भविष्यद्रष्टा प्रधानमंत्री का वक्तव्य
बाबा साहेब आंबेडकर देश में समान नागरिक कानूनों के सबसे बड़े पैरोकार थे। उन्होंने संविधान सभा की बहस में साफ तौर पर कहा था कि विवाह, तलाक, परिवार, संपत्ति के बंटवारे आदि के नियम सभी नागरिकों के लिए एक समान होने चाहिए। बाबा साहेब ने समान नागरिक कानून का प्रस्ताव रखा था, जो उस समय संविधान सभा के मुस्लिम सदस्यों व कुछ अन्य सदस्यों के विरोध की वजह से स्वीकार नहीं किया जा सका। एस. सुनील लाल किले की ऐतिहासिक प्रचीर से दिया गया प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का 11वां भाषण एक भविष्यद्रष्टा प्रधानमंत्री का वक्तव्य है, जिसे उसकी सम्पूर्णता...