Manusmriti

  • मनुस्मृति लहराने का नुकसान होगा

    सिर्फ संविधान लहराने से काम नहीं चला है तो राहुल गांधी अब मनुस्मृति लहराने लगे हैं। वे  संविधान पर चर्चा के दौरान संसद में मनुस्मृति लेकर पहुंचे। उन्होंने दावा किया कि भाजपा नेताओं के वैचारिक पूर्वज यानी विनाय़क दामोदर सावरकर संविधान को नहीं मानते थे। वे कहते थे कि संविधान में कुछ भी भारतीय नहीं है। वे मनुस्मृति को मानते थे। हालांकि उसी सदन में शिव सेना के सांसद श्रीकांत शिंदे ने सावरकर की सौवीं जयंती के मौके पर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की लिखी एक चिट्ठी पढ़ कर सुनाई, जिसमें उन्होंने सावरकर को भारत का महान सपूत बताया था...

  • मनुस्मृति लेकर राहुल का भाषण

    नई दिल्ली। संविधान पर चर्चा के दूसरे दिन शनिवार को राहुल गांधी ने भाषण दिया। पहले दिन शुक्रवार को संविधान पर चर्चा शुरू हुई तो सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने और विपक्ष की ओर से प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुरुआत की थी। दूसरे दिन प्रधानमंत्री का भाषण हुआ लेकिन उससे पहले दिन में राहुल गांधी बोले। शनिवार को राहुल ने अपने भाषण के दौरान एक हाथ में संविधान और दूसरे में मनुस्मृति की कॉपी लेकर भाजपा से पूछा कि उसे संविधान पसंद है या मनुस्मृति। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के राज में शासन मनुस्मृति से...

  • राहुल की मनुस्मृति व संविधान बेहूदगी

    कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पिछले दिनों झारखंड की राजधानी रांची में संविधान के सम्मान में आयोजित एक कार्यक्रम में देश में कथित तौर पर चल रहे वैचारिक संघर्ष को प्रतीकित करने वाली दो बातें कहीं। पहली, ‘मनुस्मृति संविधान विरोधी है’। यह एकदम बेतुकी बात है क्योंकि दो विचारों को एक दूसरे का विरोधी तभी कहा जा सकता है, जब वे समकालीन हों और एक साथ चलन में हों। दूसरी, ‘मनुस्मृति और संविधान के बीच दशकों से संघर्ष चल रहा है’। सवाल है कि क्या सचमुच इस तरह का कोई वैचारिक संघर्ष धरातल पर चल रहा है? इससे भी बड़ा...