संसद का नया सत्र शुरू हुआ है और इसके साथ ही चीन के साथ सीमा विवाद का मामला भी उठ गया है। यह एक ट्रेंड हो गया है कि लगभग हर सत्र से पहले चीन का मामला उठता है और उस मुद्दे पर पूरे सत्र हंगामा चलता रहता है। सरकार किसी स्थिति में उस पर चर्चा के लिए तैयार नहीं होती है। इससे पहले दिसंबर में शीतकालीन सत्र काफी देर से शुरू हुआ और उससे ठीक पहले तवांग में चीनी सैनिकों के घुसपैठ का मामला सामने आ गया। यह मामला सामने आने के बाद विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाया और इस पर चर्चा की मांग की। सरकार की तरफ से दोनों सदनों में इस पर जवाब दे दिया गया लेकिन चर्चा नहीं कराई गई। सो, पूरा सत्र इसी मसले पर जाया हो गया।
इस बार फिर बजट सत्र से पहले चीन का मामला आ गया है। इस बार लद्दाख की एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की रिपोर्ट के हवाले से यह बात सामने आई है कि भारत की सेना और सुरक्षा बल 65 पेट्रोलिंग प्वाइंट में से 26 पर गश्त नहीं कर रही है। बताया जा रहा है कि नई दिल्ली में देश भर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की बैठक में यह रिपोर्ट रखी गई थी। विपक्षी पार्टियां इसे मुद्दा बना रही हैं। सोमवार को हुई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने चीन पर चर्चा कराने की मांग रखी। सो, संभव है कि इस सत्र में भी चीन का मुद्दा उठे। हालांकि इस सत्र के पहले चरण में राष्ट्रपति का अभिभाषण, बजट और अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होनी है। इसलिए सदन की कार्यवाही ठप्प होने की संभावना कम है।