विपक्ष अभी भी भाजपा की ताकत को समझा नहीं!
अगर विपक्ष ऐसे ही टोने-टोटकों और जोड़-तोड़ के समीकरणों के भरोसे बैठा रहा, तो कहा जा सकता है कि 2024 और उसके आगे भी आम चुनावों में उसका कोई भविष्य नहीं है। अगर वह अपना भविष्य बनाना चाहता है, तो उसे राजनीति की नई परिकल्पना करनी होगी- राजनीति क्या है इसकी एक नई समझ बनानी होगी। नई राजनीति नए तौर-तरीकों से ही की जा सकती है। इसलिए ऐसे तौर-तरीके ढूंढने होंगे।लेकिन ऐसा इलीट कल्चर (अभिजात्य संस्कृति) में जीते हुए करना असंभव है। यह एक श्रमसाध्य राजनीति है, जिसके लिए कम से कम आज का विपक्ष तो तैयार नहीं दिखता। ...