New Criminal Laws

  • नए कानून में पुलिस को और ताकत!

    देश में नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं। इस बात को ऐसे भी कह सकते हैं कि अंग्रेजों के जमाने में, 1861 में बने तीन आपराधिक कानूनों को नया नाम मिल गया है और कई अपराधों की धाराएं बदल गई हैं। मुख्य रूप से यही काम हुआ है। बाकी कुछ नए अपराधों को इसमें शामिल किया गया है और कुछ पुराने अपराध इन कानूनों के दायरे से बाहर भी हो गए हैं। लेकिन उनकी संख्या बहुत थोड़ी है। नए कानून एक जुलाई से लागू हुए हैं और उससे पहले सोशल मीडिया में इन पर मीम्स की भी बाढ़ आई...

  • असहमति की फिर अनदेखी

    वर्तमान सरकार का नजरिया सार्वजनिक मामलों में खुद से असहमत किसी अन्य पक्ष को अंशधारी ना मानने का है। उस सोच का खुला प्रदर्शन नई आपराधिक न्याय संहिताओं के मामले में भी हुआ है, जिन पर पुनर्विचार की मांग ठुकरा दी गई है। नई आपराधिक न्याय संहिताएं आज से लागू हो गई हैं। नई संसद में इन पर पुनर्विचार की मांग को सरकार ने ठुकरा दिया। विपक्ष और सिविल सोसायटी संगठनों की इस मांग की सिरे से अनदेखी कर दी गई कि आम सहमति बनने तक अमल टाला जाए। वर्तमान सरकार का नजरिया सार्वजनिक मामलों में खुद से असहमत किसी...

  • नए आपराधिक कानून लागू

    नई दिल्ली। अंग्रेजों के जमाने में बने आपराधिक कानूनों की जगह बने तीन नए कानून, सोमवार यानी एक जुलाई से लागू हो जाएंगे। पुलिस और न्यायिक महकमे के साथ अन्य सरकारी एजेंसियां इन कानूनों को लागू करने की तैयारी में लगी हैं। माना जा रहा है कि इससे भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में व्यापक बदलाव आएंगे और औपनिवेशिक काल के कानूनों का अंत हो जाएगा। विपक्षी पार्टियां इन तीनों कानूनों पर अमल रोकने की मांग कर रही हैं और इसे लेकर सोमवार को संसद में हंगामा देखने को मिल सकता है। बहरहाल, भारत सरकार ने पिछले साल अंग्रेजों के...

  • नए आपराधिक कानूनों के खिलाफ याचिका खारिज

    नई दिल्ली। भारतीय न्याय संहिता सहित तीन आपराधिक कानूनों के खिलाफ दायर याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया। याचिका में तीनों आपराधिक कानूनों की जांच और लागू होने के बाद सही ढंग से काम करने की जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति बनाने का निर्देश देने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि ये बिल संसद में बिना बहस के पास कर दिए गए। उस वक्त ज्यादातर विपक्षी सांसद निलंबित थे। जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मित्तल की अवकाशकालीन बेंच ने सोमवार को कहा कि ये कानून अब तक लागू नहीं हुए हैं।...

  • आपराधिक कानूनों का नया बिल पेश

    नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के सातवें दिन मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आपराधिक कानूनों में बदलाव के लिए पेश किए गए तीनों विधेयक वापस ले लिए। और उनकी इनकी जगह तीन नए विधेयक लोकसभा में पेश किए। अमित शाह ने कहा कि संसद की गृह मामलों की समिति ने विधेयकों में सुधार की सिफारिश की थी। इसलिए सरकार ने पहले पेश किए गए विधेयकों में संशोधन लाने की बजाय बदलावों को शामिल करते हुए नए विधेयक लाने का फैसला किया। गौरतलब है कि सरकार आईपीसी, सीआरपीसी और इविडेंस एक्ट की जगह हिंदी नाम वाले तीन...