हिमंता क्या गोगोई से घबरा रहे हैं?
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को ऐसा लग रहा है कि सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के अलावा कोई दूसरी राजनीति नहीं आती है। यह हैरानी की बात है क्योंकि उनका राजनीतिक प्रशिक्षण उल्फा से शुरू हुआ था और कांग्रेस में परवान चढ़ा था। भाजपा में तो वे अपना अनुभव लेकर गए थे। लेकिन ऐसा लग रहा है कि उन अनुभवों को उन्होंने सात ताले में बंद कर दिया है। अब वे सिर्फ सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति करते हैं। चार महीने पहले झारखंड में इसी राजनीति में बुरी तरह से पिटने के बावजूद वे अपने राज्य असम में इसी राजनीति के रास्ते...