Tuesday

08-04-2025 Vol 19

Freebies

पार्टियों से लेने का अवसर!

जनता भी मान बैठी है की जो सत्तानीति आज चल रही है उसमें जिस भी दल से जो भी मिलता है, ले लेना चाहिए। क्योंकि पहले तो वह भी...

जनता के मुद्दों पर नहीं, रेवडियों पर चुनाव

लोकतंत्र की अनेक परिभाषाओं में एक परिभाषा यह है कि, ‘इसमें जनता को अधिकतम भ्रम दिया जाता है और न्यूनतम अधिकार दिए जाते हैं’।

क्या न्यायपालिका मोदी सरकार से नाराज है…?

आखिर सर्वोच्च न्यायालय को सरकार से ऐसे तीखे सवाल करने की जरूरत क्यों पड़ी? क्या सरकार या किसी राजनीतिक दल ने इस प्रश्न का उत्तर ढूंढ़ने की कौशिश की?

सब कुछ मुफ्त, बम्पर घोषणाएं!

चुनाव जीतने के लिए मुफ्त में चीजें और सेवाएं बांटने की राजनीति की जड़ें और गहरी होती जा रही हैं। हर चुनाव के बाद पार्टियां कुछ नई चीज ला...

झारखंड ने रेवड़ी के लिए रास्ता दिखाया

झारखंड में दोबारा बनी हेमंत सोरेन की सरकार ने ‘मुफ्त की रेवड़ी’ के लिए धन के इंतजाम का नया रास्ता दिखाया है।

क्या मुफ्त की चीजें जीत की गारंटी होती हैं?

महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव में दोनों मुख्य गठबंधन मतदाताओं को अनेक सेवाएं और वस्तुएं मुफ्त में देने के वादे पर चुनाव लड़े हैं।

भाषा से भी चुनाव में ठगा जाता है!

भारत में चुनाव अब विकासवादी नीतियों या विचारधारा के ऊपर नहीं हो रहे हैं, बल्कि लोकलुभावन घोषणाओं और भाषण की जादूगरी पर हो रहे हैं।

खून लेंगे, जूस पैक देंगे!

महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव में मुफ्त की रेवड़ियों की घोषणा देखें तो हैरानी होगी कि इन सरकारों के पास कितना पैसा है, जो इतने खुले दिल से बांट...