Deepawali

  • मंर्यादा और समरसता के पर्याय श्रीराम

    श्रीराम सामाजिक समरसता का आइना हैं। अपने जीवन के सबसे पीड़ादायक दौर में श्रीराम ने सहयोगी और सलाहकार वनवासियों को ही बनाया, जिसमें केवट निषाद, कोल, भील, किरात और भालू शामिल रहे। अगर श्रीराम चाहते, तो अयोध्या या जनकपुर से सहायता ले सकते थे। लेकिन उनके साथी वे लोग बने, जिन्हें आज आदिवासी, दलित, पिछड़ा या अति-पिछड़ा कहा जाता है। इन सभी को श्रीराम ने 'सखा' कहकर संबोधित किया, तो वनवासी हनुमान को लक्ष्मण से अधिक प्रिय बताया है। दीपावली का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। यह 500 वर्षों के संघर्षपूर्ण इतिहास में पहली बार है, जब रामलला ने...

  • अगली दीवाली तक का प्रश्नपत्र

    मसला दीवाली और ईद का नहीं है। मसला होली और मुहर्रम का नहीं है। मसला दुर्गा पूजा, गणेशोत्सव और रमज़ान का नहीं है। मसला यह है कि क्रिसमस, गुडफ्राइडे, ईस्टर, प्रकाश उत्सव, बैसाखी, बुद्ध पूर्णिमा, महावीर जयंती, पर्यूषण, नवरोज़, ओणम, पोंगल, उगादी, बिहू, मोआत्सुमोंग, आदि-इत्यादि हमारे सामाजिक रसरंग को विस्तार देने के लिए हैं या उसे संकीर्ण बनाने के लिए? दीवाली आई। दीवाली चली गई। दीवाली फिर आएगी। दीवाली फिर चली जाएगी। पटाखों पर पाबंदी के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की हम ने कोई परवाह नहीं की। ऐसे किसी आदेश की हम कोई भी परवाह किसी भी दीवाली पर नहीं...

  • अपना भी तआल्लुक है दिवाली से, तुम्हारे से !

    दिवाली शुभ हो। सुख संपत्ति लाए। सब खुश रहें। यह कामना तो हमेशा से की जाती रही है। मुगलों के टाइम से दिवाली जोर शोर से मनाने का इतिहास है। मगर आजकल वे कुछ भी नहीं मानते हैं। उर्दू के सबसे बड़े शायरों में एक इकाबल ने राम को इमामे हिन्द कहा। जाने कितने शायरों ने और राम पर दिवाली पर खुश होकर लिखा। लेकिन अब उसकी कोई मान्यता नहीं है।... न मानें। भाईचारा कोई सशर्त नहीं होता है। पहले भी थी हमेशा से थी और आज भी है हैप्पी दिवाली! दिवाली पर दिवाली के सिवा और क्या याद आता...

  • भारत-चीन के सैनिक एक दूसरे को मिठाई खिलाएंगे

    नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी पर हुए समझौते के तहत भारत और चीन की सेना के वापस लौटने और गश्त की तैयारियों के बीच 31 अक्टूबर को दिवाली के दिन दोनों देशों के सैनिक एक दूसरे को मिठाई खिलाएंगे। इसके बाद बातचीत के जरिए गश्त की बारीकियां तय की जाएंगी। गौरतलब है कि भारत और चीन की सेना के देपसांग के मैदान और डेमचोक में हटने की प्रक्रिया पूरी हो गई है। इसके बाद गुरुवार, 31 अक्टूबर को दिवाली पर चीन और भारत के सैनिक एक दूसरे को मिठाई खिलाएंगे। बताया गया है कि सीमा...

  • सात हजार विशेष ट्रेन चलाने का क्या मतलब?

    पिछले हफ्ते रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि इस बार छठ में बिहार या पूर्वांचल जाने वाले लोगों को ज्यादा दिक्कत नहीं होगी क्योंकि रेलवे ने सात हजार विशेष ट्रेन चलाने का फैसला किया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान देवेश चंद्र ठाकुर, लवली आनंद जैसे बिहार के कई सांसद मौजूद थे। यह दावा किया गया कि पिछले साल साढ़े चार हजार विशेष ट्रेन चली थी और इस बार सात हजार विशेष ट्रेन चलाई जाएगी। यह भी बताया गया कि विशेष ट्रेनों के 3,050 फेरे लगेंगे। अब सवाल है कि सात हजार ट्रेनें चलेंगी तो 3,050 फेरे...