आईपीएल 2025 का पहला ही मुकाबला दर्शकों के लिए रोमांच का महासागर बन गया। 16 मार्च को खेले गए इस मैच में दिल्ली कैपिटल्स और राजस्थान रॉयल्स आमने-सामने थीं।
दोनों ही टीमों ने अपने-अपने स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन किया, लेकिन आखिरकार निर्णय पहुंचा सुपर ओवर तक – जो कि इस सीज़न का पहला सुपर ओवर भी रहा। दिल्ली कैपिटल्स ने इस निर्णायक ओवर में राजस्थान रॉयल्स को मात दी, लेकिन क्या वास्तव में राजस्थान सिर्फ सुपर ओवर में हारी?
ये सवाल जितना सीधा लगता है, जवाब उतना ही जटिल है। आंकड़ों और पलों पर नजर डालें तो साफ पता चलता है कि राजस्थान की हार सिर्फ सुपर ओवर में नहीं हुई, बल्कि उसके बीज मैच के आखिरी ओवर में ही बो दिए गए थे।
Great skill under pressure from Starc to defend 9 in the final over and take the game to the super over. Jurel should have gone for the second run on the penultimate ball though. #DCvRR #IPL2025
— Wasim Jaffer (@WasimJaffer14) April 16, 2025
कहां चूकी राजस्थान रॉयल्स?
राजस्थान रॉयल्स को जीत के लिए आखिरी ओवर में महज़ 9 रनों की दरकार थी। क्रीज़ पर सेट बल्लेबाज़ मौजूद थे और दर्शकों को भी यकीन था कि अब मुकाबला राजस्थान की झोली में जाने वाला है।
लेकिन दिल्ली कैपिटल्स के अनुभवी तेज़ गेंदबाज़ मिचेल स्टार्क ने अपना अनुभव और क्लास दिखाते हुए ये 9 रन डिफेंड कर लिए। हालांकि, मैच का असली टर्निंग पॉइंट आखिरी ओवर की पाँचवीं गेंद पर आया।
उस गेंद पर जो हुआ, उसने न सिर्फ राजस्थान के इरादों को तोड़ा बल्कि मैच की दिशा भी पलट दी। ना तो बल्लेबाज़ सही निर्णय ले पाया, और ना ही रनिंग में तालमेल दिखा। वही एक चूक, एक क्षणिक भ्रम, राजस्थान की जीत को हार में बदल गया।
Errihuuuuu Dhruv Jurel 🤡 pic.twitter.com/8mEdtrDnTM
— MegaPower (@SandyDhanapala) April 16, 2025
सिर्फ एक गेंद ने बदल दी कहानी
क्रिकेट एक ऐसा खेल है जिसमें एक गेंद, एक रन, एक कैच या एक मिसफील्ड पूरे मैच की दिशा बदल सकता है। राजस्थान रॉयल्स के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ।
आखिरी ओवर की पाँचवीं गेंद तक मुकाबला लगभग बराबरी पर था, लेकिन उस एक क्षण में लिए गए ग़लत निर्णय ने राजस्थान को सुपर ओवर तक धकेल दिया – जहां किस्मत ने भी साथ नहीं दिया।
इस मुकाबले से एक बात साफ है – आईपीएल में सिर्फ बड़े स्कोर या सुपर ओवर ही निर्णायक नहीं होते, बल्कि छोटी-छोटी गलतियाँ ही हार और जीत के बीच का अंतर तय करती हैं। राजस्थान रॉयल्स ने बहादुरी से खेला, लेकिन आखिरी ओवर की एक चूक ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया।
अब देखना ये होगा कि आने वाले मुकाबलों में राजस्थान रॉयल्स इन गलतियों से कितना सबक लेती है और अपनी रणनीति को कैसे सुधारती है। क्योंकि आईपीएल में हर मैच, हर गेंद मायने रखती है।
राजस्थान की हार एक गलत फैसला
आखिरी ओवर में जब राजस्थान को जीत के लिए 9 रन की जरूरत थी, तब रोमांच अपने चरम पर था। मैदान पर मौजूद थे शिमरोन हेटमायर और ध्रुव जुरेल – दोनों ही ऐसे बल्लेबाज़ जो मुश्किल हालात में मैच का रुख पलटने की काबिलियत रखते हैं।
पहली तीन गेंदों पर दोनों बल्लेबाज़ों ने मिलकर 4 रन बटोरे। अब राजस्थान को जीत के लिए 3 गेंदों में सिर्फ 5 रन चाहिए थे। उम्मीदें बनी हुई थीं, दर्शकों की धड़कनें तेज़ थीं, और स्टेडियम में मौजूद हर एक फैन को यकीन था कि टीम ये मैच निकाल लेगी।
स्टार्क की चौथी गेंद पर हेटमायर ने 2 रन लिए और स्कोर को और पास ले आए। अब समीकरण था – 2 गेंद में 3 रन। यानी एक चौका या दो रन का संयोजन मैच को राजस्थान की झोली में डाल सकता था। लेकिन फिर आया वो मोड़, जिसने पूरे मैच का रुख बदल दिया।
20वें ओवर की पांचवीं गेंद पर स्टार्क ने शानदार यॉर्कर डाली, जिसे हेटमायर ने लॉन्ग ऑन की दिशा में खेला। दोनों बल्लेबाज़ों ने तेज़ी से पहला रन पूरा किया।
उस पल लग रहा था कि दूसरा रन भी लिया जा सकता है – फील्डिंग में थोड़ी सी ढील और रन की संभावना भी दिख रही थी। लेकिन तभी ध्रुव जुरेल ने दौड़ते हुए हेटमायर को वापस भेज दिया। ये फैसला मैच के लिए निर्णायक साबित हुआ।
अगर जुरेल दूसरा रन दौड़ते, तो शायद स्कोर बराबर हो जाता या आखिरी गेंद पर सिर्फ 1 रन की जरूरत रह जाती। मगर जुरेल की हिचकिचाहट ने मैच राजस्थान से छीन लिया। उनके इस फैसले ने ना सिर्फ फैंस को निराश किया, बल्कि टीम की जीत की उम्मीदों को भी धुंधला कर दिया।
इस मैच में यह एक पल ऐसा था, जो शायद लंबे समय तक याद रखा जाएगा – एक ऐसा पल जहाँ साहसिक फैसला ले लिया जाता, तो नतीजा कुछ और हो सकता था। लेकिन क्रिकेट इसी का नाम है – एक फैसला, एक रन, और बदल जाती है पूरी कहानी।
ध्रुव जुरेल दूसरा रन दौड़ गए होते तो…
आईपीएल के एक बेहद रोमांचक मुकाबले में राजस्थान रॉयल्स और उनके फैंस को एक पल के फैसले ने मायूस कर दिया। सोशल मीडिया पर इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है ध्रुव जुरेल का वह फैसला, जब उन्होंने अंतिम ओवर में एक अतिरिक्त रन लेने का मौका गंवा दिया। अगर जुरेल उस समय दूसरे रन के लिए दौड़ गए होते, तो शायद मैच का नतीजा कुछ और होता।
मैच की आखिरी गेंद पर राजस्थान रॉयल्स को जीत के लिए 2 रन की जरूरत थी। ध्रुव जुरेल स्ट्राइक पर थे, लेकिन उससे ठीक पहले एक गेंद पर उन्होंने एक रन लेकर खुद को स्ट्राइक पर रखा, मगर दूसरा रन नहीं दौड़े। यहीं से बहस की शुरुआत हुई।
पूर्व भारतीय बल्लेबाज और क्रिकेट एक्सपर्ट वसीम जाफर ने भी अपने एक्स (Twitter) हैंडल पर इस फैसले पर सवाल उठाया और कहा कि जुरेल को दूसरे रन के लिए जाना चाहिए था।
उनके अनुसार, अगर जुरेल ने वह दूसरा रन ले लिया होता, तो आखिरी गेंद पर सिर्फ 1 रन चाहिए होता – और ऐसे में मैच सुपर ओवर तक नहीं पहुंचता। राजस्थान रॉयल्स को उस निर्णायक क्षण में जीत मिल सकती थी, जिससे टीम के प्लेऑफ की राह भी आसान हो जाती।
सोशल मीडिया पर भी फैंस इस घटना को लेकर दो भागों में बंटे नज़र आ रहे हैं। कुछ लोग जुरेल के निर्णय को परिस्थिति के अनुसार समझदारी मान रहे हैं, जबकि कई लोग मानते हैं कि आईपीएल जैसे हाई प्रेशर टूर्नामेंट में ऐसे मौके नहीं छोड़े जाते।
ध्रुव जुरेल ने अब तक अपने प्रदर्शन से काफी प्रभावित किया है, लेकिन क्रिकेट में एक-एक रन की कीमत कभी-कभी पूरी कहानी बदल सकती है। यह भी सच है कि युवा खिलाड़ियों पर आखिरी ओवर का दबाव अलग ही होता है, और ऐसे में निर्णय लेना आसान नहीं होता।
अब देखना ये होगा कि राजस्थान रॉयल्स के टीम मैनेजमेंट और कप्तान संजू सैमसन इस फैसले को किस नजरिए से देखते हैं और आने वाले मुकाबलों में रणनीति में कोई बदलाव होता है या नहीं। लेकिन फिलहाल, फैंस के दिलों में यही सवाल गूंज रहा है – अगर जुरेल ने दूसरा रन दौड़ लिया होता, तो क्या राजस्थान रॉयल्स की किस्मत कुछ और होती?
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