दो लोकतंत्र, एक चिंता !
Democracy: भारत और हम हिंदुओं का क्या होगा, यह अपनी चिंता है! वही दुनिया इस चिंता में है कि अमेरिका और पश्चिमी सभ्यता का क्या होगा! डोनाल्ड ट्रंप आज शपथ ले रहे हैं और उनके इस मौके पर कनाडा के “हिंसक संघर्षो के अध्येता” होमर-डिक्सन का तीन साल पहले लिखा एक वाक्य मुझे ध्यान आ रहा है। उन्होंने कनाडा के लोगों को चेताया था। उन्होने अखबार ‘ग्लोब एंड मेल’ में लिखा था कि, ‘हमें वह सोचना चाहिए जो आज लग नहीं रहा, दिख नहीं रहा! हमें उन संभावनाओं, सिनेरियो को इसलिए खारिज नहीं करना चाहिए क्योंकि वे हास्यास्पद या कल्पनातीत...