अंधेरे में सारे तीर
भाजपा नेताओं ने चुनावी झटकों की वजह पार्टी नेताओं में अहंकार, अति-आत्मविश्वास, कार्यकर्ताओं की उपेक्षा, कार्यकर्ताओं से संवाद भंग होना और टिकट बंटवारे में गलतियों को माना है। परंतु असंतोष की जनक सरकारी नीतियों पर उनका ध्यान नहीं गया है। आम चुनाव में लगे झटके का असर अब भारतीय जनता पार्टी- और यहां तक कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में भी साफ दिख रहा है। वहां उथल-पुथल का वैसा नज़ारा है, जिसे नरेंद्र मोदी काल में असामान्य घटनाक्रम माना जाएगा। शुरुआती प्रतिक्रिया में यह दिखाने की हुई कोशिश कि ‘सब कुछ पहले जैसा है’, अब बेअसर होती दिख रही है। मगर...