Lok sabha election result

  • केंद्र-राज्य संबंधों के लिए सही जनादेश

    लोकसभा चुनाव, 2024 में मतदाताओं ने जिस तरह का जनादेश दिया है उससे कई चीजें बदलने या कई चीजों में सुधार के संकेत मिल रहे हैं, जिनमें एक शासन की संघीय ढांचा भी है। पिछले 10 साल में संघवाद के सिद्धांत को बड़ी चुनौती मिली थी। यह सही है कि भारत के संविधान की संघवाद की पद्धति अपनाई गई है लेकिन संविधान के तमाम विशेषज्ञ मानते हैं कि मजबूत केंद्र के साथ संघवाद का सिद्धांत अपनाया गया है। यानी केंद्र की प्रधानता संविधान से ही मानी गई है। ऐसे में अगर केंद्र में कोई बहुत मजबूत या ज्यादा बड़े बहुमत...

  • मोदी का कहा राजनीतिक भूचाल किधर?

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा के चुनाव प्रचार के दौरान पश्चिम बंगाल की अपनी आखिरी सभा में कहा था कि नतीजों के बाद छह महीने में देश में बहुत बड़ा राजनीतिक भूचाल आएगा। उन्होंने दावा किया था कि परिवारवादी पार्टियां बिखर जाएंगी क्योंकि उनके कार्यकर्ता भी अब थक गए हैं। वे भी देख रहे हैं कि देश किधर जा रहा है और ये पार्टियां किधर जा रही हैं। सात चरणों में हुए लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण का प्रचार बंद होने से एक दिन पहले कही गई प्रधानमंत्री की इस बात के बड़े मायने निकाले गए थे। यह माना जा...

  • 303 बनाम 240 का फर्क

    लोग हैरान हैं यह बूझ कर कि नरेंद्र मोदी का राज तो वैसा ही है जैसे 2019 में 303 सीटें जीतने के बाद था। वही चेहरे वही सरकार। वैसे ही रिपीट सब जैसे पहले था। सहयोगियों में न चंद्रबाबू नायडू ने गड़बड़ की और न नीतीश कुमार ने। सहयोगी पार्टियों को न बड़े मंत्रालय दिए गए और उनका स्पीकर बनता लगता है। नरेंद्र मोदी भाषणों में वैसी ही भभकारियां मार रहे हैं, जैसे पहले मारते थे। शपथ समारोह में और अधिक भीड़ थी। टीवी चैनल, मीडिया भी कमोबेश वैसे ही है जैसे चुनाव से पहले थे।  सब सही है। मगर...

  • चुनाव नतीजे की तीन अहम बातें

    लोकसभा चुनाव का विश्लेषण दर्जनों निष्कर्षों के आधार पर हो रहा है और दर्जनों पहलुओं से इसकी व्याख्या हो रही है। इसलिए शुरू में ही यह स्पष्ट कर देना जरूरी है ये जिन तीन अहम बातों का इस लेख में जिक्र किया जा रहा है वह तीन बातें अंतिम नहीं हैं और इस तरह की कई तीन-तीन बातें हो सकती हैं, जिनके आधार पर इस बार के लोकसभा चुनाव के नतीजों का विश्लेषण हो सकता है। सो, इन तीन बातों को उन अनेक बातों में ही माना जाए और इनके नजरिए से पूरे देश के नतीजों को समझने का प्रयास...

  • आरएसएस ने भाजपा को आईना दिखाया

    भारतीय राजनीति का एक सनातन विषय भाजपा और आरएसएस के संबंध भी है। इनके बीच सद्भाव या तनाव की खबरें लगातार चलती रहती हैं और लगातार इसका विश्लेषण भी होता रहता है। इस बार भी लोकसभा चुनाव के दौरान इस बात की चर्चा होती रही कि आरएसएस नाराज है और उसके लोग भाजपा की मदद नहीं कर रहे हैं। चुनाव के बीच भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कह दिया कि भाजपा को पहले आरएसएस की मदद की जरुरत थी लेकिन अब वह आत्मनिर्भर है। इन तमाम चर्चाओं के बीच संघ की तरफ से चुनाव के दौरान कुछ नहीं कहा गया...

  • सीट घटी हो लेकिन सहयोगी बेऔकात

    भारतीय राजनीति का एक सनातन विषय भाजपा और आरएसएस के संबंध भी है। इनके बीच सद्भाव या तनाव की खबरें लगातार चलती रहती हैं और लगातार इसका विश्लेषण भी होता रहता है। इस बार भी लोकसभा चुनाव के दौरान इस बात की चर्चा होती रही कि आरएसएस नाराज है और उसके लोग भाजपा की मदद नहीं कर रहे हैं। चुनाव के बीच भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कह दिया कि भाजपा को पहले आरएसएस की मदद की जरुरत थी लेकिन अब वह आत्मनिर्भर है। इन तमाम चर्चाओं के बीच संघ की तरफ से चुनाव के दौरान कुछ नहीं कहा गया...

  • आभार!

    भारतीय राजनीति का एक सनातन विषय भाजपा और आरएसएस के संबंध भी है। इनके बीच सद्भाव या तनाव की खबरें लगातार चलती रहती हैं और लगातार इसका विश्लेषण भी होता रहता है। इस बार भी लोकसभा चुनाव के दौरान इस बात की चर्चा होती रही कि आरएसएस नाराज है और उसके लोग भाजपा की मदद नहीं कर रहे हैं। चुनाव के बीच भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कह दिया कि भाजपा को पहले आरएसएस की मदद की जरुरत थी लेकिन अब वह आत्मनिर्भर है। इन तमाम चर्चाओं के बीच संघ की तरफ से चुनाव के दौरान कुछ नहीं कहा गया...

  • जनादेश तो मोदी को ही मिला है

    भारतीय राजनीति का एक सनातन विषय भाजपा और आरएसएस के संबंध भी है। इनके बीच सद्भाव या तनाव की खबरें लगातार चलती रहती हैं और लगातार इसका विश्लेषण भी होता रहता है। इस बार भी लोकसभा चुनाव के दौरान इस बात की चर्चा होती रही कि आरएसएस नाराज है और उसके लोग भाजपा की मदद नहीं कर रहे हैं। चुनाव के बीच भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कह दिया कि भाजपा को पहले आरएसएस की मदद की जरुरत थी लेकिन अब वह आत्मनिर्भर है। इन तमाम चर्चाओं के बीच संघ की तरफ से चुनाव के दौरान कुछ नहीं कहा गया...

  • संघ और मोदी में संपर्क नहीं?

    भारतीय राजनीति का एक सनातन विषय भाजपा और आरएसएस के संबंध भी है। इनके बीच सद्भाव या तनाव की खबरें लगातार चलती रहती हैं और लगातार इसका विश्लेषण भी होता रहता है। इस बार भी लोकसभा चुनाव के दौरान इस बात की चर्चा होती रही कि आरएसएस नाराज है और उसके लोग भाजपा की मदद नहीं कर रहे हैं। चुनाव के बीच भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कह दिया कि भाजपा को पहले आरएसएस की मदद की जरुरत थी लेकिन अब वह आत्मनिर्भर है। इन तमाम चर्चाओं के बीच संघ की तरफ से चुनाव के दौरान कुछ नहीं कहा गया...

  • सरकार में घटक दलों को क्या मिलेगा?

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  • भाजपा के अंदर भी खींचतान बढ़ेगी

    भारतीय राजनीति का एक सनातन विषय भाजपा और आरएसएस के संबंध भी है। इनके बीच सद्भाव या तनाव की खबरें लगातार चलती रहती हैं और लगातार इसका विश्लेषण भी होता रहता है। इस बार भी लोकसभा चुनाव के दौरान इस बात की चर्चा होती रही कि आरएसएस नाराज है और उसके लोग भाजपा की मदद नहीं कर रहे हैं। चुनाव के बीच भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कह दिया कि भाजपा को पहले आरएसएस की मदद की जरुरत थी लेकिन अब वह आत्मनिर्भर है। इन तमाम चर्चाओं के बीच संघ की तरफ से चुनाव के दौरान कुछ नहीं कहा गया...

  • मोदी के बयान ने बिहार में छह सीटें हरवा दीं

    भारतीय राजनीति का एक सनातन विषय भाजपा और आरएसएस के संबंध भी है। इनके बीच सद्भाव या तनाव की खबरें लगातार चलती रहती हैं और लगातार इसका विश्लेषण भी होता रहता है। इस बार भी लोकसभा चुनाव के दौरान इस बात की चर्चा होती रही कि आरएसएस नाराज है और उसके लोग भाजपा की मदद नहीं कर रहे हैं। चुनाव के बीच भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कह दिया कि भाजपा को पहले आरएसएस की मदद की जरुरत थी लेकिन अब वह आत्मनिर्भर है। इन तमाम चर्चाओं के बीच संघ की तरफ से चुनाव के दौरान कुछ नहीं कहा गया...

  • अब वैसा भरोसा नहीं!

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  • अबकी बार विपक्ष को मौका

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  • चुनावी राज्यों में भाजपा की हालत खराब

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  • कांग्रेस तीन अंकों में पहुंच जाएगी

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  • विकल्प पर बात हो

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  • सहज राजनीति के दिन लौटे?

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  • शेयर मार्केट का ड्रामा

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  • मोदी के लिए मुश्किल

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