economy crisis
Apr 16, 2025
संपादकीय कॉलम
विषमता पर नई रोशनी
भारत के धनी वर्ग की आमदनी उससे कहीं ज्यादा है, जिसकी घोषणा वे अपने टैक्स रिटर्न्स में करते हैं।
Apr 10, 2025
नब्ज पर हाथ
कर्ज लेकर दाल-रोटी चला रहे हैं लोग
कर्ज लेकर घी पीने का एक दर्शन भारत में रहा है। चार्वाक ऋषि को इस दर्शन का प्रणेता माना जाता है।
Mar 28, 2025
संपादकीय कॉलम
यही यक्ष प्रश्न है
भारत में ऐसी मध्यम- आकार की कंपनियां पर्याप्त संख्या में नहीं हैं, जो अपने को बड़ी कंपनी बना सकने की स्थिति में हों
Jan 3, 2025
रियल पालिटिक्स
आर्थिक तस्वीर सुधर नहीं रही है
नए साल के पहले दिन केंद्र सरकार ने वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी कलेक्शन का आंकड़ा पेश किया। इसके मुताबिक दिसंबर में सरकार को 1.77 लाख करोड़ रुपए...
Dec 8, 2024
Columnist
भारतीय मध्य वर्ग का ऐसे ढहना!
भारत में मध्य वर्ग सिकुड़ रहा है, ये तथ्य अब देश की मार्केट एजेंसियां और कॉरपोरेट सेक्टर भी बताने लगा है।
Nov 30, 2024
गपशप
देश की सेहत और शेयर बाजार!
नरेंद्र मोदी के राज में मध्यवर्ग की संख्या और शेयर बाजार की तेजी का मामला पहेली जैसा है।
Nov 12, 2024
संपादकीय कॉलम
रिपोर्ट अनेक, संकेत एक
Economy crisis: देहाती इलाकों में कर्ज के बोझ तले दबे परिवारों की संख्या में साढ़े चार प्रतिशत इजाफा हुआ है।
Nov 5, 2024
संपादकीय कॉलम
चमक पर ग्रहण क्यों?
वित्तीय बाजारों की चमक ही एकमात्र पहलू है, जिस पर भारत के आर्थिक उदय का सारा कथानक टिका हुआ है।
Oct 14, 2024
संपादकीय कॉलम
आंकड़ों के आईने में
कृषि पर रोजगार की निर्भरता घटना विकास की आम प्रक्रिया का हिस्सा है।
Oct 7, 2024
संपादकीय कॉलम
वित्तीयकृत अर्थव्यवस्था में
शेयर बाजारों में गिरावट है। उस समय, जब लिस्टेड इक्विटी मार्केट में कुल निवेश के बीच घरेलू सेक्टर का हिस्सा 21.5 प्रतिशत तक पहुंच गया है।
Jun 5, 2024
संपादकीय
सच बोलने की चुनौती
पिछले दस साल में भारत के लोगों की बढ़ी मुसीबत का प्रमुख कारण उनसे बोला गया झूठ या अर्धसत्य है। खासकर ऐसा आर्थिक मामलों में हुआ है।
May 15, 2024
संपादकीय
बढ़ रही है बदहाली
भारत में जीडीपी की तुलना में बचत का स्तर 50 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है।
Apr 10, 2024
संपादकीय
विषमता की ऐसी खाई
भारतीय रिजर्व बैंक ने बताया था कि 2022-23 में घरेलू बचत 5.1 प्रतिशत तक गिर गई है, 47 साल का सबसे निचला स्तर है।
Mar 15, 2024
संपादकीय
मुश्किल में एमएमसीजी क्षेत्र
उचित प्रयास सरकार की तरफ से नहीं किए गए हैँ। नतीजतन, गांवों में मंदी है और उसका साया एफएमसीजी कारोबार पर भी पड़ रहा है। Economy crisis
Nov 15, 2023
संपादकीय
सरकारी दावों के विपरीत
भारत में आर्थिक वृद्धि दर के लाभ आम जन तक नहीं पहुंच रहे हैं, इस बारे में तो पहले से पर्याप्त आंकड़े मौजूद रहे हैं। लेकिन अब व्यापार जगत...
Sep 1, 2023
संपादकीय
तमाम शोर के बावजूद
खाद्य की बढ़ती महंगाई के कारण लोगों के लिए गुजरे पांच वर्षों में स्वस्थ आहार ले पाना अधिक कठिन हो गया।
Jul 26, 2023
संपादकीय
अर्थव्यवस्था की असल कहानी
भारतीय अर्थव्यवस्था की खुशहाल कहानी प्रचारित करने की कोशिशें अपनी जगह हैं, लेकिन इनके बीच ही देश के आम जन का असली हाल का इजहार मुख्यधारा मीडिया की सुर्खियों...
Feb 22, 2023
बेबाक विचार
ब्रिटेन की ये बदहाली
यह सुनना आश्चर्यजनक लगता है कि जिस देश के साम्राज्य में कभी सूरज नहीं डूबता था, वहां के लोग आज दाने-दाने के लिए मोहताज हो रहे हैँ।
Feb 20, 2023
बेबाक विचार
बदहाली का फैलता दायरा
इस खबर की खास चर्चा हुई है कि कैसे बीते पांच साल में भारत के 72 प्रतिशत सूक्ष्म, लघु और मध्यम कारोबारियों की आमदनी बिल्कुल नहीं बढ़ी है।
Jan 17, 2023
बेबाक विचार
अब प्रश्न औचित्य का
नदी में पानी आता है, तो सबकी नाव ऊंची होती है- यह कहावत अक्सर नव-उदारवादी अर्थव्यवस्था के औचित्य को सही ठहराने के लिए कही जाती है।