lok sabha election 2024

  • भाजपा में इतनी बगावत क्यों है?

    ऐसा लग रहा है जैसे समय का चक्र वापस घूमने लगा है। संपूर्ण और कठोर अनुशासन वाली भाजपा 10 साल पहले के दौर में लौट रही है। हालांकि तब भी यह दो या तीन नेताओं के नियंत्रण वाली ही पार्टी थी लेकिन तब पंचायत बहुत थी। बात बात में नेता नाराज हो जाते थे और बगावत कर देते थे। आधा दर्जन तो पूर्व मुख्यमंत्री ही बागी हुए थे और अलग पार्टी बनाई थी। लेकिन नरेंद्र मोदी और अमित शाह के हाथ में भाजपा की राष्ट्रीय राजनीति की कमान आने के बाद सारी पंचायत बंद हो गई थी। नेताओं के बागी...

  • लोकसभा की 538 सीटों पर वोट संख्या में अंतर

    एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने हालिया लोकसभा चुनावों को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है। बताया है कि 538 निर्वाचन क्षेत्रों में कुल 5,89,691 मतों की विसंगतियां पाई गईं। 362 सीटों पर डाले गए मतों की तुलना में गिने गए मतों की संख्या कम थी, जबकि 176 सीटों पर यह संख्या अधिक थी।एडीआर ने अंतिम मतदान प्रतिशत को जारी करने में अत्यधिक देरी पर भी सवाल उठाया। एडीआर के संस्थापक जगदीप छोकर ने सवाल किया कि क्या चुनाव परिणाम मिलान किए गए अंतिम आंकड़ों के आधार पर घोषित किए गए थे, और कहा कि ‘इससे चुनाव परिणामों की सत्यता को...

  • विपक्ष संविधान का मुद्दा नहीं छोड़ रहा है

    संविधान का मामला भाजपा को भारी पड़ता दिख रहा है। विपक्षी पार्टियां चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद भी संविधान का मुद्दा छोड़ने को राजी नहीं हैं। पिछले दिनों स्पीकर ने लोकसभा में कांग्रेस के सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा को सख्ती से फटकार लगाई। एक सांसद के शपथ के बाद ‘जय संविधान’ का नारा लगाने पर स्पीकर ने उनको टोका था। इस पर दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि इस पर स्पीकर को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। इससे स्पीकर ओम बिरला नाराज हो गए और हुड्डा को कहा, ‘किस पर आपत्ति करनी है और किस पर नहीं करनी है यह...

  • विपक्ष का चेहरा खिला-खिला रहेगा?

    विपक्ष इस बार मोदी जी को मनमानी नहीं करने देगा। मोदी जी के चेहरे से परेशानी टपकने लगी है। जो गोदी मीडिया उनके चेहरे पर ग्लो (चमक) देखता था अब उसे वह चेहरा बुझा बुझा सा दिखने लगा है। बोल नहीं पाएगा। मगर यह भी नहीं बोलेगा कि मोदी जी तो थकते नहीं। कितनी उर्जा से भरे रहते थे।… विपक्ष को जनता ने जिताया नहीं मगर मजबूत बहुत कर दिया। संख्या से तो जितना किया उतना कियाही मगर हौसले बहुत बढ़ा दिए। विपक्ष को झूठ बोलना नहीं आता हिप्पोक्रेसी नहीं आती इसीलिए शायद वह विपक्ष में है। जनता झूठ और...

  • नतीजों का इंतजार बेहतर

    विपक्ष में मेनस्ट्रीम मीडिया पर सत्ता पक्ष के नियंत्रण की शिकायतें काफी गहरा चुकी हैं। इसलिए उनमें एग्जिट पोल्स पर अविश्वास को एक सहज प्रतिक्रिया माना जाएगा। दरअसल, ऐसे सर्वेक्षणों को लेकर ऐसी ही प्रतिक्रिया सिविल सोसायटी के अंदर भी है। लोकसभा के आम चुनाव के लिए मतदान पूरा हो चुका है। विभिन्न टीवी चैनलों और कुछ अखबारों के एग्जिट पोल अनुमानों के मुताबिक देश में कमोबेस राजनीतिक यथास्थिति बनी रहेगी। मगर इन अनुमानों के बीच आपसी फर्क इतना अधिक है कि उसके आधार पर कोई निष्कर्ष निकालना बेमायने है। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को...

  • चुनाव 2024 में दिखी आम दुर्दशा की हकीकत

    विपक्ष में मेनस्ट्रीम मीडिया पर सत्ता पक्ष के नियंत्रण की शिकायतें काफी गहरा चुकी हैं। इसलिए उनमें एग्जिट पोल्स पर अविश्वास को एक सहज प्रतिक्रिया माना जाएगा। दरअसल, ऐसे सर्वेक्षणों को लेकर ऐसी ही प्रतिक्रिया सिविल सोसायटी के अंदर भी है। लोकसभा के आम चुनाव के लिए मतदान पूरा हो चुका है। विभिन्न टीवी चैनलों और कुछ अखबारों के एग्जिट पोल अनुमानों के मुताबिक देश में कमोबेस राजनीतिक यथास्थिति बनी रहेगी। मगर इन अनुमानों के बीच आपसी फर्क इतना अधिक है कि उसके आधार पर कोई निष्कर्ष निकालना बेमायने है। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को...

  • आखिरी चरण में भी ठंडा मतदान

    विपक्ष में मेनस्ट्रीम मीडिया पर सत्ता पक्ष के नियंत्रण की शिकायतें काफी गहरा चुकी हैं। इसलिए उनमें एग्जिट पोल्स पर अविश्वास को एक सहज प्रतिक्रिया माना जाएगा। दरअसल, ऐसे सर्वेक्षणों को लेकर ऐसी ही प्रतिक्रिया सिविल सोसायटी के अंदर भी है। लोकसभा के आम चुनाव के लिए मतदान पूरा हो चुका है। विभिन्न टीवी चैनलों और कुछ अखबारों के एग्जिट पोल अनुमानों के मुताबिक देश में कमोबेस राजनीतिक यथास्थिति बनी रहेगी। मगर इन अनुमानों के बीच आपसी फर्क इतना अधिक है कि उसके आधार पर कोई निष्कर्ष निकालना बेमायने है। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को...

  • मोदी की तपस्या, फल देंगे मतदाता

    विपक्ष में मेनस्ट्रीम मीडिया पर सत्ता पक्ष के नियंत्रण की शिकायतें काफी गहरा चुकी हैं। इसलिए उनमें एग्जिट पोल्स पर अविश्वास को एक सहज प्रतिक्रिया माना जाएगा। दरअसल, ऐसे सर्वेक्षणों को लेकर ऐसी ही प्रतिक्रिया सिविल सोसायटी के अंदर भी है। लोकसभा के आम चुनाव के लिए मतदान पूरा हो चुका है। विभिन्न टीवी चैनलों और कुछ अखबारों के एग्जिट पोल अनुमानों के मुताबिक देश में कमोबेस राजनीतिक यथास्थिति बनी रहेगी। मगर इन अनुमानों के बीच आपसी फर्क इतना अधिक है कि उसके आधार पर कोई निष्कर्ष निकालना बेमायने है। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को...

  • यूपी और बिहार के अनुमान धरे रह जाएंगे?

    विपक्ष में मेनस्ट्रीम मीडिया पर सत्ता पक्ष के नियंत्रण की शिकायतें काफी गहरा चुकी हैं। इसलिए उनमें एग्जिट पोल्स पर अविश्वास को एक सहज प्रतिक्रिया माना जाएगा। दरअसल, ऐसे सर्वेक्षणों को लेकर ऐसी ही प्रतिक्रिया सिविल सोसायटी के अंदर भी है। लोकसभा के आम चुनाव के लिए मतदान पूरा हो चुका है। विभिन्न टीवी चैनलों और कुछ अखबारों के एग्जिट पोल अनुमानों के मुताबिक देश में कमोबेस राजनीतिक यथास्थिति बनी रहेगी। मगर इन अनुमानों के बीच आपसी फर्क इतना अधिक है कि उसके आधार पर कोई निष्कर्ष निकालना बेमायने है। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को...

  • ‘ध्यान’ की पंचवर्षीय योजना का उपसंहार

    विपक्ष में मेनस्ट्रीम मीडिया पर सत्ता पक्ष के नियंत्रण की शिकायतें काफी गहरा चुकी हैं। इसलिए उनमें एग्जिट पोल्स पर अविश्वास को एक सहज प्रतिक्रिया माना जाएगा। दरअसल, ऐसे सर्वेक्षणों को लेकर ऐसी ही प्रतिक्रिया सिविल सोसायटी के अंदर भी है। लोकसभा के आम चुनाव के लिए मतदान पूरा हो चुका है। विभिन्न टीवी चैनलों और कुछ अखबारों के एग्जिट पोल अनुमानों के मुताबिक देश में कमोबेस राजनीतिक यथास्थिति बनी रहेगी। मगर इन अनुमानों के बीच आपसी फर्क इतना अधिक है कि उसके आधार पर कोई निष्कर्ष निकालना बेमायने है। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को...

  • मोदी का चेहरा, जाहिर नतीजा !

    विपक्ष में मेनस्ट्रीम मीडिया पर सत्ता पक्ष के नियंत्रण की शिकायतें काफी गहरा चुकी हैं। इसलिए उनमें एग्जिट पोल्स पर अविश्वास को एक सहज प्रतिक्रिया माना जाएगा। दरअसल, ऐसे सर्वेक्षणों को लेकर ऐसी ही प्रतिक्रिया सिविल सोसायटी के अंदर भी है। लोकसभा के आम चुनाव के लिए मतदान पूरा हो चुका है। विभिन्न टीवी चैनलों और कुछ अखबारों के एग्जिट पोल अनुमानों के मुताबिक देश में कमोबेस राजनीतिक यथास्थिति बनी रहेगी। मगर इन अनुमानों के बीच आपसी फर्क इतना अधिक है कि उसके आधार पर कोई निष्कर्ष निकालना बेमायने है। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को...

  • मतदाता क्यों मुंह मोड़ रहे हैं?

    विपक्ष में मेनस्ट्रीम मीडिया पर सत्ता पक्ष के नियंत्रण की शिकायतें काफी गहरा चुकी हैं। इसलिए उनमें एग्जिट पोल्स पर अविश्वास को एक सहज प्रतिक्रिया माना जाएगा। दरअसल, ऐसे सर्वेक्षणों को लेकर ऐसी ही प्रतिक्रिया सिविल सोसायटी के अंदर भी है। लोकसभा के आम चुनाव के लिए मतदान पूरा हो चुका है। विभिन्न टीवी चैनलों और कुछ अखबारों के एग्जिट पोल अनुमानों के मुताबिक देश में कमोबेस राजनीतिक यथास्थिति बनी रहेगी। मगर इन अनुमानों के बीच आपसी फर्क इतना अधिक है कि उसके आधार पर कोई निष्कर्ष निकालना बेमायने है। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को...

  • नतीजों से पहले इंडिया ब्लॉक की बैठक

    विपक्ष में मेनस्ट्रीम मीडिया पर सत्ता पक्ष के नियंत्रण की शिकायतें काफी गहरा चुकी हैं। इसलिए उनमें एग्जिट पोल्स पर अविश्वास को एक सहज प्रतिक्रिया माना जाएगा। दरअसल, ऐसे सर्वेक्षणों को लेकर ऐसी ही प्रतिक्रिया सिविल सोसायटी के अंदर भी है। लोकसभा के आम चुनाव के लिए मतदान पूरा हो चुका है। विभिन्न टीवी चैनलों और कुछ अखबारों के एग्जिट पोल अनुमानों के मुताबिक देश में कमोबेस राजनीतिक यथास्थिति बनी रहेगी। मगर इन अनुमानों के बीच आपसी फर्क इतना अधिक है कि उसके आधार पर कोई निष्कर्ष निकालना बेमायने है। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को...

  • मीडिया इतना कभी नहीं गिरा !

    विपक्ष में मेनस्ट्रीम मीडिया पर सत्ता पक्ष के नियंत्रण की शिकायतें काफी गहरा चुकी हैं। इसलिए उनमें एग्जिट पोल्स पर अविश्वास को एक सहज प्रतिक्रिया माना जाएगा। दरअसल, ऐसे सर्वेक्षणों को लेकर ऐसी ही प्रतिक्रिया सिविल सोसायटी के अंदर भी है। लोकसभा के आम चुनाव के लिए मतदान पूरा हो चुका है। विभिन्न टीवी चैनलों और कुछ अखबारों के एग्जिट पोल अनुमानों के मुताबिक देश में कमोबेस राजनीतिक यथास्थिति बनी रहेगी। मगर इन अनुमानों के बीच आपसी फर्क इतना अधिक है कि उसके आधार पर कोई निष्कर्ष निकालना बेमायने है। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को...

  • 4 जून को इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी : लालू यादव

    विपक्ष में मेनस्ट्रीम मीडिया पर सत्ता पक्ष के नियंत्रण की शिकायतें काफी गहरा चुकी हैं। इसलिए उनमें एग्जिट पोल्स पर अविश्वास को एक सहज प्रतिक्रिया माना जाएगा। दरअसल, ऐसे सर्वेक्षणों को लेकर ऐसी ही प्रतिक्रिया सिविल सोसायटी के अंदर भी है। लोकसभा के आम चुनाव के लिए मतदान पूरा हो चुका है। विभिन्न टीवी चैनलों और कुछ अखबारों के एग्जिट पोल अनुमानों के मुताबिक देश में कमोबेस राजनीतिक यथास्थिति बनी रहेगी। मगर इन अनुमानों के बीच आपसी फर्क इतना अधिक है कि उसके आधार पर कोई निष्कर्ष निकालना बेमायने है। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को...

  • छह मुद्दे, जो इस चुनाव में नहीं हैं

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  • छठे चरण में सबसे कम मतदान

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  • सीटों के पूर्वानुमान पर भी नैरेटिव!

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  • 58 सीटों पर आज मतदान

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  • 1977 या 2004 या 2019 !

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