फ़िदा-हुसैन नहीं, न्याय-देवता की ज़रूरत
पूरे एक दशक अकांडतांडव में रत रहने वाले टीवी-सूत्रधारों और अख़बारी-क़लमकारों के परिस्थितिजन्य ताल-बदलू उपक्रम को उन का सच्चा हृदय परिवर्तन समझने वाले नासमझों को कोई समझाए कि सांसारिक लीलाएं इतनी बेलोच नहीं हुआ करती हैं कि आप उन पर ऐसे सरपट रपटने लगें।... जन्मजात अंधखोपड़ियों ने पूरे दस बरस कथन और लेखन के अक्षरविश्व में जैसा नग्न-धमाल मचाया, उसे ऐसे ही विस्मृत कर देना नादानी होगी। दस साल से देश की छाती पर नरेंद्र भाई मोदी की नफ़रती-कार्यावली की मूंग हर रोज़ पूरे ज़ोरशोर से दल रहे मीडिया-अनुचरों में से कुछ के सुर 2024 के लोकसभा चुनाव नतीजे आने...