Friday

14-03-2025 Vol 19

Media

‘वाशिंगटन पोस्ट’ भी तबाह!

अखबार बौने हो गए हैं, लोगों ने टीवी पर खबरें देखना बंद कर दिया है और नकारात्मक खबरों का बोलबाला हो गया है।

फ़िदा-हुसैन नहीं, न्याय-देवता की ज़रूरत

जन्मजात अंधखोपड़ियों ने पूरे दस बरस कथन और लेखन के अक्षरविश्व में जैसा नग्न-धमाल मचाया, उसे ऐसे ही विस्मृत कर देना नादानी होगी।

मीडिया इतना कभी नहीं गिरा !

इन लोकसभा चुनावों में मीडिया जितना चर्चा में रहा उतना पहले कभी नहीं रहा। मीडिया खुद ज्यादा चर्चा में रहने के लिए नहीं होता।

और घटा प्रेस फ्रीडम

फ्रांस स्थित संस्था रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर (आरएसएफ) की नई रैंकिंग में पहली नजर में भारत की स्थिति सुधरी नज़र आती है।

मीडिया बीस साल से राहुल का विरोधी

राहुल का विरोध तब भी ऐसा ही होता था। और जिस तरह आज कांग्रेसी उनकी मदद नहीं करते उसी तरह उस समय भी नहीं करते थे। Rahul Gandhi congress

मीडिया पर हमला करके क्या मिलेगा?

विपक्षी पार्टियों के नेता लगातार चुनाव हारने की भड़ास मीडिया पर निकाल रहे हैं। कांग्रेस से लेकर समाजवादी पार्टी और राजद से लेकर जदयू और तृणमूल कांग्रेस तक के...

खेलों से क्यों खफा मीडिया?

दिन-रात नेताओं, सांसदों और दलगत राजनीति का भोंपू बजाने वाले टीवी चैनल, समाचार पत्रों और सोशल मीडिया को क्रिकेट के अलावा कोई दूसरा खेल और खिलाड़ी क्यों नजर नहीं...

राहुल ने मीडिया पर उठाए सवाल

राहुल ने निराशा जताते हुए कहा- हमारे करीब डेढ़ सौ सांसदों को संसद से बाहर फेंक दिया, उस पर कोई चर्चा नहीं हो रही है।

क्या मीडिया बिकाऊ है?

मीडिया के सदस्य उसी हद तक बिकाऊ हैं जिस हद तक अन्य संस्थाओं के सदस्य।...यदि हमारा मीडिया अपने पर छोड़ दिया जाए तो अभी भी बिकाऊ नहीं है।

डरे हुए मीडिया को और डराना

मीडिया को और ज्यादा डराए जाने के लिए यह छापे हैं। वर्ल्ड प्रेसफ्रीडम इंडेक्स में भारत 161 वें स्थान पर है। हर साल नीचे खिसकता जा रहा है।

सरकार फैक्ट चेक करेगी

यह विशुद्ध रूप से खबर को नियंत्रित करने का प्रयास है। यह प्रत्यक्ष रूप से खबरों को सेंसर करने का प्रयास है।

अजित ने मीडिया में गलत खबर चलाये जाने पर जतायी नाराजगी

महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार (Ajit Pawar) ने शनिवार को प्रेस के कुछ वर्गों में उनके बारे में गलत रिपोर्ट के प्रकाशन और प्रसारण पर...

मीडिया के पावर को क्या हुआ?

पिछले आठ-नौ साल में मीडिया का महत्व कम हुआ है, मीडिया मालिकों और पत्रकारों की हैसियत घटी है और लोगों की नजर में उनकी ताकत भी कम हुई है

‘फ्रेंकनस्टेट’ में नतमस्तक मीडिया

सही कागज पर मीडिया आजाद है परंतु वह जनता का ब्रेनवॉश करने में जुटा हुआ है और सच से लोगों की आंखें बंद कराए हुए है।

आरएसएस का सभी संस्थाओं पर नियंत्रण

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि आरएसएस तथा भाजपा का देश के मीडिया, नौकरशाही, निर्वाचन आयोग और न्यायपालिका पर ‘दबाव’ है।