Economic inequality

  • ऐसी असमानता और ऐसा शोषण

    Economic inequality, भारत की अर्थव्यवस्था पहले भी पिरामिड की शक्ल में थी, जिसमें शीर्ष पर कुछ लोगों के पास सारी संपत्ति संचित थी, जबकि नीचे के लोग मामूली जरुरतों के मोहताज थे। अब पिरामिड का निचला हिस्सा बड़ा होता जा रहा है। इससे यह प्रमाणित है कि कोई भी आर्थिक अवधारणा हो भारत में उसका सबसे खराब रूप देखने को मिलेगा। नेहरू ने जब समाजवाद का सिद्धांत अपनाया या मिश्रित अर्थव्यवस्था का सिद्धांत अपनाया तब भी उसका सबसे खराब रूप देखने को मिला और 1991 के बाद अर्थव्यवस्था खुली, उदार नीतियां अपनाई गईं, जिसे लोकप्रिय शब्दों में कह सकते हैं...