Randhawa :- भारत के महान ट्रैक और फील्ड खिलाड़ी गुरबचन सिंह रंधावा ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने बढती उम्र के कारण भारतीय एथलेटिक्स महासंघ की चयन समिति से इस्तीफा दे दिया है।
एशियाई खेल 1962 में डेकाथलन में स्वर्ण पदक जीतने वाले 84 वर्ष के रंधावा 1964 ओलंपिक में 110 मीटर बाधा दौड़ में पांचवें स्थान पर रहे थे। उन्होंने कहा कि बढती उम्र के कारण वह अपनी जिम्मेदारी शत प्रतिशत नहीं निभा पा रहे हैं। उन्होंने एक विज्ञप्ति में कहा, मैंने 18 साल जिम्मेदारी निभाने के बाद भारतीय एथलेटिक्स महासंघ की चयन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि यह किसी युवा को जिम्मेदारी सौंपने का सही समय है क्योंकि भारतीय एथलेटिक्स का यह रोमांचक दौर है।
उन्होंने नीरज चोपड़ा और अंजू बॉबी जॉर्ज का खास तौर पर जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि हमारे पास दो विश्व चैम्पियनशिप पदक विजेता अंजू बॉबी जॉर्ज और नीरज चोपड़ा हैं। चोपड़ा का ओलंपिक स्वर्ण सोने पे सुहागा रहा है। इतने साल करीब से चूकते रहे जिसमें दिवंगत मिल्खा सिंह 1960 में और पी टी उषा 1984 में शामिल है। चोपड़ा ने सभी का सपना पूरा कर दिया।
रंधावा तोक्यो ओलंपिक 1964 में भारतीय दल के ध्वजवाहक थे। उन्हें 1961 में अर्जुन पुरस्कार और 2005 में पद्मश्री से नवाजा गया। उन्होंने कहा, एथलेटिक्स बचपन से मेरे खून में है और मुझे खुशी है कि अलग अलग पदों पर खेल की सेवा कर सका। (भाषा)