सत्येंद्र रंजन फिलस्तीन के गजा में इजराइली अत्याचार दीर्घकालिक नजरिए से अमेरिका के लिए बहुत महंगा...

  • अब्राहम की संतानें (यहूदी, ईसाई, मुसलमान) मानव या पशु?

    सवाल आज दुनिया में बहुत से लोगों के मन में है और इस पर खासी चर्चा भी हो रही है। तो आइए, इसे समझने की कोशिश करते हैं। अमेरिका के इस लगाव के संभवतः दो आयाम हैं। इनमें एक का संबंध अमेरिका की अंदरूनी राजनीति से है। दूसरा अमेरिका की वर्चस्ववादी महत्त्वाकांक्षाओं से संबंधित है। इन महत्त्वाकांक्षाओं के नजरिए से देखें, तो कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस से समृद्ध पश्चिम एशिया पर नियंत्रण बरकरार रखना विश्वव्यापी अमेरिकी वर्चस्व के लिए निर्णायक महत्त्व का है।    सत्येंद्र रंजन फिलस्तीन के गजा में इजराइली अत्याचार दीर्घकालिक नजरिए से अमेरिका के लिए बहुत महंगा...

  • पूरे अरब में जबरदस्त गुस्सा

    सवाल आज दुनिया में बहुत से लोगों के मन में है और इस पर खासी चर्चा भी हो रही है। तो आइए, इसे समझने की कोशिश करते हैं। अमेरिका के इस लगाव के संभवतः दो आयाम हैं। इनमें एक का संबंध अमेरिका की अंदरूनी राजनीति से है। दूसरा अमेरिका की वर्चस्ववादी महत्त्वाकांक्षाओं से संबंधित है। इन महत्त्वाकांक्षाओं के नजरिए से देखें, तो कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस से समृद्ध पश्चिम एशिया पर नियंत्रण बरकरार रखना विश्वव्यापी अमेरिकी वर्चस्व के लिए निर्णायक महत्त्व का है।    सत्येंद्र रंजन फिलस्तीन के गजा में इजराइली अत्याचार दीर्घकालिक नजरिए से अमेरिका के लिए बहुत महंगा...

  • विपक्ष के नेता फिलस्तीन के राजदूत से मिले

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  • इजराइल बनाम हमास के झगड़े की जड़ क्या?

    सवाल आज दुनिया में बहुत से लोगों के मन में है और इस पर खासी चर्चा भी हो रही है। तो आइए, इसे समझने की कोशिश करते हैं। अमेरिका के इस लगाव के संभवतः दो आयाम हैं। इनमें एक का संबंध अमेरिका की अंदरूनी राजनीति से है। दूसरा अमेरिका की वर्चस्ववादी महत्त्वाकांक्षाओं से संबंधित है। इन महत्त्वाकांक्षाओं के नजरिए से देखें, तो कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस से समृद्ध पश्चिम एशिया पर नियंत्रण बरकरार रखना विश्वव्यापी अमेरिकी वर्चस्व के लिए निर्णायक महत्त्व का है।    सत्येंद्र रंजन फिलस्तीन के गजा में इजराइली अत्याचार दीर्घकालिक नजरिए से अमेरिका के लिए बहुत महंगा...

  • ‘वॉर क्रिमिनल’ नेतन्याहू और इजराइल कलंकित!

    सवाल आज दुनिया में बहुत से लोगों के मन में है और इस पर खासी चर्चा भी हो रही है। तो आइए, इसे समझने की कोशिश करते हैं। अमेरिका के इस लगाव के संभवतः दो आयाम हैं। इनमें एक का संबंध अमेरिका की अंदरूनी राजनीति से है। दूसरा अमेरिका की वर्चस्ववादी महत्त्वाकांक्षाओं से संबंधित है। इन महत्त्वाकांक्षाओं के नजरिए से देखें, तो कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस से समृद्ध पश्चिम एशिया पर नियंत्रण बरकरार रखना विश्वव्यापी अमेरिकी वर्चस्व के लिए निर्णायक महत्त्व का है।    सत्येंद्र रंजन फिलस्तीन के गजा में इजराइली अत्याचार दीर्घकालिक नजरिए से अमेरिका के लिए बहुत महंगा...

  • गाज़ा पट्टी के पेच-ओ-ख़म और गंगा आरती

    सवाल आज दुनिया में बहुत से लोगों के मन में है और इस पर खासी चर्चा भी हो रही है। तो आइए, इसे समझने की कोशिश करते हैं। अमेरिका के इस लगाव के संभवतः दो आयाम हैं। इनमें एक का संबंध अमेरिका की अंदरूनी राजनीति से है। दूसरा अमेरिका की वर्चस्ववादी महत्त्वाकांक्षाओं से संबंधित है। इन महत्त्वाकांक्षाओं के नजरिए से देखें, तो कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस से समृद्ध पश्चिम एशिया पर नियंत्रण बरकरार रखना विश्वव्यापी अमेरिकी वर्चस्व के लिए निर्णायक महत्त्व का है।    सत्येंद्र रंजन फिलस्तीन के गजा में इजराइली अत्याचार दीर्घकालिक नजरिए से अमेरिका के लिए बहुत महंगा...

  • इजराइली हमला तेज

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  • फिलिस्तीन पर कोई चर्चा नहीं!

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  • इजराइल-हमास पर भारत की संतुलित प्रतिक्रिया

    सवाल आज दुनिया में बहुत से लोगों के मन में है और इस पर खासी चर्चा भी हो रही है। तो आइए, इसे समझने की कोशिश करते हैं। अमेरिका के इस लगाव के संभवतः दो आयाम हैं। इनमें एक का संबंध अमेरिका की अंदरूनी राजनीति से है। दूसरा अमेरिका की वर्चस्ववादी महत्त्वाकांक्षाओं से संबंधित है। इन महत्त्वाकांक्षाओं के नजरिए से देखें, तो कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस से समृद्ध पश्चिम एशिया पर नियंत्रण बरकरार रखना विश्वव्यापी अमेरिकी वर्चस्व के लिए निर्णायक महत्त्व का है।    सत्येंद्र रंजन फिलस्तीन के गजा में इजराइली अत्याचार दीर्घकालिक नजरिए से अमेरिका के लिए बहुत महंगा...

  • हमास-इजराइल में जंग, 1000 की मौत!

    सवाल आज दुनिया में बहुत से लोगों के मन में है और इस पर खासी चर्चा भी हो रही है। तो आइए, इसे समझने की कोशिश करते हैं। अमेरिका के इस लगाव के संभवतः दो आयाम हैं। इनमें एक का संबंध अमेरिका की अंदरूनी राजनीति से है। दूसरा अमेरिका की वर्चस्ववादी महत्त्वाकांक्षाओं से संबंधित है। इन महत्त्वाकांक्षाओं के नजरिए से देखें, तो कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस से समृद्ध पश्चिम एशिया पर नियंत्रण बरकरार रखना विश्वव्यापी अमेरिकी वर्चस्व के लिए निर्णायक महत्त्व का है।    सत्येंद्र रंजन फिलस्तीन के गजा में इजराइली अत्याचार दीर्घकालिक नजरिए से अमेरिका के लिए बहुत महंगा...

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