आत्म-निरीक्षण की जरूरत
पड़ोसी देशों का भारत से रिश्ता वहां के किसी एक राजनीतिक खेमे पर इतना निर्भर क्यों है? इसका आधार पूरे सियासी दायरे में क्यों नहीं है? फिर उन देशों में भारत विरोधी भावनाओं के लिए खुद भारत के सत्ताधारी नेता कितने जिम्मेदार हैं? विदेश नीति के मोर्चे पर भारत को गहरे आत्म-निरीक्षण की जरूरत है, लेकिन वर्तमान सरकार से इसकी अपेक्षा निराधार है। इस सरकार की पहचान प्रतिकूल स्थितियों में अनुकूलता के तत्व गढ़ने) की रही है। यही संकेत फिर मिला, जब विदेश मंत्री एस. जयशंकर वॉशिंगटन स्थित एशिया सोसायटी के संवाद में शामिल हुए। वैसे उनसे यह सुनना कर्णप्रिय...