congress political crisis

  • कांग्रेस कोई सबक नहीं सीखती

    एक तरफ देश की बदलती हुई राजनीति है तो दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी है, जो कुछ भी सीखने के लिए तैयार नहीं दिख रही है। उसके नेता आज भी इस उम्मीद में हैं कि अंततः लोग भाजपा और नरेंद्र मोदी व अमित शाह से ऊब जाएंगे तो कांग्रेस को वोट करेंगे। इसके लिए कांग्रेस को सिर्फ इतना करना है कि प्रासंगिक बने रहना है। राजनीति करते रहनी है। सो, जीत हार से निरपेक्ष कांग्रेस के नेता राजनीति कर रहे हैं। उनको लग रहा है कि मुख्य विपक्षी पार्टी बने रहेंगे तो देर सबेर सत्ता आ जाएगी। और इसके लिए जितनी...

  • कांग्रेस कोई लोक लिहाज नहीं दिखाती है

    कांग्रेस के ऊपर किसी प्रादेशिक पार्टी की तरह परिवारवाद करने का आरोप लगता है लेकिन ऐसा लगता है कि कांग्रेस इसकी कोई परवाह नहीं करती है। इसके उलट वह ज्यादा खुल कर परिवारवाद करती है। एक तरह से उसने इस आलोचना का जवाब यह निकाला है कि पहले से ज्यादा परिवारवाद किया जाए तो अपने आप यह मुद्दा खत्म हो जाएगा। इसी सोच में वह परिवारवाद के आरोप में पलटवार करती है तो भाजपा पर भी परिवारवाद करने के आरोप लगाती है और उसके बाद कुछ और नए परिवारों के सदस्यों को राजनीति में आगे बढ़ा देती है। अगर इसी...

  • कांग्रेस (विपक्ष) के मूर्खों जमीन और भावनाओं की राजनीति करो!

    लोगों की नजर में नरेंद्र मोदी की कला उतरती हुई और राहुल गांधी की चढ़ती हुई है। बावजूद इसके हरियाणा में कांग्रेस हारी तो मूर्ख कांग्रेसी, जहां ईवीएम पर वही अरविंद केजरीवाल, उद्धव ठाकरे, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव आदि की पार्टियां कांग्रेस पर ठीकरा फोड़ रही हैं! ये सभी इस बेवकूफी में जी रहे हैं कि भीड़ अपने आप वोट में कनवर्ट होती है। आप ने अब दिल्ली में अकेले विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है तो अखिलेश ने बेवकूफी में उपचुनावों के उम्मीदवारों की एकतरफा घोषणा की। और नोट रखें यूपी उपचुनावों में अखिलेश को झटका लगेगा। वही...

  • कांग्रेस मुख्यालय कितना बिकाऊ?

    यों भारत का राजनैतिक इतिहास हिंदुओं के बिकाऊ माल का सत्य लिए हुए है। फिर पिछले दस सालों से हिंदुओं के राष्ट्रवादी, चरित्रवादी मोदी-शाह ने नेताओं के खरीदफरोख्त की जैसी मंडी लगाई है तो कांग्रेस में भी वहीं होगा जो हिंदुओं में होता है। चाल, चेहरा, चरित्र अब क्या होता है! बहरहाल, मैंने हरियाणा की जानकारी में जब सुना कि हुड्डा ने अपने 72 उम्मीदवारों के टिकट कराए हैं तो खटका हुआ! भला ऐसा कैसे, यह गड़बड़ है। कांग्रेस के खांटी जानकारों से मालूम किया तो राहुल गांधी-मल्लिकार्जुन खड़गे की कांग्रेस में नई दुर्दशा मालूम हुई। कांग्रेस मुख्यालय अब नासमझ,...

  • रोना बिसूरना बंद करे कांग्रेस

    कांग्रेस कमाल की पार्टी हो गई है। चुनाव हारते ही वह इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम और चुनाव आयोग को कोसना शुरू कर देती है। हालांकि ऐसा नहीं है कि ईवीएम को लेकर सवाल नहीं हैं या चुनाव आयोग की भूमिका पक्षपातपूर्ण नहीं है। चुनाव आयोग की तटस्थता और निष्पक्षता तो काफी पहले तिरोहित हो चुकी है। लेकिन हर बार कांग्रेस के चुनाव हारने का कारण यही नहीं होता है। कांग्रेस हर बार अलग अलग कारणों से हारती है, जिनमें से कुछ कांग्रेस की अपनी राजनीति से जुड़े होते हैं तो कुछ देश की राजनीति और समाज व्यवस्था में आ...

  • क्षत्रपों को काबू में कर पाएंगे राहुल?

    कांग्रेस कमाल की पार्टी हो गई है। चुनाव हारते ही वह इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम और चुनाव आयोग को कोसना शुरू कर देती है। हालांकि ऐसा नहीं है कि ईवीएम को लेकर सवाल नहीं हैं या चुनाव आयोग की भूमिका पक्षपातपूर्ण नहीं है। चुनाव आयोग की तटस्थता और निष्पक्षता तो काफी पहले तिरोहित हो चुकी है। लेकिन हर बार कांग्रेस के चुनाव हारने का कारण यही नहीं होता है। कांग्रेस हर बार अलग अलग कारणों से हारती है, जिनमें से कुछ कांग्रेस की अपनी राजनीति से जुड़े होते हैं तो कुछ देश की राजनीति और समाज व्यवस्था में आ...

  • कांग्रेस में गुटबाजी को कौन रूकवाएगा?

    कांग्रेस कमाल की पार्टी हो गई है। चुनाव हारते ही वह इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम और चुनाव आयोग को कोसना शुरू कर देती है। हालांकि ऐसा नहीं है कि ईवीएम को लेकर सवाल नहीं हैं या चुनाव आयोग की भूमिका पक्षपातपूर्ण नहीं है। चुनाव आयोग की तटस्थता और निष्पक्षता तो काफी पहले तिरोहित हो चुकी है। लेकिन हर बार कांग्रेस के चुनाव हारने का कारण यही नहीं होता है। कांग्रेस हर बार अलग अलग कारणों से हारती है, जिनमें से कुछ कांग्रेस की अपनी राजनीति से जुड़े होते हैं तो कुछ देश की राजनीति और समाज व्यवस्था में आ...

  • कांग्रेस को पुनर्जीवित करने की चुनौती

    कांग्रेस कमाल की पार्टी हो गई है। चुनाव हारते ही वह इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम और चुनाव आयोग को कोसना शुरू कर देती है। हालांकि ऐसा नहीं है कि ईवीएम को लेकर सवाल नहीं हैं या चुनाव आयोग की भूमिका पक्षपातपूर्ण नहीं है। चुनाव आयोग की तटस्थता और निष्पक्षता तो काफी पहले तिरोहित हो चुकी है। लेकिन हर बार कांग्रेस के चुनाव हारने का कारण यही नहीं होता है। कांग्रेस हर बार अलग अलग कारणों से हारती है, जिनमें से कुछ कांग्रेस की अपनी राजनीति से जुड़े होते हैं तो कुछ देश की राजनीति और समाज व्यवस्था में आ...

  • कांग्रेस में प्रभारियों से सवाल नहीं पूछे जाते

    कांग्रेस कमाल की पार्टी हो गई है। चुनाव हारते ही वह इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम और चुनाव आयोग को कोसना शुरू कर देती है। हालांकि ऐसा नहीं है कि ईवीएम को लेकर सवाल नहीं हैं या चुनाव आयोग की भूमिका पक्षपातपूर्ण नहीं है। चुनाव आयोग की तटस्थता और निष्पक्षता तो काफी पहले तिरोहित हो चुकी है। लेकिन हर बार कांग्रेस के चुनाव हारने का कारण यही नहीं होता है। कांग्रेस हर बार अलग अलग कारणों से हारती है, जिनमें से कुछ कांग्रेस की अपनी राजनीति से जुड़े होते हैं तो कुछ देश की राजनीति और समाज व्यवस्था में आ...

  • दिल्ली में कांग्रेस कैसे चुनाव लड़ेगी?

    कांग्रेस कमाल की पार्टी हो गई है। चुनाव हारते ही वह इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम और चुनाव आयोग को कोसना शुरू कर देती है। हालांकि ऐसा नहीं है कि ईवीएम को लेकर सवाल नहीं हैं या चुनाव आयोग की भूमिका पक्षपातपूर्ण नहीं है। चुनाव आयोग की तटस्थता और निष्पक्षता तो काफी पहले तिरोहित हो चुकी है। लेकिन हर बार कांग्रेस के चुनाव हारने का कारण यही नहीं होता है। कांग्रेस हर बार अलग अलग कारणों से हारती है, जिनमें से कुछ कांग्रेस की अपनी राजनीति से जुड़े होते हैं तो कुछ देश की राजनीति और समाज व्यवस्था में आ...

  • लड़ाने वाले खुद लड़ रहे खंदक की लड़ाई

    कांग्रेस कमाल की पार्टी हो गई है। चुनाव हारते ही वह इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम और चुनाव आयोग को कोसना शुरू कर देती है। हालांकि ऐसा नहीं है कि ईवीएम को लेकर सवाल नहीं हैं या चुनाव आयोग की भूमिका पक्षपातपूर्ण नहीं है। चुनाव आयोग की तटस्थता और निष्पक्षता तो काफी पहले तिरोहित हो चुकी है। लेकिन हर बार कांग्रेस के चुनाव हारने का कारण यही नहीं होता है। कांग्रेस हर बार अलग अलग कारणों से हारती है, जिनमें से कुछ कांग्रेस की अपनी राजनीति से जुड़े होते हैं तो कुछ देश की राजनीति और समाज व्यवस्था में आ...

  • कांग्रेस को कमजोर बताना विपक्ष के लिए भी घातक

    कांग्रेस कमाल की पार्टी हो गई है। चुनाव हारते ही वह इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम और चुनाव आयोग को कोसना शुरू कर देती है। हालांकि ऐसा नहीं है कि ईवीएम को लेकर सवाल नहीं हैं या चुनाव आयोग की भूमिका पक्षपातपूर्ण नहीं है। चुनाव आयोग की तटस्थता और निष्पक्षता तो काफी पहले तिरोहित हो चुकी है। लेकिन हर बार कांग्रेस के चुनाव हारने का कारण यही नहीं होता है। कांग्रेस हर बार अलग अलग कारणों से हारती है, जिनमें से कुछ कांग्रेस की अपनी राजनीति से जुड़े होते हैं तो कुछ देश की राजनीति और समाज व्यवस्था में आ...

  • गुलाम नबी, कमलनाथ जैसों का क्या ईमान-धर्म?

    कांग्रेस कमाल की पार्टी हो गई है। चुनाव हारते ही वह इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम और चुनाव आयोग को कोसना शुरू कर देती है। हालांकि ऐसा नहीं है कि ईवीएम को लेकर सवाल नहीं हैं या चुनाव आयोग की भूमिका पक्षपातपूर्ण नहीं है। चुनाव आयोग की तटस्थता और निष्पक्षता तो काफी पहले तिरोहित हो चुकी है। लेकिन हर बार कांग्रेस के चुनाव हारने का कारण यही नहीं होता है। कांग्रेस हर बार अलग अलग कारणों से हारती है, जिनमें से कुछ कांग्रेस की अपनी राजनीति से जुड़े होते हैं तो कुछ देश की राजनीति और समाज व्यवस्था में आ...

  • कांग्रेस में जिन्हे सब कुछ मिला वे छोड़ रहे!

    कांग्रेस कमाल की पार्टी हो गई है। चुनाव हारते ही वह इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम और चुनाव आयोग को कोसना शुरू कर देती है। हालांकि ऐसा नहीं है कि ईवीएम को लेकर सवाल नहीं हैं या चुनाव आयोग की भूमिका पक्षपातपूर्ण नहीं है। चुनाव आयोग की तटस्थता और निष्पक्षता तो काफी पहले तिरोहित हो चुकी है। लेकिन हर बार कांग्रेस के चुनाव हारने का कारण यही नहीं होता है। कांग्रेस हर बार अलग अलग कारणों से हारती है, जिनमें से कुछ कांग्रेस की अपनी राजनीति से जुड़े होते हैं तो कुछ देश की राजनीति और समाज व्यवस्था में आ...

  • बिन सत्ता के नेता कैसे रहे कांग्रेस में?

    कांग्रेस कमाल की पार्टी हो गई है। चुनाव हारते ही वह इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम और चुनाव आयोग को कोसना शुरू कर देती है। हालांकि ऐसा नहीं है कि ईवीएम को लेकर सवाल नहीं हैं या चुनाव आयोग की भूमिका पक्षपातपूर्ण नहीं है। चुनाव आयोग की तटस्थता और निष्पक्षता तो काफी पहले तिरोहित हो चुकी है। लेकिन हर बार कांग्रेस के चुनाव हारने का कारण यही नहीं होता है। कांग्रेस हर बार अलग अलग कारणों से हारती है, जिनमें से कुछ कांग्रेस की अपनी राजनीति से जुड़े होते हैं तो कुछ देश की राजनीति और समाज व्यवस्था में आ...

  • सब कुछ सीखा हमने… न सीखी… सच है… हम है…!

    कांग्रेस कमाल की पार्टी हो गई है। चुनाव हारते ही वह इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम और चुनाव आयोग को कोसना शुरू कर देती है। हालांकि ऐसा नहीं है कि ईवीएम को लेकर सवाल नहीं हैं या चुनाव आयोग की भूमिका पक्षपातपूर्ण नहीं है। चुनाव आयोग की तटस्थता और निष्पक्षता तो काफी पहले तिरोहित हो चुकी है। लेकिन हर बार कांग्रेस के चुनाव हारने का कारण यही नहीं होता है। कांग्रेस हर बार अलग अलग कारणों से हारती है, जिनमें से कुछ कांग्रेस की अपनी राजनीति से जुड़े होते हैं तो कुछ देश की राजनीति और समाज व्यवस्था में आ...

  • कांग्रेस को सब नसीहत दे रहे हैं

    कांग्रेस कमाल की पार्टी हो गई है। चुनाव हारते ही वह इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम और चुनाव आयोग को कोसना शुरू कर देती है। हालांकि ऐसा नहीं है कि ईवीएम को लेकर सवाल नहीं हैं या चुनाव आयोग की भूमिका पक्षपातपूर्ण नहीं है। चुनाव आयोग की तटस्थता और निष्पक्षता तो काफी पहले तिरोहित हो चुकी है। लेकिन हर बार कांग्रेस के चुनाव हारने का कारण यही नहीं होता है। कांग्रेस हर बार अलग अलग कारणों से हारती है, जिनमें से कुछ कांग्रेस की अपनी राजनीति से जुड़े होते हैं तो कुछ देश की राजनीति और समाज व्यवस्था में आ...

  • कांग्रेस हमेशा गलत क्यों?

    कांग्रेस कमाल की पार्टी हो गई है। चुनाव हारते ही वह इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम और चुनाव आयोग को कोसना शुरू कर देती है। हालांकि ऐसा नहीं है कि ईवीएम को लेकर सवाल नहीं हैं या चुनाव आयोग की भूमिका पक्षपातपूर्ण नहीं है। चुनाव आयोग की तटस्थता और निष्पक्षता तो काफी पहले तिरोहित हो चुकी है। लेकिन हर बार कांग्रेस के चुनाव हारने का कारण यही नहीं होता है। कांग्रेस हर बार अलग अलग कारणों से हारती है, जिनमें से कुछ कांग्रेस की अपनी राजनीति से जुड़े होते हैं तो कुछ देश की राजनीति और समाज व्यवस्था में आ...

  • कांग्रेस चुनाव लड़ना सचमुच भूल गई है!

    कांग्रेस कमाल की पार्टी हो गई है। चुनाव हारते ही वह इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम और चुनाव आयोग को कोसना शुरू कर देती है। हालांकि ऐसा नहीं है कि ईवीएम को लेकर सवाल नहीं हैं या चुनाव आयोग की भूमिका पक्षपातपूर्ण नहीं है। चुनाव आयोग की तटस्थता और निष्पक्षता तो काफी पहले तिरोहित हो चुकी है। लेकिन हर बार कांग्रेस के चुनाव हारने का कारण यही नहीं होता है। कांग्रेस हर बार अलग अलग कारणों से हारती है, जिनमें से कुछ कांग्रेस की अपनी राजनीति से जुड़े होते हैं तो कुछ देश की राजनीति और समाज व्यवस्था में आ...

  • अराजनीतिक सलाहकारों,यू ट्यूबर्स आंकडेबाजों से डूब रही हैं कांग्रेस

    कांग्रेस कमाल की पार्टी हो गई है। चुनाव हारते ही वह इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम और चुनाव आयोग को कोसना शुरू कर देती है। हालांकि ऐसा नहीं है कि ईवीएम को लेकर सवाल नहीं हैं या चुनाव आयोग की भूमिका पक्षपातपूर्ण नहीं है। चुनाव आयोग की तटस्थता और निष्पक्षता तो काफी पहले तिरोहित हो चुकी है। लेकिन हर बार कांग्रेस के चुनाव हारने का कारण यही नहीं होता है। कांग्रेस हर बार अलग अलग कारणों से हारती है, जिनमें से कुछ कांग्रेस की अपनी राजनीति से जुड़े होते हैं तो कुछ देश की राजनीति और समाज व्यवस्था में आ...

  • और लोड करें