Thursday

10-04-2025 Vol 19

lok sabha election 2024

भाजपा में इतनी बगावत क्यों है?

ऐसा लग रहा है जैसे समय का चक्र वापस घूमने लगा है। संपूर्ण और कठोर अनुशासन वाली भाजपा 10 साल पहले के दौर में लौट रही है।

लोकसभा की 538 सीटों पर वोट संख्या में अंतर

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने हालिया लोकसभा चुनावों को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है।

विपक्ष संविधान का मुद्दा नहीं छोड़ रहा है

संविधान का मामला भाजपा को भारी पड़ता दिख रहा है। विपक्षी पार्टियां चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी संविधान का मुद्दा छोड़ने को राजी नहीं हैं।

विपक्ष का चेहरा खिला-खिला रहेगा?

विपक्ष को जनता ने जिताया नहीं मगर मजबूत बहुत कर दिया। संख्या से तो जितना किया उतना कियाही मगर हौसले बहुत बढ़ा दिए।

नतीजों का इंतजार बेहतर

विपक्ष में मेनस्ट्रीम मीडिया पर सत्ता पक्ष के नियंत्रण की शिकायतें काफी गहरा चुकी हैं।

चुनाव 2024 में दिखी आम दुर्दशा की हकीकत

आम मतदाता अपनी बढ़ती जा रही दुर्दशा से भलिभांति परिचित हैँ। सवाल यह है कि क्या वोट डालते वक्त उनका निर्णय इस दुर्दशा से प्रभावित हुआ है?

आखिरी चरण में भी ठंडा मतदान

करीब 59 फीसदी मतदान। बंगाल से मिली हिंसा की छिटपुट खबरों के अलावा मोटे तौर पर मतदान शांतिपूर्ण।

मोदी की तपस्या, फल देंगे मतदाता

चार जून को एक बार फिर बड़े बहुमत से श्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनने जा रही है। उनकी तीसरी पारी शुरू होने वाली है।

यूपी और बिहार के अनुमान धरे रह जाएंगे?

समझ नहीं आ रहा कि आखिरी चरण आते-आते नरेंद्र मोदी का चेहरा यूपी और बिहार की जातीय राजनीति में कैसे इतना दब गया?

‘ध्यान’ की पंचवर्षीय योजना का उपसंहार

‘ध्यान’ अगर ‘ध्यान’ है तो उसे मतदान के अंतिम चरण की पूर्व संध्या से शुरू कर मतदान ख़त्म होने पर ख़त्म करना ही क्यों ज़रूरी है?

मोदी का चेहरा, जाहिर नतीजा !

असल सवाल है कि भाजपा की संख्या 272 से पार होगी या नहीं? भाजपा के वोट शेयर और उसकी सीटों में 2014 या 2019 रिपीट होगा या वह 2014...

मतदाता क्यों मुंह मोड़ रहे हैं?

छह चरण के चुनाव के बाद मतदान के आंकड़े दूसरी कहानी बयां कर रहे हैं।

नतीजों से पहले इंडिया ब्लॉक की बैठक

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गठबंधन में शामिल सभी पार्टियों के नेताओं की बैठक बुलाई है। ममता बनर्जी को छोड़ कर बाकी सारे नेता शामिल भी होंगे।

मीडिया इतना कभी नहीं गिरा !

इन लोकसभा चुनावों में मीडिया जितना चर्चा में रहा उतना पहले कभी नहीं रहा। मीडिया खुद ज्यादा चर्चा में रहने के लिए नहीं होता।

4 जून को इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी : लालू यादव

राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने दावा करते हुए कहा कि चार जून को इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी। नरेंद्र मोदी सरकार का सफाया होगा।

छह मुद्दे, जो इस चुनाव में नहीं हैं

दोनों तरफ से गारंटियों की बात हो रही है। एकदम खटाखटा! और साथ ही दोनों तरफ से एक दूसरे के बारे में झूठ बोला जा रहा है।

छठे चरण में सबसे कम मतदान

राजधानी दिल्ली सहित देश के छह राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश की 58 सीटों पर शनिवार को मतदान संपन्न हुआ।

सीटों के पूर्वानुमान पर भी नैरेटिव!

ऐसा लग रहा है कि इस बार के चुनाव में प्रशांत किशोर और सट्टा बाजार भी नैरेटिव का पार्ट हैं।

58 सीटों पर आज मतदान

पिछली बार 58 सीटों में से सबसे ज्यादा 40 सीटें भाजपा ने जीती थीं। कांग्रेस की एक भी सीट नहीं थी।

1977 या 2004 या 2019 !

सन् 1977 की इस चुनाव में याद हो आई है। मुझे वह चुनाव क्योंकि याद है इसलिए उसके कुछ लक्षण 2024 में झलकते हुए हैं। कैसे?

क्या सचमुच?

विश्वास नहीं होता लेकिन फीडबैक जमीनी है। यूपी की पांचवें राउंड की 14 सीटों में भाजपा को कम से कम चार सीटों का नुकसान है। और नौ सीटों में...

केजरीवाल की फिर जगी राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा

जैसे अभी चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत पर जेल से निकलने के बाद उनकी महत्वाकांक्षा जोर मार रही है।

चुनाव आयोग गूंगा, अंधा, बहरा है!

ऐसा नहीं है कि सिर्फ प्रधानमंत्री ने चुनाव आयोग की बात पर ध्यान देने की जरुरत नहीं समझी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी आयोग की बात पर कोई...

क्षेत्रीयता की भावना बढ़ रही है

पहले भी अलग अलग राज्यों के नेता प्रधानमंत्री होते थे लेकिन उनकी वजह से राज्यों में विभाजन इसलिए नहीं होता था क्योंकि प्रधानमंत्री ही हर राज्य में चुनाव लड़ते...

अंतिम ओवर तक मुकाबला!

अब जमीनी स्तर पर रोजमर्रा की बढ़ती समस्याओं के कारण जन-असंतोष का इजहार इतना साफ है कि उसे नजरअंदाज करना संभव नहीं रह गया है।

विपक्ष है 2004 के सिंड्रोम में!

विपक्षी पार्टियां 2004 के लोकसभा चुनाव के सिंड्रोम से प्रभावित दिख रही हैं।

महाराष्ट्र में भाजपा को कितना नुकसान

यह लाख टके का सवाल है क्योंकि देश की तमाम विपक्षी पार्टियां और चुनाव विश्लेषक महाराष्ट्र को स्विंग स्टेट मान रहे हैं।

2004 और 2024: सात समानताएं

कांग्रेस नेता का मजाक उड़ाना तब भी था कि 'जब तक सोनिया नेता है, भाजपा की मौज है' क्योंकि वह बेचारी विकल्प दे ही कैसे सकती है!

भाजपा का उलझा हुआ चुनाव प्रचार

भारतीय जनता पार्टी बहुत स्पष्ट और वैचारिक रूप से ठोस मुद्दों के ऊपर लोकसभा चुनाव का प्रचार नहीं कर रही है और न प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपलब्धियों का...

कन्हैया के खिलाफ झूठे प्रचार की बाढ़

उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार कन्हैया कुमार के खिलाफ दुष्प्रचार की बाढ़ आई हुई है।

आठ राज्यों में 49 सीटों पर मतदान आज

लोकसभा चुनाव 2024 के पांचवें चरण का मतदान सोमवार को होगा। इस चरण में छह राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों की 49 सीटों पर वोट डाले जाएंगे।

मोदी के 62 दिन और ग्रह-नक्षत्र!

हिसाब लगाएं 16 मार्च को घोषित चुनाव प्रोग्राम के बाद हर चरण के साथ नरेंद्र मोदी के भाषण, जुमलों और थीम में तथा भाव-भंगिमा में कैसे-कैसे परिवर्तन आए?

चुनावी ग्राउंड पर क्या है?

पहली बात, मतदाता में 2014 और 2019 जैसा उत्साह नहीं है। मतलब नरेंद्र मोदी का जादू अब पहले की तरह बोलता हुआ नहीं है।

विपक्ष आराम से चुनाव लड़ रहा है

10 साल तक प्रधानमंत्री रहने के बाद नरेंद्र मोदी चुनाव प्रचार में जी जान लगाए हुए हैं तो इस चुनाव को आखिरी चुनाव बता रहा विपक्ष रूटीन अंदाज में...

झूठे वादों के जाल में नहीं फंसते मतदाता

हमें जनता के नीर क्षीर विवेक पर भरोसा करना चाहिए। वे जिसे चुन रहे होंगे, ठीक ही चुन रहे होंगे।

दावों-प्रतिदावों के बीच मतदान…!

इन दिनों देश पूरी तरह चुनावी रंग में रंगा हुआ है, देश की आधी लोकसभा सीटों के लिए चुनाव निपट चुका है और अगले तीन सप्ताह में शेष सीटों...

मोदी की घबराहट का चरम, अंबानी-अडानी भाषण!

पांच साल तक अंबानी, अडानी को गाली दी और रातों रात गालियां बंद हो गईं। मतलब कोई न कोई चोरी का माल, टेंपो भर भरकर आपने पाया है। देश...

निश्चिंत दिखते नरेंद्र भाई की बेचैनी

ज़्यादा-से-ज़्यादा मतदान करने का आग्रह करते वक़्त उन्होंने ‘भारी’ शब्द को जिस अंदाज़ भारी बनाया, उस में थोड़े विचलन का भाव झलक रहा था। 

भाजपा के सहयोगियों का क्या होगा?

एक श्रेणी ऐसी पार्टियों की है, जो अब भी भाजपा के साथ हैं और दूसरी श्रेणी ऐसे दलों की है, जो कभी भाजपा के साथ रहे हैं लेकिन अब...

मेरी अपील : प्रजातंत्र के महायज्ञ में अपनी आहूति अवश्य डालें….!

ऐसी घड़ियां वास्तव में कभी-कभी ही उपस्थित होती है और यही मतदाता की बुद्धिमत्ता के परिचय का वक्त होती है।

सुनीता केजरीवाल क्या चुनाव लड़ेंगी

इसमें कोई संदेह नहीं है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल एक न एक दिन चुनाव लड़ेंगी।

बिखरा विपक्ष क्या बनेगा विकल्प?

क्या आई.एन.डी.आई गठबंधन, भाजपा नीत एन.डी.ए. को मजबूत टक्कर देने की स्थिति में है? विरोधी गठजोड़ में सबसे बड़ा दल— कांग्रेस है, जिसका अपना घर ही संभला हुआ लग...

मोदी के भाषणों से जाहिर बढ़ता मुकाबला!

इस सप्ताह के अनुमान में एनडीए की 263 ( इसमें भाजपा की 236 व सहयोगियों की 27) सीटों का अनुमान है तो एनडीए की सभीविरोधी पार्टियों का कुल अनुमान...

विचारधारा से ज्यादा नेताओं की निजी लड़ाई

ऐसा लग रहा है कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के नेता एक विचारधारा को लेकर भाजपा के खिलाफ लड़ने की बजाय कई जगह निजी लड़ाई लड़ रहे हैं।

भाजपा जीती तो क्या कयामत आएगी?

अगर राहुल गांधी और कांग्रेस व दूसरी विपक्षी पार्टियों के नेताओं की बातों पर यकीन करें तो ऐसा ही होगा।

क्या चुनाव आयोग में धांधली का खेला?

आखिरकार चुनाव आयोग ने दो चरण के मतदान के अंतिम आंकड़े जारी किए। पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को हुआ था और दूसरे चरण के वोट 26 अप्रैल...

भाजपा प्रोपेगेंडा में, कांग्रेस आई तो यह होगा…

भाजपा ऐसी बातें कर रही हैं, जिनका जिक्र सारे फसाने में नही है। यहां वही बातें लिखी जा रही हैं, जो भाजपा कह रही है।

यह चुनाव है छिपे हुए मुद्दों पर!

जो नहीं कहा गया है उस पर चुनाव लड़ा जा रहा है। जो कहा जा रहा है उसकी अनदेखी की जा रही है।