International Joke Day 2024

  • जिंदादिल है तो हंसे-हंसाए

    भारतीय सभ्यता- संस्कृति व जीवन दर्शन में भी हंसी-मजाक का मूल स्रोत विद्यमान है। भारतीय परंपरा में ब्रह्म अर्थात परमात्मा की अवधारणा को सत् चित् के साथ ही आनंद का स्वरूप माना गया है। ब्रह्म आनंद के रूप में सभी प्राणियों में निवास करता है। ब्रह्म आनंद की अनुभूति जीवन का परम लक्ष्य माना जाता है। इसे ही ब्रह्मानंद प्राप्ति का नाम दिया गया है। वह रस, माधुर्य, लास्य का स्वरूप है। 1 जुलाई- अंतर्राष्ट्रीय मजाक दिवस हंसना-हंसाना अर्थात हंसी -मजाक एक बहुत ही अच्छा कार्य है। इससे स्वयं और दूसरों को भी खुश रखा जा सकता है। हंसी-मजाक अस्वस्थ...