Tag: economy crisis
January 03, 2025
रियल पालिटिक्स
आर्थिक तस्वीर सुधर नहीं रही है
नए साल के पहले दिन केंद्र सरकार ने वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी कलेक्शन का आंकड़ा पेश किया। इसके मुताबिक दिसंबर में सरकार को 1.77 लाख करोड़ रुपए...
भारतीय मध्य वर्ग का ऐसे ढहना!
भारत में मध्य वर्ग सिकुड़ रहा है, ये तथ्य अब देश की मार्केट एजेंसियां और कॉरपोरेट सेक्टर भी बताने लगा है।
November 30, 2024
हरिशंकर व्यास कॉलम, गपशप
देश की सेहत और शेयर बाजार!
नरेंद्र मोदी के राज में मध्यवर्ग की संख्या और शेयर बाजार की तेजी का मामला पहेली जैसा है।
November 12, 2024
संपादकीय, संपादकीय कॉलम
रिपोर्ट अनेक, संकेत एक
Economy crisis: देहाती इलाकों में कर्ज के बोझ तले दबे परिवारों की संख्या में साढ़े चार प्रतिशत इजाफा हुआ है।
November 05, 2024
संपादकीय, संपादकीय कॉलम
चमक पर ग्रहण क्यों?
वित्तीय बाजारों की चमक ही एकमात्र पहलू है, जिस पर भारत के आर्थिक उदय का सारा कथानक टिका हुआ है।
October 14, 2024
संपादकीय, संपादकीय कॉलम
आंकड़ों के आईने में
कृषि पर रोजगार की निर्भरता घटना विकास की आम प्रक्रिया का हिस्सा है।
October 07, 2024
संपादकीय, संपादकीय कॉलम
वित्तीयकृत अर्थव्यवस्था में
शेयर बाजारों में गिरावट है। उस समय, जब लिस्टेड इक्विटी मार्केट में कुल निवेश के बीच घरेलू सेक्टर का हिस्सा 21.5 प्रतिशत तक पहुंच गया है।
June 05, 2024
संपादकीय, संपादकीय, संपादकीय कॉलम
सच बोलने की चुनौती
पिछले दस साल में भारत के लोगों की बढ़ी मुसीबत का प्रमुख कारण उनसे बोला गया झूठ या अर्धसत्य है। खासकर ऐसा आर्थिक मामलों में हुआ है।
May 15, 2024
संपादकीय, संपादकीय, संपादकीय कॉलम
बढ़ रही है बदहाली
भारत में जीडीपी की तुलना में बचत का स्तर 50 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है।
April 10, 2024
संपादकीय, संपादकीय, संपादकीय कॉलम
विषमता की ऐसी खाई
भारतीय रिजर्व बैंक ने बताया था कि 2022-23 में घरेलू बचत 5.1 प्रतिशत तक गिर गई है, 47 साल का सबसे निचला स्तर है।
March 15, 2024
संपादकीय, संपादकीय, संपादकीय कॉलम
मुश्किल में एमएमसीजी क्षेत्र
उचित प्रयास सरकार की तरफ से नहीं किए गए हैँ। नतीजतन, गांवों में मंदी है और उसका साया एफएमसीजी कारोबार पर भी पड़ रहा है। Economy crisis
November 15, 2023
संपादकीय, संपादकीय, संपादकीय कॉलम
सरकारी दावों के विपरीत
भारत में आर्थिक वृद्धि दर के लाभ आम जन तक नहीं पहुंच रहे हैं, इस बारे में तो पहले से पर्याप्त आंकड़े मौजूद रहे हैं। लेकिन अब व्यापार जगत...
September 01, 2023
संपादकीय, संपादकीय, संपादकीय कॉलम
तमाम शोर के बावजूद
खाद्य की बढ़ती महंगाई के कारण लोगों के लिए गुजरे पांच वर्षों में स्वस्थ आहार ले पाना अधिक कठिन हो गया।
July 26, 2023
संपादकीय, संपादकीय, संपादकीय कॉलम
अर्थव्यवस्था की असल कहानी
भारतीय अर्थव्यवस्था की खुशहाल कहानी प्रचारित करने की कोशिशें अपनी जगह हैं, लेकिन इनके बीच ही देश के आम जन का असली हाल का इजहार मुख्यधारा मीडिया की सुर्खियों...
February 22, 2023
बेबाक विचार, लेख स्तम्भ, संपादकीय
ब्रिटेन की ये बदहाली
यह सुनना आश्चर्यजनक लगता है कि जिस देश के साम्राज्य में कभी सूरज नहीं डूबता था, वहां के लोग आज दाने-दाने के लिए मोहताज हो रहे हैँ।
February 20, 2023
बेबाक विचार, लेख स्तम्भ, संपादकीय
बदहाली का फैलता दायरा
इस खबर की खास चर्चा हुई है कि कैसे बीते पांच साल में भारत के 72 प्रतिशत सूक्ष्म, लघु और मध्यम कारोबारियों की आमदनी बिल्कुल नहीं बढ़ी है।
January 17, 2023
बेबाक विचार, लेख स्तम्भ, संपादकीय
अब प्रश्न औचित्य का
नदी में पानी आता है, तो सबकी नाव ऊंची होती है- यह कहावत अक्सर नव-उदारवादी अर्थव्यवस्था के औचित्य को सही ठहराने के लिए कही जाती है।