Monday

10-03-2025 Vol 19

madhya pradesh assembly election

हारने वालों का दर्द सुना और दवा दी

कुल मिलाकर भाजपा ने अपने चुनाव हारने वाले उम्मीदवारों का दर्द सुना हारने के कारण जानने की कोशिश की और उन्हें भविष्य के लिए हार को भूलकर काम करने...

कौन बनेगा मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री

कुल मिलाकर भाजपा में जहां जीत के कारणों की चर्चा हो रही है क्योंकि बंपर जीत में कोई एक कारण नहीं बल्कि कई कारण हैं

सनातन विरोध और बहनों की लहर पर मोदी-मामा का मैजिक…

मध्यप्रदेश- राजस्थान और छत्तीसगढ़ में लाडली बहनों और किसानों की लहर पर सवार भाजपा ने इतिहास रच दिया। मप्र में मोदी और मामा शिवराज के मैजिक से कांग्रेस परास्त...

अभी से कमलनाथ सबके निशाने पर

एक्जिट पोल में मध्य प्रदेश में कांग्रेस के हारने के अनुमानों को लेकर भाजपा के नेता जीतने खुश नहीं हैं उससे ज्यादा खुश समाजवादी पार्टी के समर्थक खुश हैं।

मजबूत रहेगा विपक्ष

कुल मिलाकर सरकार किसी की भी बने इतना तय है की प्रदेश में एक बार फिर सदन के अंदर मजबूत विपक्ष जरूर रहेगा जिससे कि टकराव की संभावनाएं सदन...

आंकड़े अनुमान और अरमान

महिला वोटरों को लुभाने का पूरा प्रयास किया। युवाओं को उम्मीद जगाई। किसानों के कष्ट दूर होने के वादे भी किया।

मतगणना के लिए मशक्कत

कुल मिलाकर पूरी चुनावी प्रक्रिया में जितनी सावधानी नहीं बरती, उससे कहीं ज्यादा सतर्कता मतगणना को लेकर दोनों ही प्रमुख दल दिख रहे हैं।

विधानसभा चुनाव: विपक्ष से अधिक असंतुष्टों से खतरा..?

यह चलन राजनीति में कोई नया नहीं है, किंतु राजनीतिक चिंता का विषय यह है कि इसका अत्यधिक विस्तार हो गया तो मूल राजनीतिक भावना का क्या होगा?

किंतु, परंतु, यद्यपि, लेकिन, चूंकि 3 दिसंबर तक

कांग्रेस इस बदलाव का और आक्रोश का मतदान बता रहे हैं वही प्रत्याशी अपनी अपनी सीटों पर गुणा भाग में उलझे हुए हैं बहुत कम प्रत्याशी हैं जो अपनी...

मध्य प्रदेश में कांग्रेस का आत्मविश्वास

राजस्थान को लेकर कांग्रेस का भरोसा देर से बना है लेकिन मध्य प्रदेश में कांग्रेस चुनाव शुरू होने के पहले से ही अति आत्मविश्वास में है।

प्रजातंत्र के महायज्ञ में आज आहुति का दिन…?

मतदान दिवस के अवकाश को मौजमस्ती दिवस मानते है, किंतु यदि सही अर्थों में इस दिवस को देखा जाए तो यह दिवस देश और देशवासियों के लिए काफी अहम्...

हे नेताओं… आपके कर्मों का फल पार्टियों को भुगतना पड़ता है…

चुनाव में पैसे का खूब बोलबाला होता दिखता है अब तो मतदाताओं के साथ टिकटों के खरीदने का भी चलन चल पड़ा है। यह उम्मीदवारों के लिए बहुत ही...

शोर थमा डोर टू डोर शुरू

प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 के लिए प्रचार समाप्त हो गया है, शोरगुल थम गया है और अब प्रत्याशी और उनके समर्थक डोर टू डोर दस्तक दे रहे हैं।

बुधनी में कुछ खास नहीं पर शिवराज का!

लाल पत्थर का एक विशाल और भव्य प्रवेशद्वार बुधनी में आपका स्वागत करता है। ऐसे ही द्वार भाजपा के कई आला नेताओं की भी पसंद हैं।

भोपालः ‘इलेक्शन टाईट’और कंफ्यूजन!

मध्यप्रदेश की राजधानी पहुँचते ही जो पहली बात सुनाई पड़ती है वह है ‘इलेक्शन टाईट है’।उस नाते मध्यप्रदेश में भी चुनावी माहौल छत्तीसगढ़ जैसा ही है।

शोर थमने के पहले दहाड़े दिग्गज

कुल मिलाकर प्रदेश में चुनाव प्रचार थमने के पूर्व भाजपा और कांग्रेस पूरी ताकत झोक रहे हैं। प्रदेश के नेता जहां छोटे-छोटे कस्बों में घूम रहे हैं वहीं राष्ट्रीय...

घटाटोप वादों का… वोटों की बरसात की उम्मीद…?

मध्यप्रदेश में वर्षाऋतु खत्म होते ही वादों के घटाटोप और वोटों की बरसात की उम्मीद का मौसम शुरू हो गया है

सवाल हाइपोथेटिकल कौन बनेगा नेता प्रतिपक्ष..!

2024 लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा और कांग्रेस के मुख्यमंत्री ही नहीं उसके प्रदेश अध्यक्ष के साथ विपरीत परिस्थितियों में नेता प्रतिपक्ष के दावेदारों से इनकार नहीं किया जा...

मध्य प्रदेश के प्रचार में डिम्पल यादव

प्रादेशिक पार्टियां आमतौर पर वन मैन शो होती हैं। एक ही व्यक्ति पार्टी का अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, नेता विपक्ष, स्टार प्रचार आदि होता है।

चेहरा नहीं मोदी की जीत की गारंटी..या नई चुनौती..!

नमो शिवाय की साख... पुण्याई और शाह विष्णु की प्रबंधन और संगठन क्षमता कसौटी पर..!

प्रदेश में हाई प्रोफाइल वर्सेस लो प्रोफाइल चुनाव

भाजपा के अधिकांश प्रत्याशी जहां हाई प्रोफाइल तरीके से चुनाव लड़ रहे हैं वहीं कांग्रेस के अधिकांश प्रत्याशी लोप्रोफाइल रहकर चुनाव लड़ रहे हैं।

कमलनाथ की अपनी अलग रणनीति

मध्य प्रदेश में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री पद के दावेदार कमलनाथ को अपनी रणनीति पर चुनाव लड़ना है।

हम चुने जन प्रतिनिधि, लेकिन तुम उम्मीदवार कैसे चुनो.!

मध्य प्रदेश में 2023 के विधान सभा चुनावों में पार्टी के टिकट यानि की उम्मीदवारी का “बी” फार्म पाने के लिए जैसा घमासान मचा है, वैसा विगत चालीस सालों...

नाथ के कंधों पर ‘कांग्रेस’ प्रेस कांफ्रेंस से जीतेगी..!

इधर टिकट वितरण से नाराज कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का अन्य दलों की ओर रुख कर मैदान में उतरना और विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. में तालमेल न होना कांग्रेस की मुसीबत बढ़ा...

विधानसभा चुनाव: विपक्ष से अधिक असंतुष्टों से खतरा…?

राज्य विधानसभा की 230 सीटों के लिए सभी दलों को मिलाकर कुल सीटों से 10 गुना से अधिक उम्मीदवार सामने आ रहे हैं, यह स्थिति राज्य के सिर्फ दो...

‘राजा’ की पावर अटॉर्नी पर भारी ‘नाथ’ का पावर गेम..!

पॉलिटिक्स में परसेप्शन के साथ फैसलों की टाइमिंग बहुत मायने रखती है.. वो कहते हैं तीर कमान से और बात जुबान से निकल जाए तो वापस नहीं लौटते.

शिवराज का हिम्मती दांव

भाजपा ने मध्य प्रदेश में उत्तराखंड मॉडल लागू करने की कोशिश की थी। आलाकमान और संघ ने समझाया था कि वे स्वंय घोषणा कर दें कि वे अब परिवर्तन...

प्रत्याशियों की प्रत्याशा

प्रदेश में सभी 230 विधानसभा सीटों पर प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस के सभी प्रत्याशियों को लेकर कार्यकर्ताओं के साथ-साथ आम जनता भी बेसब्र हो रही है।

भाजपा का दांव कितना सही है?

भारतीय जनता पार्टी ने तीन केंद्रीय मंत्रियों के साथ साथ सात सांसदों को मध्य प्रदेश विधानसभा के चुनाव में उतारा है।

सांसदों को विधायकी लड़ाना कितना उचित?

चुनाव जीतने के लिए क्या इस बात की इजाजत दी जा सकती है कि सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों को विधानसभा का चुनाव लड़ाएं और वे जीत जाएं तो फिर...

हिंदू मुसलमान से हटकर जाति जनगणना बना मुख्य मुद्दा!

क्या मध्य प्रदेश से फिर साबित हो रहा है कि अब चुनाव धर्म को मुद्दा बनाकर नहीं जीते जा सकते? कर्नाटक ने तो अभी बताया ही था। वहां प्रधानमंत्री...

घोषणा पत्र, संकल्प पत्र, वचन पत्र और अब गंगाजल

वह गंगा का वास्ता देकर कांग्रेस को वोट देने की अपील करेंगे और सरकार में आने के बाद वह 11 वचन पूरे करेंगे जो इस पम्पलेट ट में लिखे...

शक्ति प्रदर्शन का माध्यम बनी यात्राएं

अभी इस समय यात्राएं जहां भी जा रही है। वहां पर विधानसभा स्तर पर विधायक या मंत्री यात्रा में भीड़ मिटाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

सनातन पथ का अनुगमन

माना तो यहां तक जा रहा है “जन आक्रोश यात्रा” में दिखाई ताकत किसी भी दावेदार को अंतिम दौड़ में टिकट दिलाने का माध्यम हो सकती है

कांग्रेस के जिताऊ उम्मीदवार पहले मैदान में

राजनीति में सभी का एकमात्र लक्ष्य चुनाव जीतना होता है लेकिन इसके लिए अलग-अलग रणनीति पर काम करते हैं।

ऑक्सीजन से कम नहीं आशीर्वाद

कुल मिलाकर आशीर्वाद लेने की होड़ में सभी शामिल हो गए हैं क्योंकि बिन आशीर्वाद नहीं उद्धार का मूल मंत्र सभी को समझ में आ गया है।

दिग्गज लौटे: सीएम इन वेटिंग नरोत्तम के भरोसे ‘विन्ध्य’…

सोशल इंजीनियरिंग मजबूत होती है या फिर गुस्सा निराशा बिखराव के साथ भितरघात की आशंका को बढ़ावा देती...

ऊलझाऊ प्रत्याशी की तलाश में दल

जितने बेताब दावेदार विधानसभा में पहुंचने के लिए भाजपा या कांग्रेस से टिकट के लिए है उतने ही बेसब्री से ये दल भी प्रत्याशियों की तलाश कर रहे हैं।

मध्य प्रदेश में भाजपा ने अपनाई कांग्रेस की रणनीति

कांग्रेस को इसी रणनीति को आजमाना था लेकिन ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस की बजाय भाजपा इस फॉर्मूले पर काम कर रही है

कमलनाथ को रहना चाहिए सावधान

कांग्रेस में भी किसी को समझ नहीं आ रहा है कि कमलनाथ क्यों धीरेंद्र शास्त्री को इतना महत्व दे रहे हैं। वे पहले भी उनसे मिलने जाते रहे हैं।

आज से फिर प्रदेश में दिग्गजों की दस्तक शुरू

विधानसभा 2018 के चुनाव परिणाम के बाद की परिस्थिति भी प्रदेश के दोनों ही प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस को प्रदेश में सरकार बनाने की उम्मीद जगाए हुए हैं।

अब बाईस के बाद होगा बंटवारा

22 को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा आएंगे भोपाल और एक बड़ी बैठक लेंगे जिसमें महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे।

मुरलीधर की अनुपस्थिति और सवाल..

चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव की अगुवाई वाली बैठक से प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने दूरी बनाई या वह आमंत्रित नहीं थे.. वजह जो भी रही हो लेकिन मुरलीधर उस...

भाजपा में नई भूमिका में होगा नेतृत्व

प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 के लिए भाजपा जिस तरह की कसरत कर रही है उसमें अब नेताओं को उनकी दक्षता और क्षमता के अनुसार चुनावी भूमिकाएं सौंपने के...

2023: जोड़ियां कौन, किस पर कितनी, क्यों भारी..

मध्य प्रदेश मिशन 2023 के लिए भाजपा के प्लान को 2024 को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जा रहा है

मप्र विधानसभा चुनाव: सर्वे का सन्नाटा

प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 के लिए भाजपा और कांग्रेस पहली बार सख्त रूप से सर्वे के आधार पर ही टिकट देने का मन बना चुकी है।

मध्य प्रदेश: चुनाव परिणामों को लेकर आशंकित भाजपा…?

भाजपा मध्यप्रदेश के ही राजनीतिक भविष्य को लेकर अधिक चिंतित है और भाजपा के शीर्ष नेता भी अपना पूरा ध्यान मध्यप्रदेश पर ही केंद्रित किए हुए हैं।

एमपी में भाजपा को बाग़ियों से उम्मीदें

मध्यप्रदेश में पार्टी की पतली हालात के खुलासे के बाद भाजपा को इसका समाधान बाग़ियों में दिख रहा है।