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07-03-2025 Vol 19

Lok sabha election result

अंधेरे में सारे तीर

मोटे तौर पर उन्होंने उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में हार और कुछ राज्यों में लगे झटकों की वजह भाजपा की अंदरूनी कमजोरियों को माना है।

केंद्र-राज्य संबंधों के लिए सही जनादेश

गर केंद्र में कोई बहुत मजबूत या ज्यादा बड़े बहुमत वाली सरकार आ जाती है तो शासन के संघीय ढांचे के लिए चुनौती पैदा हो जाती है।

मोदी का कहा राजनीतिक भूचाल किधर?

यह अंदाजा लगाया जा रहा था कि कांग्रेस की स्थिति भी उद्धव ठाकरे की शिव सेना या शरद पवार की एनसीपी की तरह हो सकती है।

303 बनाम 240 का फर्क

लोग हैरान हैं यह बूझ कर कि नरेंद्र मोदी का राज तो वैसा ही है जैसे 2019 में 303 सीटें जीतने के बाद था। वही चेहरे वही सरकार। वैसे...

चुनाव नतीजे की तीन अहम बातें

तीन में सबसे पहली बात है अयोध्या यानी फैजाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा का हार जाना। दूसरी बात है दक्षिण भारत में भाजपा के वोट में बढ़ोतरी

आरएसएस ने भाजपा को आईना दिखाया

अब आरएसएस ने भाजपा को आईना दिखाया है और यह काम खुद आगे बढ़ संघ प्रमुख मोहन भागवत ने किया है।

सीट घटी हो लेकिन सहयोगी बेऔकात

सहयोगियों को न तो उनकी संख्या के हिसाब से मंत्री पद मिले हैं और न अपनी ताकत के हिसाब से उनको मंत्रालय मिला है। उन्हें जो मिला है वह...

आभार!

आजाद भारत के इतिहास में सन् 2024 का जनादेश 1977 जैसा न होते हुए भी इतिहासजन्य है और अभिनंदनीय है।

जनादेश तो मोदी को ही मिला है

चाहे बिहार में नीतीश कुमार हों या आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू सबने मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए वोट मांगा था और मतदाताओं ने उनकी झोली भर दी।

संघ और मोदी में संपर्क नहीं?

मोदी द्वारा आरएसएस को यह हैसियत बताने से है कि मैं तो भगवान और तुम? संघ के केवल एक शख्स सुरेश सोनी को नरेंद्र मोदी वक्त देते हैं।

सरकार में घटक दलों को क्या मिलेगा?

दस साल तक पूर्ण बहुमत की मजबूत सरकार के बाद अब गठबंधन सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

भाजपा के अंदर भी खींचतान बढ़ेगी

भाजपा के अंदर से भी दबाव बढ़ेगा। खास कर उन राज्यों से जहां भाजपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं हुआ है और जहां आने वाले दिनों में चुनाव होने वाले...

मोदी के बयान ने बिहार में छह सीटें हरवा दीं

पहले छह चरण में थोड़ा बहुत ऊपर नीचे होकर सब कुछ ठीक चल रहा था तो आखिरी चरण में इतना बड़ा नुकसान कैसे हो गया?

अब वैसा भरोसा नहीं!

बाजार हो या पश्चिमी राजधानियां- मोदी को वहां उतार के दौर में पहुंच चुके नेता के रूप में देखा जाने लगा है। इसके दूरगामी परिणाम होंगे।

अबकी बार विपक्ष को मौका

इस बार उसने बहुत मजबूत विपक्ष चुना है। इतना मजबूत, जितना आजाद भारत के इतिहास में कभी नहीं रहा है।

चुनावी राज्यों में भाजपा की हालत खराब

उत्तर प्रदेश में उसे सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। इसके अलावा राजस्थान में भी किसी ने नहीं सोचा था कि विपक्ष दहाई की संख्या में पहुंच जाएगा।

कांग्रेस तीन अंकों में पहुंच जाएगी

कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव के नतीजों में अभी 99 के फेर में फंसी दिख रही है। उसकी गाड़ी 99 सीटों पर अटक गई है।

विकल्प पर बात हो

आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को जो झटका लगा, उस बारे में सियासी हलकों में यह आम राय है कि व्यापक बेरोजगारी और बढ़ती महंगाई इसका प्रमुख कारण...

सहज राजनीति के दिन लौटे?

क्या अब केंद्र में ज्यादा समावेशी सरकार बनेगी और क्या संघवाद की जिस अवधारणा को पिछले 10 साल से चुनौती मिल रही थी वह चुनौती समाप्त हो जाएगी?

शेयर मार्केट का ड्रामा

भाजपा की सफलता- विफलता से शेयर बाजारों का रुख क्यों जुड़ा हुआ है? भाजपा को झटका लगा, तो उससे शेयर बाजार क्यों परेशान हुए?

मोदी के लिए मुश्किल

दो राज्यों- उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्त्वाकांक्षाओं और सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के एजेंडे पर तगड़ा प्रहार किया।

अब लद्दू मत बनिए नरेंद्र भाई

अगर वे 2014 की ही तरह 2024 में भी प्रधानमंत्री बनने के लिए अड़े रहे तो अपनी डोली ढोने वाले कहार इस बार कहां से लाएंगे?

मोदी युग के अंत की हुई शुरुआत

मोदी पर अब तक दांव लगाने वाले धनी-मानी तबके अब इस सवाल पर सोचने पर मजबूर होंगे कि क्या एकमात्र उसी चेहरे पर दांव लगाए रखना बुद्धिमानी होगी

चुनाव 2024 का सत्य

हां, आग्रह है आम चुनाव 2024 के पचहत्तर दिनों में मेरे लिखे कॉलम ‘अपन तो कहेंगे’ और ‘गपशप’ के शीषर्क, और उनके सार-संक्षेप (विस्तार से पूरा पढ़ना हो तो...

किस फॉर्मूले पर बनेगी सरकार?

भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए को पूर्ण बहुमत मिल गया है। हालांकि भाजपा को बड़ा नुकसान हुआ है और एनडीए की कुछ सहयोगी पार्टियों को भी नुकसान...

भाजपा 240 पर अटकी!

2019 में भाजपा को 303 सीटें मिली थीं। इस लिहाज से इस बार 63 सीटें कम मिली।एनडीए की293 सीटें।

वाह! मतदाताओं, सलाम!

चुनाव शुरू से ही वैसा नहीं था जैसा नैरेटिव मार्च से बनाया जा रहा था। यह चुनाव कभी भी ‘अब की बार 400 पार’ का चुनाव नहीं था

बीजेपी की कढ़ाई उतर गई और कांग्रेस दफ्तर!

भाजपा भले ही सिंगल लार्जेस्ट पार्टी के रूप में उभरी हो मगर अब विपक्ष, क्षेत्रीय पार्टियां और भाजपा के गठबंधन साथी भी पहले से कहीं अधिक ताकतवर हैं।

देश मोदी, शाह को नहीं चाहता: राहुल

लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर तीखा हमला बोला।

मोदी-योगी का भौकाल टूटा, राहुल-अखिलेश का जलवा बना

जनता ने मोदी और योगी दोनों का अहंकार तोड़ दिया। बता दिया कि वोटकाम करने से मिलते हैं। बातों से नहीं। बुलडोजर लोगों का दिल नहीं जीत सकता।

एनडीए की सरकार बननी तय: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को चुनाव नतीजे आने के बाद लगातार तीसरी बार जीत का दावा किया।

आम आदमी पार्टी, ढाक के तीन पात

लोकसभा चुनाव में विपक्षी पार्टियों को बड़ा फायदा हुआ है। कांग्रेस तीन अंकों तक पहुंच गई तो ममता बनर्जी ने कमाल का प्रदर्शन किया।

राहुल गांधी बने प्रधानमंत्री: संजय राऊत

शिव सेना (उद्धव ठाकरे) के नेता संजय राऊत ने कहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जिस तरह से लाेकसभा चुनाव के दौरान संघर्ष किया है सबकी इच्छा...

भाजपा को स्पष्ट बहुमत नहीं, गठबंधन की बनेगी सरकार!

लोकसभा के चुनाव नतीजों को देखकर लग रहा है कि गठबंधन की सरकार की वापसी हो रही है। किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है।

अब अगली सरकार की चर्चा

लोकसभा चुनाव 2024 के सातवें और आखिरी चरण के मतदान के दिन आए एक्जिट पोल के नतीजों ने असली नतीजों का सस्पेंस खत्म कर दिया है।

चुनाव लड़ रहे मंत्रियों की चिंता

नरेंद्र मोदी के जितने मंत्री चुनाव लड़ रहे हैं उनकी अलग चिंता है। एक्जिट पोल के नतीजे आने के बाद कई मंत्री नए सिरे से अपने चुनाव जीतने हारने...

भाजपा जीती तो जल्दी बनेगी सरकार

वैसे को विपक्षी गठबंधन ने भी शनिवार की बैठक के बाद कहा था कि जीतने के बाद वे तीन दिन के भीतर प्रधानमंत्री तय कर लेंगे और सरकार बनाने...

आंध्र और ओडिशा का सस्पेंस

लोकसभा चुनाव 2024 के साथ चार राज्यों के विधानसभा चुनाव भी हुए थे। पूर्वोत्तर के दो राज्यों अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में तो गिनती हो गई और दोनों राज्यों...

ऐसा अविश्वास नहीं देखा

लोकसभा चुनाव के आज जाहिर होने वाले परिणाम चाहे जो हों, लेकिन जिस माहौल में ये नतीजे घोषित हो रहे हैं, भारतीय लोकतंत्र के लिए वह गहरी चिंता का...

नतीजा जो हो, प्रचार अच्छा नहीं था!

यह अब तक का सबसे लंबा चुनाव प्रचार अभियान था और यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि लोकतांत्रिक मर्यादा के स्थापित पैमानों पर सबसे खराब प्रचार अभियान...

कंपनियों का ‘वेल्थ क्रिएशन’

लोकसभा चुनाव के लिए मतदान का आखिरी चरण पूरा होते ही एनएचएआई ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर लगने वाले टॉल टैक्स में पांच प्रतिशत वृद्धि कर दी।

सीटें इतनी ही रहेंगी या बढ़ेंगी?

लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले आए एक्जिट पोल के अनुमानों एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी की बड़े बहुमत की सरकार का दावा कर रहे हैं।

ईवीएम सील वेरिफाई हो।

विपक्ष ने चुनाव आयोग से मिल वोटों की गिनती में कुछ नियमों को लागू करने व पोस्टल बैलेट का मसला उठाया।